परवेज अख्तर/सिवान : पिछले एक महीने से जिला में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को गुरुवार को काफी हद तक राहत मिल गई। इंद्र और पवन देवता की मेहरबानी के बाद गुरुवार की सुबह 11 बजे से तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। यह बारिश करीब 40 मिनट तक तेज हवाओं के साथ हुई। बारिश के कारण शहर में जलजमाव की स्थिति भी देखने को मिली। जिसने नगर परिषद की स्वच्छता की पोल खोल दी। गुरुवार की सुबह से ही आसमान में काले बादलों का मंडराना शुरू हो गया था। इसके बाद जैसे ही साढ़े दस बजे हल्की बूंदा-बांदी शुरू हो गई। इसके बाद 11 बजते ही तेज हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुई। बारिश के कारण शहर के अस्पताल मोड़ से लेकर बबुनिया मोड़ तक सड़कों पर एक से डेढ़ फीट तक पानी भर गया जिससे लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो रहा था। वहीं मखदुम सराय सहित शहर के अन्य मोहल्लों में भी बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति देखने को मिली। बारिश बंद होने के बाद लोग बबुनिया मोड़ से हॉस्पिटल रोड तक किसी तरह पानी से बचकर आने जाने की फिराक में लग गए थे। वहीं जगह-जगह जल जमाव तथा कीचड़ होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के महादेवा, मिशन बड़हरिया बस स्टैंड, अस्पताल रोड, सब्जी मंडी, फतेहपुर बाइपास, मखदुम सराय, तरवारा मोड़, ललित बस स्टैंड, स्टेशन रोड, लक्ष्मीपुर, रामदेव नगर, श्रीनगर, शांति वट वृक्ष, कागजी मोहल्ला समेत अन्य मोहल्लों में जगह-जगह जल जमाव तथा कीचड़ होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
तेज हवाओं के साथ आई बारिश के बाद जिले के तापमान में भी गिरावट देखने को मिली। तापमान तीन डिग्री लुढ़क तक अधिकतम 38 डिग्री हो गया और न्यूनतम 26 डिग्री रहा। जबकि अन्य दिनों जिले का तापमान 42 डिग्री के आसपास रह रहा था। वहीं बारिश के बाद अगले कुछ दिनों तक मौसम विभाग ने तापमान 40 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान जताया है।
गुरुवार की सुबह सुबह शहर में हुई बारिश के सबसे ज्यादा आनंद छोटे छोटे बच्चों ने उठाया। ये बच्चे बारिश में नहाते हुए देखे गए और एक दूसरे पर पानी फेंकते हुए देखे गए। वहीं जहां जहां जलजमाव थे वहां बच्चे उसमें खेलकूद करते हुए देखे गए।
जैसे ही तेज हवाओं का चलना शुरू हुआ बिजली रानी गुल हो गई। विभाग के अधिकारियों ने बिजली को बारिश के दौरान बंद कर देने का निर्देश जारी करते हुए शहर में बिजली की सप्लाई को बारिश बंद होने तक बंद करा दिया। जिससे कहीं भी फॉल्ट की गड़बड़ी नहीं हुई और बारिश बंद होने के बाद फिर से बिजली की सप्लाई शुरू कर दी गई।
प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हल्की बारिश में भी झील में तब्दील हो जाती है। इससे मरीजों को आने जाने में कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा खुद लगाया सकता है। बता दें कि गुरुवार की सुबह थोड़ी बारिश क्या हुई अस्पताल परिसर में जलजमाव हो गया। अस्पताल में पदस्थापित अधिकारी, कर्मचारी और आशा, ममता और एएनएम समेत महिला कर्मचारियों को भी घुटने तक पानी में पार करके ही अस्पताल में जाना पड़ा। स्वास्थ्य प्रबंधक जितेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय बीडीओ, मनरेगा या जनप्रतिनिधियों द्वारा ही मिट्टी भरवाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
दूसरी तरफ प्रखंडों से मिली जानकारी के अनुसार काले बादलों ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सिर्फ ललचाने का काम किया। गुठनी को छोड़कर मैरवा, दरौली, बसंतपुर, दारौंदा, महाराजगंज सहित कहीं भी बारिश की सूचना नहीं रही। यहां सिर्फ काले बादल आसमान में मंडराते रह गए और तेज हवाएं उन्हें उड़ा कर अपने साथ लेकर चली गईं।
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