परवेज अख्तर/सिवान:
भारत के वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स रिटर्न पर की बड़ी घोषणा करते हुए 75 साल से ऊपर के ऐसे लोगों को, जिनकी आय का स्रोत पेंशन और ब्याज है, उन्हें आईटीआर फाइल करने से मुक्त कर दिया है. तीसरे बजट से नौकरीपेशा लोगों को मायूसी हाथ लगी है. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि लोग कोरोना संकट की वजह से आयकर में छूट की उम्मीद लगाए हुए थे. वित्त मंत्री ने सिर्फ 75 से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन्स को ही इसमें राहत देते हुए उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न आईटीआर फाइल करने से मुक्त कर दिया है.
पक्ष ने बजट को सराहा
भाजपा नेता दिलीप सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेस बजट की सराहना की है. यह बहुत ही बढ़िया बजट है. अच्छे बजट की उम्मीद सबको थी . वित्तमंत्री ने प्रोग्रेसिव और बोल्ड बजट दिया है . कहा कि इस बात का ध्यान रखा गया है कि चाहे उद्योग जगत हो या आम नागरिक, उन पर बोझ न आए लेकिन साथ ही साथ इन्वेस्टमेंट भी बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है. टैक्सपेयर पर भरोसा बढ़ाने की दिशा में सरकार ने कदम उठाया ही है यह बहुत सराहनीय प्रयास है.
बीजेपी संगठन विस्तारक मिथलेश सिंह ने कहा कि ऐसे माहौल में जब सरकार पर इतना ज्यादा दबाव था वित्त मंत्री ने एक बहुत बढ़िया बजट दिया है. हेल्थ बजट बढ़ाना बहुत ही बढ़िया प्रयास है क्योंकि देश में हेल्थ सेक्टर में जितना इन्वेस्टमेंट होना चाहिए था, उतना हुआ नहीं. ऐसे में सरकार ने इस चीज को रिकॉग्नाइज किया है. एनडीए के लोग कह रहे हैं कि हमको उम्मीद नहीं थी कि इतना बड़ा आवंटन हेल्थ सेक्टर में सरकार करेगी. वैक्सीन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है.अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है
विपक्ष ने बजट को कहा छलावा बजट
बिहार प्रदेश राजद के पूर्व सचिए अरबिंद गुप्ता ने बजट को को बेहद ही निराशाजनक बताया .कहा कि मोदी सरकार ने सभी सेक्टर में निराश किया है. न्यूनतम, मध्यम वर्ग को फिर एक बार सब्जबाग दिखाने की कोशिश की गई. फिर देश की जनता को आगामी 10 वर्ष का लोकलुभावन ख्वाब दिखाने का कार्य करने की घोषणा किया गया. हमारे देश के 70 प्रतिशत अन्य दाता किसान भाइयों को कुछ खास लाभ नहीं मिल सका, देश के किसानों को ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन डालने का नाकाम लोकलुभावन सब्जबाग दिखाकर एक बार फिर ठगने का काम किया है कांग्रेस के नेट्स रमेश उपाध्याय ने बजट को जन विरोधी और गरीब विरोधी बतस्य है .इस बजट में बेरोजगारों व नौजवानों के लिये कुछ भी नहीं है. यह बजट लोकलुभावने व पूंजीपतियों के हित के लिए बजट है. 2022 तक देश के सभी गरीबों को घर देने की घोषणा सिर्फ छलावा है. गरीबों के रोजगार के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है.
माकपा के मुंशी सिंह ने कहा कि सी-टू प्लस आधार पर किसानों के लागत डेढ़ गुणा मूल्य व कर्ज माफी पर बजट खामोश है. बटाईदार-छोटे व सीमांत किसानों को वार्षिक अनुदान से भी वंचित रखा गया. मनरेगा मजदूरों की मजदूरी वृद्धि पर बजट में कुछ भी नहीं. शिक्षा-स्वास्थ्य-ग्रामीण विकास योजनाओं की राशि में भारी कटौती मध्य वर्ग के लिए कर में छूट लेकिन उनके बेरोजगार बच्चों के लिए रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है
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