छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच मानूसन ने भी दस्तक दे दी है। नदियों में जलस्तर की वृद्धि हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन , स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र लिखकर सभी डीपीओ और सीडीपीओ को दिशा-निर्देश दिया है। आईसीडीएस के निदेशक ने निर्देश दिया है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में उन क्षेत्रों की पहचान की जाय जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाये गये हैं, क्योंकि उन पोषक क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। क्षेत्र भ्रमण के दौरान सभी पदाधिकारी व कर्मी को अपने मुंह-नाक को अच्छी तरह सें ढंकना अनिर्वाय होगा। मास्क या गमछा का प्रयोग किया जायेगा।सभी कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर आपदा पूर्व तैयारी के क्रम उनकी सूची तैयार करें।पोषक क्षेत्र में आने वाली सभी महिलाओं व स्वास्थ्य की दृष्टि से अतिसंवेदनशील महिलाओं की सूची संभवित प्रसव की तिथि तैयार की जायेगी। ताकि बाढ़ के दौरान सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके।
बाढ़ राहत शिविर में मेटरनिटी हब होगा स्थापित
बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में पेयजल की सुविधा तथा स्वच्छता के लिए शौचालय एवं अन्य सुविधाओं के साथ आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र एवं मेटरनिटी हब स्थापित किये जायेंगे ताकि पोषण एवं स्वास्थ्य मातृत्व सेवाएं उपलब्ध कराया जा सके। साथ हीं आपदा राहत शिविरों में बच्चों के लिए दूध एवं पौष्टिक आहार देने की सुविधा बहाल की जायेगी।
स्तनपान कराने के लिए होगा सुरक्षित जगह
सभी डीपीओ और सीडीपीओ को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ राहत शिविरों में धात्री माताओं के लिए बच्चों को स्तनपान करने के लिए विशेष सुरक्षित जगह की व्यवस्था की जाये। जिससे नवजात बच्चों को स्तनपान करने में सुविधा हो, साघ्थ हीं धात्री माताओं के लिए पौष्टिक आहार की सुविधा मुहैया करायी जायेगी।
साफ-सफाई पर होगा विशेष ध्यान
सेविकाओं द्वारा राहत कार्य शिविरों तथा सामुदायिक रसोई में हाथ धोने, साफ-सफाई, साबुन का प्रयोग आदि व्यवहारों में पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। साथ ही कोई भी कार्य करने से पहले अपने नाक-मूह को ठीक प्रकार से ढंक कर हीं करना होगा।
कम उम्र के बच्चों को मिलेगा आधारित आहार
राहत शिविर में सेविकाओं के द्वारा पौष्टिक आहार जैसे- दलिया, खिचड़ी, हलवा, तैयार करने में शिविर की महिलाओं का सहयोग देना होगा। जिससे कि कम उम्र के बच्चों को उम्र आधारित आहार दिया जा सके। कार्यरत आंगनबाड़ी केंद्रों से पूरक पोषाहार को निर्बाध रूप से जारी रखना है। साथ ही पोषाहार क्रय एवं रख-रखाव कि आपात योजना तैयार कर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
माताओं को स्तनपान एवं ऊपरी आहार पर की जायेगी काउंसलिंग
आईसीडीएस कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर गर्भवती एंव बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाना तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं के पास प्राथमिक उपचार का कीट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आयरन की गोली भी किशोरियों एवं बचचों के बीच वितरित किया जायेगा। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के माताओं की विशेष काउंसलिंग कर स्तनपान एवं ऊपरी आहार को जारी रखने का लगातार सलाह देना है।
क्या-क्या है तैयारी
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