छपरा: कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थिति में भी नवाजात शिशुओं के स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्य विभाग सजग व प्रतिबद्ध है। शिशु के जन्म के बाद भी घर-घर जाकर शिशुओं की देखभाल की जा रही है। इसमें आशा कार्यकर्ताओं के साथ सहयोगी संस्था केयर इंडिया के सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयक भी अपना महत्पूर्ण योगदान दे रहे हैं । केयर इंडिया के सीएचसी की तत्परता व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के प्रयास से एक नवजात शिशु को नया जीवनदान मिला है। दरियापुर के प्रखंड के इटवा महेशिया गांव निवासी रंजीत शर्मा की पत्नी रेखा देवी ने बच्चे को जन्म दिया था। दरियापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका सामान्य प्रसव हुआ था। नवाजात देखभाल कार्यक्रम के तहत केयर इंडिया के सीएचसी अजय कुमार ने गृह भ्रमण किया। सीएचसी अजय कुमार ने बताया “ बच्चे को देखने पहली बार दो अप्रैल को गया,इसके परिवार वाले एवं इस बच्चे की माँ से बच्चे की अतिरिक्त देखभाल एवं सभी प्रकार के खतरे के लक्षण के बारे में बताया, ताकि बच्चा बहुत जल्द स्वस्थ हो जाये। मैं जब दूसरे दिन बच्चे को देखने गया तो,बच्चा ठीक था। परंतु तीसरे दिन जब मैं बच्चे को देखने गया,तो देखा कि बच्चे की नाल से खून आ रहा था। बच्चा दूध भी नहीं पी पा रहा था,और उसका शरीर भी ठंडा होते जा रहा था। इससे मैने बच्चे को चिकित्सक से दिखाने की सलाह दी ।
तुरंत फोन करके एंबुलेंस को मंगवाया
केयर इंडिया की टीम ने तुरंत पीएचसी में फोन करके एंबुलेंस मंगवाया। एम्बुलेंस समय पर आ गया। बच्चा को दरियापुर से भी तुरंत रेफर सदर अस्पताल हाजीपुर किया गया| बच्चा को वहाँ जाते जाते मुँह से भी खून आने लगा। जिसकी हर पल की स्थिति की जायजा ले रहे थे।बच्चे को तुरंत एसएनसीयू में भर्ती किया गया। परंतु बच्चा तीन दिन रहने के बाद वहाँ से भी रेफर कर दिया गया| फिर बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल लाइफ केयर हाजीपुर में भर्ती किया गया| लेकिन बच्चे को वहाँ से भी रेफर कर दिया गया।बच्चा लगातार अपनी मौत से जूझ रहा था।परिवारवाले फिर हिम्मत करके पटना कुर्जी हॉस्पिटल ले गए,बच्चे को वहां एडमिट किया गया। जहां पर बच्चे को बेहतर उपचार करके उसे नया जीवन दान दिया गया है।
बच्चे को बचाना परिवार के लिए भी था चुनौती
नवजात बच्चा जो अभी जैसे ही इस दुनिया मे आया और एक -दो दिन बाद ही मौत से जूझने लगा।जहाँ दूसरी विषम परिस्थिति परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से भी गुजर रहा हो|वैसे में इस नवजात बच्चे को बचाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। नवजात का वजन मात्र 1885 ग्राम और समय से पहले भी हुआ था। इसी बीच उसकी हालत भी बिगड़ गयी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया के प्रतिनिधियों की सजगता से शिशु को नया जीवनदान मिल गया। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। पूरा परिवार खुश है। परिवार के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग व डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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