परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के एमएचनगर थाना के पियाऊर गांव स्तिथ चिमनी संचालक व मृत चाचा हत्या कांड के सूचक अली अहमद निर्मम हत्या कांड के 6 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है।पुलिस की रटी-रटाई जवाब,गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।सुनकर परिजनों के कान बहरे होते जा रहे है।उधर दर्ज कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी नही होने से परिजनों की बेचैनी और बढ़ गई है।और उन्हें तरह-तरह की चिंता सता रही है।क्योंकि घटना को अंजाम देने वाले शातिर अपराधी है और उनका साठगांठ बड़े-बड़े अपराधकर्मियों से है।बतादें की सीवान जिले के एमएचनगर थाना के पियाऊर गांव स्तिथ चिमनी पर बिगत् 27 जून की शाम लगभग 4 बजे दो बाइक पर सवार चार हथियारों से लैश अपराधियों ने मृत चाचा वसी अहमद हत्या कांड के सूचक सह भतीजा अली अहमद (45)को अपराधियों ने पहले गोली मारी और जब अपराधियों को संदेह हुआ की अली अहमद कहीं ज़िंदा न बच जाये तो फिर बाद में बम मारी।जिससे घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई।और घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से फरार हो गए।अली अहमद निर्मम हत्या कांड की प्राथमिकी मृतक के छोटा भाई अफरोज अहमद के आवेदन पर स्थानीय थाना में एक नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।जिसमे गांव के ही अबरे आलम,कौसर साई,अनवार आलम,तथा फारूक मियां को आरोपित किया गया है।परिजनों का कहना है की हत्या कांड के 6 दिन बाद भी कोई पहल नही किया गया।और एक भी आरोपित को पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी।परिजनों का कहना है की हम सभी जब गिरफ्तारी के लिये पुलिस से गुहार लगाते है तो पुलिस के द्वारा रटी-रटाई बात कही जाती है की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।यहां बताते चले की बिगत् 21जनवरी 2016 में गांव के बाजार में लगभग सुबह 7:30 बजे अपराधियों ने वसी अहमद की हत्या अपराधियों ने गोली मार कर दी थी।जो मामला अभी न्यायालय में बिचाराधीन है।बतादें की पूर्व में हुई चाचा वसी अहमद हत्या कांड में जो सूचक थे उनकी भी निर्मम हत्या 27 जून की शाम लगभग 4 बजे गोली व बम मारकर कर दी गई है।बतादें की मृतक अली अहमद(45) व इनके भाई अफरोज अहमद जो गांव में चिमनी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते है।लेकिन पूर्व में हुई चाचा वसी अहमद की हुई हत्या कांड के सूचक होने के प्रतिशोध में अपराधियों ने बिगत् 27 जून की शाम लगभग 4 बजे शाम में अली अहमद की हत्या कर दी।बतादें की अली अहमद को अपराधियों ने एक गोली सीने व एक गोली बांह के निचले हिस्से तथा पैर वाले हिस्से पर बम से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया था।बतादें की घटना के समय मृतक के निहत्थे भाई अफरोज अहमद व शाहिल वसी मौजूद थे।लेकिन घटना को देख दोनों का कलेजा दहल उठा और भय के मारे वे दोनों कुछ नही बोल पाये।घटना को जब अपराधियों द्वारा अंजाम दी जा रही थी।तो दोनों भाईयों के सामने अली अहमद की रूह फना हो गई।बतादें की जिस अली अहमद की हत्या अपराधियों द्वारा की गई है उनकी गवाही वर्ष 2016 में हुई चाचा वसी अहमद की हत्या कांड में गवाही बाकी थी।और बार-बार उस कांड में गवाही बदलने की बात आरोपित द्वारा बोली जा रही थी।और बात नही मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी जाती थी।जिसकी शिकायत मृत अली अहमद ने कई बार स्थानीय थाना से लेकर जिले के आला अधिकारियों से भी की थी।लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नही किया गया।अली अहमद हत्या कांड में सबसे ज्यादा लापरवाही स्थानीय थाना प्रभारी की थी।घटना के बाद स्थानीय थाना प्रभारी को एसपी नवीन चन्द्र झा ने जांचोपरांत निलम्बित कर बिभागीय कारवाई भी की थी।बहरहाल चाहे जो हो अली अहमद हत्या कांड के एक सप्ताह होने जा रहे है लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई भी कारवाई नही की गई।जिससे पुलिस के प्रति उनका बिश्वास हो सके।परिजनों का कहना है की घटना के बाद हम सभी को नए थाना प्रभारी के योगदान के बाद बिश्वास जगी की हत्या कांड में हम सभी को न्याय मिलेगा। अपराधी पकड़े जायेंगे। लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक पहल नही किये जाने से वर्तमान थाना प्रभारी से भी न्याय की आश टूट रही है।
27 जून को हुई अली अहमद हत्या कांड के सूचक सह मृतक के छोटे भाई अफरोज अहमद को भी धमकी मिल रही है।बतादें की हत्या के अभी एक सप्ताह भी नही बीते की अपराधियों ने कांड के सूचक को धमकी दिए जाने लगे है।अफरोज आलम ने बताया की अपराधियों द्वारा बोली जा रही है की तुम्हारा भी वही हश्र होगा की जिस तरह 2016 में तुम्हारे चाचा वसी अहमद और 2019 में तुम्हारे भाई अली अहमद का हुआ है। जब इस बात की सूचना स्थानीय थाना को परिजनों द्वारा दी गई तो पुलिस इसे भी गम्भीरता से नही ले रही है।जिससे परिजनों की धड़कने और तेज हो गई है।
घटना के 6 दिन बाद भी सदमे से नही उबर पा रही है विधवा पत्नी गुड़िया खातुन।आज भी वे अपनी खोये पति अली अहमद के ग़म में दहाड़ मार बिलख रही है।बिलखने की आवाज से आस-पास के उपस्तिथ लोग भी अपनी -अपनी आंसू को भी नहीं रोक पा रहे है। बस वह एक ही बात कह -कह कर बेसुध हो जा रही है की मुझे क्या पता की मेरे पति मुझे ठुकरा कर जिंदगी के उस दहलीज पे ले जाकर छोड़ देंगे जहाँ मेरे रिमझिम आँखों के आंसू ही सूख जायेगें।
मृत अली अहमद के एक पुत्र शारिक अहमद(15) व दो पुत्री क्रमशः रौनक खातुन(18),अलिसा खातुन (14) जो पिता के हत्या के बाद बिलख-बिलख अनाथ बनकर अपने घर के आँगन में घूम रहे थे।और उनकी पुत्री अलिसा जब दहाड़ मार रो रही थी और यह कह रही थी की अब हमलोगों का परवरिस कौन करेगा । तो उसके चाचा अफरोज अहमद अपनी आखों के आँसू को नही रोक पाये।और बोले की जब तक मैं सही सलामत हूँ तब तक मैं तुम लोगों को अपनी औलाद की तरह पालन-पोषण करूँगा।
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