परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के जी. बी. नगर थाने के चौकीदार सह कार्यकारी सिरिस्ता मुंसी के पद पर तैनात मेराज अली दिलकश का निधन मंगलवार की दोपहर पटना के एक निजी हॉस्पिटल में हो गयी। मृतक मेराज अली दिलकश अपने पिता सलाउद्दीन शाह के निधन के बाद उनके जगह अनुकम्पा पर नौकरी कर रहे थे।उनके पिता सलाउद्दीन का निधन 10 वर्ष पूर्व बिमारी के कारण हो गयी थी। उनके पिता भी इसी थाने में चौकीदार के पद पर तैनात थे। उधर जैसे ही मेराज के आकस्मिक निधन की सुचना थाना अध्यक्ष सह इंस्पेक्टर ललन कुमार को मिली तो उन्होने इस दुःखद खबर की सुचना थाने के अन्य पुलिस पदाधिकारियों को दी और सुचना पाकर सभी पुलिसकर्मियों व थाने के सभी हल्का के चौकीदारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बतादें की मृतक मेराज को एक पखवारे से टाईफाइड की शिकायत थी जिनका इलाज सीवान के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा था। इस दौरान उनकी हालत को गम्भीर देखते हुए चिकित्सकों ने पटना रेफर कर दिया था। अंततः उन्होंने इलाज के दौरान पटना के एक निजी चिकित्सालय में मंगलवार को अंतिम सांस ली। इस बाबत थाना अध्यक्ष सह इंस्पेक्टर ललन कुमार ने बताया की मेराज दो दिन पूर्व इलाज कराने वास्ते छुट्टी लेकर गए हुए थे की तभी मंगलवार की देर शाम मुझे मनहुश् खबर मिली। उनके आकस्मिक निधन से सभी पुलिसकर्मी मर्माहत है।
…और जैसे ही मृत मेराज का शव मंगलवार को करीब 8 बजे रात्रि में उनके पैतृक गाँव इसी थाना के पचपकड़िया गांव पहुँचा तो परिजनों के हृदय बिदारक चीत्कार से पूरा गाँव शोकाकुल हो गया। बिधवा माँ आसमा खातुन का रोते-रोते बुरा हश्र हो गया है। वही बिधवा पत्नी के रोते-रोते उसके रिमझिम आँखो के आंसू ही सुख गए है। उसे क्या पता की मेरे पति मुझे ठुकरा के जिंदगी के उस दहलीज पे ले जाकर खड़ा कर देंगे जहाँ मेरे रिमझिम आँखो के आंसू ही सुख जायेंगे।
मृतक मेराज अपने पीछे तीन अबोध बच्चे व एक बिधवा माँ व पत्नी को छोड़ गए। पिता के आकस्मिक निधन पर तीनों अबोध बच्चे पिता के शव से लिपट-लिपट बिलख रहे थे। अबोध बच्चे को बिलखते देख उपस्थित लोग भी अपनी -अपनी आँखो के बहते आंसू को नही रोक पाये। कई लोग अबोध बच्चे को बिलखते देख फफक-फफक रो पड़े। मृतक के अबोध बच्चों में क्रमशः फरहान,अदनान व सुफियान हैं। मृतक अपने माँ-बाप के चार बहनों में एकलौता पुत्र था। चारों बहनें की शादी हो चुकी है।
पिता के असमय सर से साया उठ जाने के कारण तीनों अबोध बच्चे के जीवन पर ग्रहण लग गया! अब इन अबोध बच्चो का पालन-पोषण कौन करेगा। लोग इस बात की चर्चा नमीं आँखो से कर रहे है।
मृतक मेराज के चाचा जमादार साई जो जिले के एक चर्चित अमीन है जो हसनपुरा व पचरुखी अंचल में सरकारी अमीन के पद पर काबिज है।
रमजान के चाँद के बाद से ही जहाँ पहली रमजान शुरू होतेे ही मृतक मेराज के परिजन व उनके अबोध बच्चे ईद व रमजान की जश्न में डूबे हुए थे की मेराज की आकस्मिक निधन के बाद ईद का जश्न पल भर में काफूर हो गया।
मृतक मेराज की जनाजे की नमाज पचपकड़िया गाँव के बगल स्थित कब्रिस्तान में बुधवार को नमाजे जोहर बाद अदा की जायेगी। उक्त आशय की जानकारी उनके परिजनों ने दी है।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
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