सिसवन: सरयू नदी के गोगरा तटबंध में है कई सुराख, नहीं हुई तटबंध की मरम्मत

परवेज अख्तर/सिवान: अंग्रेजों के जमाने में बना सरयू नदी पर गोगरा तटबंध को कुछ स्थानों पर मिट्टी-बालू डालकर मजबूत तो कर दिया गया, लेकिन अब भी कचनार, भागर, सिसवन, ग्यासपुर गांव में कहीं-कहीं इसका पुराना ही अस्तित्व है। कचनार, भागर, सिसवन के सामने दर्जनों सुराख बने हुए हैं, जो भविष्य में तटबंध से सटे दर्जनों गांवों के लिए आफत बन सकते हैं। ये सुराख इतने बड़े-बड़े हैं कि अगर नदी का जलस्तर बढ़ेगा और तटबंध से टकराता है तो पानी का रिसाव काफी तेज हो सकता है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में गंभीरता नहीं दिख रही है। पूर्व में गांव के लोगों ने कई बार लिखित और मौखिक रूप से अधिकारियों को सूचना दी है, मगर सुराख बंद करने और कटाव रोकने को लेकर किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया है। बरसात के समय रिसाव वाली जगहों पर बालू व मिट्टी की भरी बोरी डालकर रिसाव को बंद किया जाता है, उसके बाद विभाग भूल जाता है।

भागर, कचनार तथा साईपुर में होता है पानी का रिसाव :

पिछले कई वर्ष से भागर, कचनार और साईंपुर गांव के सामने पानी का रिसाव होता है। नदी में पानी बढ़ते ही गांववालों की चैन खत्म हो जाती है। उस वक्त गांव के लोग दहशत भरी जिंदगी जीते हैं। वर्ष 2022 मे ही कचनार स्लुइस गेट के पास एवं भागर मठ के समीप जानवरों द्वारा बनाए गए बड़े-बड़े सुराख के चलते पानी का रिसाव तेज हो गया था जिसके बाद आनन फानन में विभाग द्वारा मिट्टी भरी बोरी डालकर रिसाव को बंद किया गया। बावजूद इसके विभाग अभी तक नहीं चेता और नहीं तटबंध की मरम्मत कराई। बाढ़ के समय में तटवर्ती लोगों में इतना भय रहता है कि वे रातभर जगकर जलस्तर की निगरानी करते हैं। तटबंध से लगे कचनार पंचायत के शुभहाता, सिमसिमिया, गुदरीहाता एवं भागर सिसवन, ग्यासपुर, साईपुर गांव सहित अन्य गांवों के लोग इस तटबंध के ऊपर वर्षा के मौसम तक नजरें जमाए रखने के साथ ही रात में अक्सर कुछ लोगों की टीम तथा समूह बनाकर तटबंध की निगरानी भी करते हैं। चूंकि जब नदी में पानी का सैलाब बढ़ता है तो इनके गांव के अलावा चंवर क्षेत्र की धान और मक्के की फसल डूबने लगती है। किसानों की खेती के साथ गरीबों की फुस की झोपड़ियां तथा मवेशियों के निवास स्थान तक पानी भरने के चलते काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है। स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले साल तटबंध में आई खराबी को लेकर प्रशासन को सचेत किया था, लेकिन साल भर में भी कोई कदम नहीं उठाया गया। अभी भी सबसे जर्जर कचनार एवं भागर में तटबंध जर्जर हालत में है जहां दर्जनों की संख्या में गढ्ढे, रैनकट, रैटकट, सियार, साहिल आदि जानवरों द्वारा बनाए गए गड्ढे देखे जा सकते हैं।

Siwan News

Recent Posts

सिवान: हत्या मामले में फरार आरोपित को पुलिस ने पकड़ा

सिवान: पचरुखी थाने की पुलिस ने शुक्रवार की सुबह भवानी मोड़ के समीप से हत्या…

January 25, 2025

खुशखबरी: सिवान से वाराणसी सिटी तक चलेगी महाकुंभ स्पेशल ट्रेन

सिवान जंक्शन से महाकुंभ स्पेशल ट्रैन यात्रियों के लिए चलेगी, रेलवे ने यात्रियों की सहूलियत…

January 13, 2025

बिहार में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, नया कानून पास

पटना: बिहार में अब सरकारी जमीन, मकान और अन्य संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों…

November 28, 2024

सिवान: हनुमान मंदिर में की गई आरती, हुआ प्रसाद वितरण

परवेज अख्तर/सिवान: शहर के सिसवन ढाला लक्ष्मीपुर हनुमान मंदिर में मंगलवार की देर संध्या श्रीमाता…

August 21, 2024

सिवान: चोरी की बाइक के साथ एक चोर गिरफ्तार

परवेज अख्तर/सिवान: नगर थाना की पुलिस ने चोरी की एक बाइक के साथ एक चोर…

August 21, 2024

असांव: दो पक्षों में मारपीट, चार घायल

परवेज अख्तर/सिवान: जिले के असांव थाना क्षेत्र के छितनपुर गांव में बुधवार को बंटवारे को…

August 21, 2024