छपरा: परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी उपाय (यथा कॉपर टी)के लिए अगर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में साधन उपलब्ध नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग ऐसे लाभार्थियों के लिए रेफरल कार्ड जारी करेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी है. सरकारी स्वास्थ्य संस्थान जहां वर्तमान में कॉपर-टी,बंध्याकरण एवं नसबंदी सेवा प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है,उनके द्वारा लाभार्थियों को परामर्शित करते हुए रेफर करने की आवश्यक्ता पर बल दिया गया है।
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रेफरल बुक का मुद्रण कराकर सभी जिलों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां से सभी संबंधित सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलबंध कराई जाएगी। प्रत्येक रेफरल बुक में 10 रेफरल कार्ड की प्रति सम्मलित है। आरोग्य दिवस अथवा सरकारी स्वास्थ्य संस्थान (एपीएचसी एवं यूपीएचसी) पर आनेवाले कॉपर-टी,बंध्याकरण एवं नसबंदी के इच्छुक योग्य दम्पतियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए योग्य दम्पतियों को गर्भनिरोधक की स्थायी सुविधा प्रदान करने एवं फॉलोअप किए जाने के उद्देश्य से रेफरल कार्ड तैयार किया गया है।
अनमेट नीड में आएगी कमी:
डीपीएम अरविन्द कुमार बताया कि लाभुकों को रेफेरल कार्ड मुहैया कराने से परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी होगी. कई दफे योग्य लाभुक परिवार नियोजन के साधन इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से जब वे इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं उसे अनमेट नीड कहा जाता है. इस पहल से राज्य के अनमेट नीड में कमी आएगी।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा।स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले दम्पति व अन्य लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे जानकारी देते हुए उन्हें परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिये प्रेरित किया जाता है। खुशहाल परिवार दिवस पर परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ च्वॉइस , स्थायी व अस्थायी साधनों की जानकारी, भ्रांतियों को दूर करने, सेवाओं की उपलब्धता ,स्वीकार्यता ,प्रोत्साहन राशि की जानकारी दी जाती है।
छोटे परिवार के बड़े फायदे की अहमियत समझाने की हरसंभव कोशिश जारी:
परिवार नियोजन सेवाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने और समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे की अहमियत समझाने की हरसंभव कोशिश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनवरत की जा रही है। यह तभी फलीभूत हो सकता है जब पुरुष भी खुले मन से परिवार नियोजन साधनों को अपनाने को आगे आएं और उस मानसिकता को तिलांजलि दे दें कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी आती है, यह गलत धारणा है।
इसको मन से निकालकर यह जानना बहुत जरूरी है कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है। इसलिए दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के लिए और जब तक बच्चा न चाहें तब तक पुरुष अस्थायी साधन कंडोम को अपना सकते हैं। वहीं परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को भी अपनाकर अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
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