परवेज अख्तर/सिवान: जिले में बेमौसम बारिश एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। इससे किसानों को नुकसान तो हुआ ही है, चिमनी ईंट भट्टा मालिकों को करोड़ों का नुकसान हो गया है। गुरूवार की रात और शुक्रवार को दिन में जिले के करीब सभी हिस्सों में थोड़ा-बहुत बारिश हुई ही थी। शुक्रवार की रात में इसने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ हुई इस बारिश ने किसानों में तहलका मचा दिया है। किसान अभी जनवरी महीने में दो-तीन बार की बारिश से हुए नुकसान से ऊबरे भी नहीं थे कि इस बारिश व ओलावृष्टि से फिर आफत में पड़ गए। हालांकि, आसमान से गिर रहे बर्फ के टुकड़ों के छोटे-छोटे होने के कारण काफी नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, इस बारिश से दलहनी और तेलहनी फसल पर व्यापक रूप से प्रभाव पड़ने की संभावना है। जनवरी माह में हुई बारिश के चलते दलहनी फसल मटर, चना व मसूर पर इस कदर प्रभाव पड़ा है कि इनमें ढंग से फूल भी नहीं लग पा रहे हैं। जिनमें फूल लग भी रहे हैं ठीक से फलियां नहीं पकड़ रहीं है। प्रकृति की आफत का मारा किसान कर भी क्या सकता है।
तेल की महंगाई से सरसों की खूब हुई थी खेती
सरसों के तेल की महंगाई से किसान पीछले साल के मुकाबले इस साल खूब खेती किए थे। लेकिन, बार-बार बारिश होते रहने से इनके पौधों का न तो बढ़िया से ग्रोथ हुआ है न पैदावार ही अच्छा होने की उम्मीद है। किसान पारसनाथ सिंह का कहना है कि सरसों के पौधों की सिंचाई सिर्फ एक बार वह भी हल्की ही की जाती है। अधिक पानी देने से इनके पौधों का ठीक से विकास नहीं होता है। लेकिन, बारिश ने किसानों के संजोए हुए अरमानों पर पानी फेर कर रख दिया है। रघुनाथपुर कृषि फार्म में करीब 26 एकड़ में मसूर लगाया गया है। लेकिन, इसमें फूल देखने को भी नहीं मिल रहा है। निखती खुर्द के कई किसानों ने बताया कि उनके चना की फसल में अब तक फूल नहीं आया। पिछले महीने की बारिश से खेत ज्यादा नमी हो जाने से इनके पौधे पीले पड़ गए थे। चार-पांच दिनों से दिन ठीक होने से पौधे ग्रोथ कर रहे थे कि फिर से बारिश हो गयी।
गेहूं और मक्का की फसल के लिए है वरदान
किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश दलहनी-तेलहनी फसलों के साथ-साथ आलू-प्याज के लिए नुकसानदेह तो है, लेकिन गेहूं व मक्का की फसल के लिए वरदान है। जिले में इस साल लक्ष्य से अधिक गेहूं की बुआई हुई है। इस साल गेहूं की बुआई का अच्छादन लक्ष्य 101590 हेक्टयर था। जबकि इस साल 101777 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है। इसी तरह सरसों की बुआई भी लक्ष्य से अधिक हुई है। जानकारी के अनुसार खेसारी, रजमा, जौ व सूर्यमुखी की बुआई ही लक्ष्य से काफी कम हुई है। लेकिन, अभी सूर्यमुखी की बुआई का समय किसानों के पास है। जिले में चना 610 हेक्टयर, तीसी 861 हेक्टेयर, मसूर 1389 हेक्टेयर, मटर 993 हेक्टेयर व मक्का रबी का 13180 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है। जबकि 5213 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बुआई की गयी है। रजमा 3 हेक्टेयर, सूर्यमुखी 30 हेक्टेयर, खेसारी 20 हेक्टेर और जौ की खेती 398 हेक्टेयर में की गयी है।
परवेज अख्तर/सिवान: शहर के सिसवन ढाला लक्ष्मीपुर हनुमान मंदिर में मंगलवार की देर संध्या श्रीमाता…
परवेज अख्तर/सिवान: नगर थाना की पुलिस ने चोरी की एक बाइक के साथ एक चोर…
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के असांव थाना क्षेत्र के छितनपुर गांव में बुधवार को बंटवारे को…
परवेज अख्तर/सिवान: बरौनी से लखनऊ को जाने वाली 15203 एक्सप्रेस ट्रेन पर बुधवार की रात्रि…
परवेज अख्तर/सिवान: जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के सलाहपुर भगवानपुर गांव नहर के पास बुधवार…
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में हथियार लहराना और हथियार के साथ फोटो खींच इंटरनेट मीडिया पर…