भारत बंद का व्‍यापक असर, बंद रहीं दुकानें

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परवेज अख्‍तर, सिवान :- एससी/एसटी कानून को कमजोर करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सोमवार को आहुत भारत बंद के दौरान सोमवार को विभिन्न संगठनों ने एक साथ इसका विरोध करते हुए जिले में प्रदर्शन किया। इस दौरान बंद का व्यापक असर का देखने को मिला। बंद कराने के लिए सुबह आठ बजे से ही राजद, माले, अनुसूचित जनजाति सहित विभिन्न संगठनों के नेता अपने समर्थकों संग सड़क पर उतर गए। शहर के हर चौक चौराहे पर सड़क को बाधित कर भारत बंद किया गया। इस दौरान शहर में कहीं भी दुकानें नहीं खुली। जिससे जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा। सड़कों को बाधित कर दिए जाने के कारण एप्रोच रोड ही लोगों का सहारा रहा लेकिन बंद कराने वालों ने वहां भी आवागमन को बाधित कर दिया था। सोमवार की सुबह साढ़े आठ बजे से शहर में बंद को लेकर भीम सेना, राजद, माले, जन अधिकार पार्टी समेत कई संगठन के लोग सड़क पर उतर गए। शहर में सबसे पहले सड़कों पर उतरे लोग खुली दुकानों को शांतिपूर्ण तरीके से बंद करने को लेकर मार्च किया एवं सभी दुकानों को बंद कराया। बंदी के दौरान शहर के जेपी चौक, बबुनिया मोड़, अस्पताल मोड़, गोपालगंज मोड़, बड़हरिया स्टैंड, स्टेशन मोड़ समेत सभी चौक-चौराहों पर बंद के समर्थन में उतरे लोगों ने सड़कों को बैरिकेडिंग कर पूरी तरह से बंद कर दिया। बंदी के दौरान सड़कों पर आम लोगों एवं बंद के समर्थकों के बीच नोंकझोंक भी होती रही। बता दें कि बंदी के दौरान लोगों ने दो पहिया, तीन पहिया समेत सभी बड़े वाहनों को रोका।

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एंबुलेंस को रोक जताया विरोध

शहर के गोपालगंज मोड़ पर सोमवार को भारत बंद करा रहे लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान एक एंबुलेंस को गोपालगंज मोड़ पर रोक दिया गया। यह देख यहां उपसभापति बबलू साह पहुंचे और न्यायपालिका के विरोध में किसी आम जन को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की। शहर में निकाला मार्च, डीएम को सौंपा ज्ञापन बता दें कि अनुसूचित जाति/जन जाति संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सिवान इकाई ने विशाल विरोध मार्च निकाला। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अनुसूचित जाति/जन जाति निवारण अधिनियम 89 की धाराओं को शक्तिहीन कर देने के खिलाफ भारत बंदी का आह्वान किया था। इस दौरान अंबेडकर छात्रावास संख्या दो एवं तीन वीएम हाई स्कूल महादेवा रोड से विरोध मार्च कचहरी होते हुए जेपी चौक होते हुए बबुनिया मोड़, रेलवे स्टेशन, ओवर ब्रिज, शांति वट वृक्ष, नगर थाना रोड होते हुए पुनः जेपी चौक से अंबेडकर स्मृति पार्क पहुंचा तथा बंदी के समर्थन में उतरे अन्य दलों के साथ मिलकर बंदी को सफल बनाया। वहीं अनुसूचित जाति जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा के शिष्टमंडल ने डीएम महेंद्र कुमार को भारत के राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में एससी-एसटी की शक्ति का प्रयोग की धाराओं को पुनः बहाल किया जाए, भारत में आए दिन दलितों पर हो रहे अप्रत्याशित अत्याचार को रोका जाए, जैसे मांग शामिल थीं। शिष्टमंडल में डॉ. एमआर रंजन, डॉ इंद्रमोहन कुमार, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. शंभू कुमार, डॉ. आरके आर्या समेत अन्य शामिल थे।

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सड़कों पर उतरे विभिन्न दल

अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए बदलाव को लेकर देश के अनुसूचित जाति/जनजाति के आह्वान पर सोमवार को भारत बंद किया गया। इस दौरान सिवान बंदी में अनुसूचित जाति/जनजाति के साथ राजद, माले, जनधिकार पार्टी, जनता दल यूनाइटेड समेत कई पार्टियों ने बंदी का समर्थन किया एवं सड़कों पर उतर बंदी को प्रभावकारी बनाया। बंदी के दौरान आंदोलनकारियों ने नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, संविधान की रक्षा कौन करेगा हम करेंगे आदि नारा लगा रहे थे। युवा मोर्चा के अमरजीत कुमार भारती, प्रभात कुमार, आजाद कुमार पासवान, अरुण कुमार, नागेंद्र मांझी, लखन लाल, सुजीत कुमार राम, मुन्ना राम समेत सैकड़ों युवा शामिल थे। वहीं दलित संगठनों द्वारा भारत बंद में सिवान राजद द्वारा समर्थन दिया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष परमात्मा राम ने कहा कि दलितों के किसी भी अधिकार से वंचित करने पर राजद उसका प्रतिवाद करेगा। बंद में शामिल होने वालों में पूर्व विधायक मानिक चंद्र राय, चंद्रमा प्रसाद पासवान, लीलावती गिरि कृष्णा देवी, रेनु सिंह, नंदजी राम, परवेज आलम, रंजीत यादव, उमेश कुमार सहित सैकड़ों राजद कार्यकर्ता शामिल थे। बंदी में जन अधिकार पार्टी ने भी बंद का समर्थन दिया। जिलाध्यक्ष विश्वनाथ यादव उर्फ ध्रुव यादव के नेतृत्व उपेंद्र सहनी, पूनम सिंह, कांति देवी, आलोक द्विवेदी, अनुराग मृदुल, प्रेमचंद राम समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थें। बंदी का समर्थन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माले ने भी दिया। इस मौके पर जिला सचिव नइमुद्दीन अंसारी,पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, सोहिला गुप्ता, हंशनाथ राम, देवेंद्र राम, उमा राम, हृदयानंद यादव, रामजी प्रसाद समेत सैकड़ों वाले कार्यकर्ता शामिल हुए।

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पूर्व प्रखंड प्रमुख पचरुखी महादेव पासवान के नेतृत्व में ग्रामीण आम जनता के साथ दलित युवाओं ने भाग लिया और एक्ट में संशोधन को वापस लेने को लेकर भारत बंदी का समर्थन किया। इस मौके पर नंदकिशोर राम, सुभाष कुमार, दारोगा खान, राजकिशोर पासवान समेत अन्य शामिल थे। भारत बंदी का समर्थन सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के महादलित प्रकोष्ठ ने भी समर्थन किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नंदलाल राम डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप इसमें सुधार का निवेदन किया। ज्ञापन की प्रतिलिपि चेयरमैन अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्री कानून एवं न्याय भारत सरकार नई दिल्ली, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली, प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली को भी भेजा। इसका समर्थन महादलित प्रकोष्ठ के वीरेंद्र बैठा, अर्जुन कुमार, राज किशोर राम, सरोज राम, नागेंद्र राम, रामायण राम समेत सैकड़ों लोगों ने किया।​