पटना: संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले मुखिया और पंचायत जनप्रतिनिधियों के खिलाफ बिहार सरकार कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. बिहार में पंचायत जनप्रतिनिधियों को हर हाल में अपनी संपत्ति सार्वजनिक करना पड़ेगा. इसके लिए 31 मार्च तक की समय सीमा तय की गई है. ऐसा नहीं करने वाले मुखिया के खिलाफ 15 अप्रैल तक कार्रवाई हो जाएगी. इसके लिए बकायदा सभी जिलों के डीएम के स्तर से पत्र भी जारी कर दिया गया है।
बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को लोकसेवक घोषित कर दिया गया है. संपति के ब्योरे में उनके द्वारा अर्जित चल और अचल संपति का विवरण होना चाहिए. इसे जिले की बेबसाइट पर अपलोड करना है, ताकि आमलोग भी इसे देख सकें. पंचायती राज विभाग के निदेशक के पत्रांक 1194 दिनांक 18 फरवरी 2022 के आलोक में जिलाधिकारियों ने मुखिया एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को संपत्ति का ब्योरा देने को कहा है।
पंचायती राज विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि यदि पंचायत प्रतिनिधि चल-अचल संपत्ति का ब्योरा 31 मार्च तक नहीं देते हैं तो उनसे 15 अप्रैल के पहले पहला स्पष्टीकरण पूछा जाएगा. इसके बाद भी ब्योरा उपलब्ध नहीं कराते हैं तो दूसरा स्पष्टीकरण भेजा जाएगा, जो अंतिम होगा. जो पंचायत प्रतिनिधि संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनकी सूची संबंधित डीएम के पास उपलब्ध रहेगी. संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले प्रतिनिधियों पर बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा डीएम के द्वारा विभाग को भेजी जायेगी।
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