छपरा: जिले में कोविड टीकाकरण के प्रति व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। संक्रमण से बचाव के 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र प्रत्येक व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है। अब आदेश के अनुसार गर्भवती महिलाओं का भी टीकाकरण किया जाना है। इसको लेकर रणनीति बनायी गयी है। अब प्रसव पूर्व जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं के साथ कोविड टीकाकरण पर विशेष रूप से चर्चा की जायेगी। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं के कोविड 19 के टीका से आच्छादित किये जाने हेतु आशा अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा गृह भ्रमण, स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव पूर्व जाँच के दौरान या टीकाकरण स्थलों पर आरोग्य दिवस सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण के महत्व, इसके प्रभाव एवं इससे होने वाले लाभ पर विशेष चर्चा कर टीकाकरण कराने हेतु प्रोत्साहित कर इनका टीकाकरण कराने की व्यवस्था की जाय।
कोविन पोर्टल पर करना होगा ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन
कार्यपालक निदेशक ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों को अवगत कराते हुए कोविड-19 टीकाकरण सत्र पर गर्भवती महिलाओं का कोविड 19 टीका से आच्छादित कराना सुनिश्चित किया जाय। कोविड-19 टीकाकरण पूर्णतः कोविन पोर्टल आधारित है। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण हेतु ऑनस्पॉट पंजीकरण के आधार पर टीकाकरण कराया जाय।
स्तनपान कराने वाली माताएं भी कराएं टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि स्तनपान कराने वाली माताओं को बिना किसी झिझक के खुद को कोविड-19 प्रतिरोधी टीका लगवाना चाहिए। टीके की वजह से माताओं में विकसित होने वाली एंटी-बॉडीज स्तनपान कराते समय धीरे-धीरे शिशु में चले जाते हैं और यह शिशुओं के लिए लाभदायक हो सकता है। टीके संक्रमण की रोकथाम नहीं कर रहे हैं, बल्कि रोगमें बदलाव कर रहे हैं। आईसीएमआर के प्रयोगों ने साबित कर दिया है कि भारत में वर्तमान में उपलब्ध टीके नए वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं।
टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं
कोविड -19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को कोविड -19 बीमारी से बचाता है। हालांकि किसी भी दवा की तरह, एक टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो आमतौर पर हल्के होते हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद, उसे हल्का बुखार हो सकता है, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है या 1-3 दिनों तक अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं। जो महिलाएं 35 साल से ज्यादा उम्र की हैं, जिन्हें शुगर, हाई ब्लड प्रेशर है या जिनके शरीर में खून के थक्के जमने का कोई इतिहास रहा हो. ऐसी महिलाओं को खतरा ज्यादा रहता है। अगर महिला गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमित होती है तो डिलीवरी के बाद उन्हें कोरोना का टीका लगाया जाना चाहिए।
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