परवेज अख्तर/सिवान : जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के खालिसपुर निवासी फखरुजोहा के पुत्र रिजवान आलम की निर्मम हत्या की गुत्थी सुलझाने में सऊदी अरब की पुलिस काफी सक्रिय हो गई है। हत्याकांड का मुख्य सरगना यमन देश का रहने वाला ओसामा अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है। बता दें कि रिजवान आलम निर्मम हत्याकांड के सूचक उसके चाचा कमरुल जोहा है। मृतक के पिता फखरु जोहा ने बताया कि मेरा पुत्र रिजवान आलम विगत सात मई की अल सुबह तेल वाली टैंकर लेकर बदिया नियर लैला अलफाद को निकला और अपने बैरंग वापस नहीं लौटा। वहीं लौटने पर उसकी बहुत खोजबीन उसके चाचा कमरुल जोहा, बहनोई शमीम अहमद व चेचरा भाई जावेद आलम ने किया। लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लगा। बाद में थक-हारकर उसके चाचा कमलरुल जोहा ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। जिसमें शक के बुनियाद पर फार्म हाउस (माजरा) के गार्ड ओसामा को आरोपित किया।
परिजनों ने फार्म हाउस के गार्ड ओसामा पर इसलिए संदेह किया कि जिस दिन से रिजवान गायब था उस दिन से ही गार्ड ओसामा भी लापता था। इसी आधार पर सऊदी की पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी और जांच के दौरान माजरा के दो अन्य लोगों को उठाया तो घटना का पटाक्षेप तो नहीं बल्कि हत्या की गई। रेगिस्तान में दफन शव को बरामद तो जरूर कर लिया। हत्यारों ने रिजवान के शव को एक कंबल में लपेट कर दफन किया था। सऊदी पुलिस ने माजरा से जिन दो लोगों को पकड़ा वो भी यमन देश के ही रहने वाले थे तथा घटना को अंजाम देने में भी शामिल थे। पकड़े गए लोगों ने अपनी स्वीकृति बयान में कई ऐसे चौकाने वाले तथ्यों का भी उजागर किया है। पुलिस स्वीकृति बयान के आधार पर भी गहराई पूर्वक तफ्सीस शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस फरार ओसामा की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है, क्योंकि घटना का मुख्य आरोपी वहीं है। उसी की गिरफ्तारी से घटना का सही राज खुल पाना संभव है। अगर पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर लेती है तो यह साफ-साफ स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर रिजवान की हत्या क्यों की गई?
हत्या का कारण क्या था। वैसे बिना उसकी गिरफ्तारी के पकड़े गए। दोनों के बयान को पुलिस ज्यादा तरजीह नहीं दे रही है, क्योंकि घटना को अंजाम देने में ओसामा ने ही रणनीति बनाई थी। वैसे फिलहाल ओसामा की गिरफ्तारी के लिए सऊदी पुलिस उसके पिता को हिरासत में लेकर दबाव बना रही है। ताकि ओसामा पुलिस के समक्ष या हुकूमत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दे।
पकड़े गए दोनों ने पुलिस के समक्ष यह बयान दिया है कि हम सभी रिजवान की हत्या कर उसके शव को कंबल में लपेट कर रेगिस्तान में ले जाकर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को दफन कर दिए थे ताकि दूर-दूर तक किसी को सुराग नहीं लग सके। पुलिसिया अनुसंधान में यह बात भी सामने आई है कि मुख्य हत्यारा घटना को अंजाम 7 मई को ही अपने अन्य साथियों संग मिलकर दे दिया था और उसके शव को घटना का अंजाम देने वाले ही रेगिस्तान में ठिकाना लगा दिए थे। वहीं पुलिसिया अनुसंधान में यह बात भी सामने आई है कि घटना को अंजाम देने एवं शव दफन के बाद ओसामा एवं अन्य उसके साथी पैदल ही रास्ता अख्तियार कर यमन के बार्डर के समीप आभा तक चले गए थे। बता दें कि आभा एक ऐसी जगह है कि गर्मी के तबाही से सऊदी मुल्क के लोग घूमने आभा जाते हैं और आभा से नजदीक ही यमन मुल्क का बार्डर है। सूत्रों की मानें तो सऊदी अरब के नजदीक यमन का बार्डर है। इसलिए वहां अधिकांश बंजारा किस्म के लोग अवैध रूप से रहकर अपनी जीविका चलाते हैं। यदा कदा पकड़े जाने पर सऊदी हुकूमत द्वारा उन्हें सजा के रूप में जेल के सलाखों में डाल देती है। बता दें कि यमन का बंजारा अवैध रूप से सऊदी में रहने की बात उस समय सामने आई कि जब सऊदी पुलिस ने जांच की तो पता चला कि पिता सऊदी अरब में बंजारों की तरह अवैध रूप से ढाबा चलाते हैं जिनके पास सऊदी हुकूमत की ओर से कोई भी अनुमति या कागजात नहीं दी गई है। [sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
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