परवेज अख्तर/सिवान: जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर कई तरह की योजनाएं संचालित है। मातृ मृत्यु की सूचना को बढ़ावा एवं सुनिश्चित करने के उदेश्य से सरकार ने सुमन कार्यक्रम के तहत प्राइमरी रिस्पोंडेंट को प्रति मातृ-मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। प्राथमिकता के आधार पर प्राइमरी रिस्पोंडेंट के रूप में आशा को प्रोत्साहित किया जाना है। ऐसे सूचना देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 200 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
सूचना मिलने पर टीम करेगी जांच:
सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि मातृ-मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच के पश्चात मातृ मृत्यु की सूचना को सत्यापित किया जायेगा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मातृ-मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले को भी सत्यापित करेंगे। जिसके बाद प्रोत्साहन की राशि देय होगी। यह प्रोत्साहन राशि आशाओं को अन्य कार्यक्रमों की अन्तर्गत दी जा रही राशि की तरह ही प्रदान की जायेगी। जिसका भुगतान प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड लेखापाल के सत्यापन के बाद देय होगा।
क्या है सुमन कार्यक्रम:
वैसी मातृ तथा शिशु मृत्यु जिसकी रोकथाम की जा सकती है को शून्य करने के उदेश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरूआत की है। कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में आने वाली सभी महिलाओं और शिशुओं को अनिवार्य रूप से सम्मानपूर्ण तथा उच्व्च कोटी की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है इसके अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं के लिए लाभार्थी को किसी भी तरीके से मना नहीं किया जा सकता है। एएनसी, एचबीएनसी, सुरक्षित प्रसव, “0” डोज टीकाकरण, स्तनपान में सहयोग, आवागमन के लिए मुफ्त रेफरल की सुविधा, जन्म प्रमाण पत्र वितरण, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के लिए सलाह तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर के कॉल सेंटर के माध्यम से सभी शिकायतों का निवारण सुनिश्चित किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना
स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जात है प्रशिक्षण:
डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में लगातार कार्य हो रहें है। मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ताओं एएनएम और कर्मियों को आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ हीं समुदाय के लोगों के जागरूकता लाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
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