परवेज अख्तर/सिवान:- अक्टूबर माह में हुई अंतिम बारिश का खेतों में लगा पानी किसानों के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है। जिससे उनकी सैकड़ों एकड़ धान की फसल खेतों में पानी लगे होने से कटाई नहीं हो पा रही है। एक तरफ जहां उनकी धान की फसल पकने के बाद पानी में सड़ रही है। वहीं गेहूं की बुवाई भी पिछड़ रही है ।बरसात की अंतिम बारिश किसानों के लिए परेशानी का सबब बन कर आई है और धान की खेतो में पानी लगे होने के कारण एक ओर जहां किसानों को फसल काटने में परेशानी हो रही है ।वहीं अधिकांश किसानों के धान की फसलें धीरे-धीरे सड रही हैं ।जिसके चलते कंबाइन से इनकी कटाई संभव नहीं हो पा रही है। छोटे किसान हाथ से धान की कटाई कर धान को निकालने में जुटे हैं तो वहीं बड़े किसान धान की कटाई को लेकर चिंतित हैं। मजदूर नहीं मिल रहे हैं जिसे लेकर मजदूरों की कमी देखी जा रही है।। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है। धान की कटाई के बगैर गेहूं की बुवाई संभव नहीं है। ऐसे में किसानों का माथे पर परेशानी का सबब स्पष्ट देखा जा सकता है। जब तक पानी खेतों से समाप्त नहीं होगा तब तक गेहूं की बुवाई में काफी विलंब हो जाएगा ।गेहूं की बुवाई 15 नवंबर से शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल परिस्थिति ऐसी है की धान की कटाई में नवंबर बीत सकता है। जिससे गेहूं की बुवाई में काफी विलंब हो सकता है ।कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस साल खेतों में पानी अधिक होने से गेहूं की बुवाई बारिश का असर पड़ेगा। जिससे उनके उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ेगा जिले के निचले इलाकों में पानी के चलते धान की फसल खेतों में ही खड़ी है। ऐसे में किसानों का क्या होगा यह तो ऊपर वाला ही जानता है।
अक्टूबर में हुई बारिश किसानों के लिए बनी आफत, खेतों में सड़ रहे धान और गेहूं की बुवाई लंबित
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