परवेज अख्तर/सीवान:- बिहार में शराबबंदी जितनी सख्ती से लागू की गयी उतने ही आराम से यह कारोबार घर – घर शुरु हो गया.शराब बंदी लागू होने के बाद शुरुआती दौर में थोड़ा डर पीने और पिलाने वालों के बीच रहा . बहुत चोरी छिपे शराब आती थी और काफी दिक्कत से पीने वालों को उपलब्ध हो पाती थी.क्योंकि कीमत चौगुनी तक चुकानी पड़ती थी. लेकिन धीरे-धीरे यह कारोबार चाय दुकान की रूप लेता चला गया.आज के समय मे बेरोजगार लोग इसको धंधा बना लिए है.कम पूंजी लगा बड़ा कमाई करने का यह एक धन्धा बन गया है.ऐसा नहीं कि पुलिस निष्क्रिय रही, पुलिस भी सक्रियता से ऐसे कारोबारियों के पीछे लगी रही है .लेकिन पुलिस को चकमा देकर हमेशा शराब की खेप उतर रही है.यही नही पुलिस कभी कभी बड़ी-बड़ी शराब की खेप बीच-बीच में पकड़ भी ले रही है. और लोग जेल भी जा रहे हैं . लेकिन सोचने की बात यह है कि कि इतनी सख्ती के बावजूद भी शराब की खेप यहां तक पहुंच कैसे जाती है. यूपी के सिमा के रास्ते बिहार में शराब आना यह तो आम बात है. क्योंकि यूपी से बिहार में आने वाली कई छोटे छोटे मार्ग खुले रहते है.जिसके सहारे तस्कर यूपी से शराब ले जा कर बिहार में बेचते है.यह बेरोजगारों के लिए एक कम पूंजी वाली धंधा बन गयी है. आपको बतादे की यहां तो अपने देश में आपूर्ति की जाने वाली विदेशी शराब विभिन्न और मनचाहे ब्रांडों में उपलब्ध होती है . कभी हरियाणा से तो कभी मध्य प्रदेश से तो कभी पंजाब से ,कभी कभी शराब तो पकड़ में आ भी जाती है लेकिन अधिकांश मामले में कारोबारी हाथ नहीं आते है. जब-जब पुलिस ने सख्ती दिखाई है तो छोटे कारोबारी पकड़े गये हैं .हालांकि जिले में इतना बड़ा कारोबार चल रहा है क्या यह कारोबार बिना बड़ो के आशिर्वाद के फल फूल रहा है क्या?शराब बंदी के करीबन चार वर्ष होने को जा रहा है लेकिन प्रशासन इस पर नकेल नही कस पा रही है.
यूपी बिहार की सीमा और सरयू नदी का जलमार्ग शराब तस्करी को सुगम बना रहा है . शराबबंदी के बाद शराब पीने वालों की पहुंच से दूर हुई, तस्करों के लिए कमाई का सबसे बड़ा जरिया बन गयी है . देखा जाए तो सरकारी आकड़ो के अनुसार ऐसा नहीं है कि शराब को लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग सुस्त रही है. लेकिन खूब कार्यवाई हुई तो कारोबार भी खूब बढ़ा है. शराब का धंधा जो भी तस्कर कर चुके है वे शराब मामले में जेल जाने के बाद भी दुबारा शराब करोबार से कतरा नही रहे है. क्योंकि शराब के धंधे में कमाई अच्छी हो रही है.
अब तो जिले में शराब की होम डिलेवरी भी होने लगी है.ऐसे तस्कर है जो अपना दिन रात शराबियों के सेवा में लगा दे रहे है .क्योंकि दो गुने दामों पर फोन के माध्यम से शराब की होम डिलेवरी कर दी जाती है. पुलिस से बचने के लिए तस्करों में होम डीलेवरी का क्षेत्र भी बटा हुआ है. डिलेवरी मैन अपने मन चाहे जगह पर बुला कर शराब देते है. प्रत्येक शराबियों के पास तस्करों के नंबर उपलब्ध है .
1- गुठनी श्रीकिलपुर चेक पोस्ट से 348 पेटी शराब के साथ कंटेनर बरामद,चालक गिरफ्तार
2- दरौंदा कटवार गांव से 25 लीटर शराब बरामद, तस्कर फरार
3- सिवान जंक्शन से 320 बोतल शराब के साथ तस्कर अंकित यादव गिरफ्तार
4-चैनपुर ओपी से 135 बोतल शराब बरामद, तस्कर फरार
5- श्री नगर स्टेट बैंक के समीप से 34 पेटी शराब के साथ चालक गिरफ्तार,वाहन जब्त
6- बड़हरिया कैलगढ़ दक्षिणी पंचायत के महुआ टोला गांव से बोलेरो सहित 90 कार्टून शराब बरामद,तस्कर फरार
7- नगर थाना के पुरानी बजाजी मोहल्ले से 63 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ तस्कर गिरफ्तार वही 20 बोतल शराब के साथ लक्ष्मीपुर से महिला गिरफ्तार
8-मुफस्सिल के चकरा मोड़ से 35 पेटी शराब के साथ दो गिरफ्तार वही 65 बोतल शराब के साथ चार गिरफ्तार
9- जंक्शन के प्लेटफार्म एक से 48 बोतल के साथ राजकिशोर गिरफ्तार
10- उत्पाद विभाग ने नौतन क्षेत्र से 2387 बोतल शराब के साथ चार तस्कर गिरफ्तार
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