परवेज अख्तर/सिवान :- जिला परिषद के सभागार में रविवार को जदयू ने सीएम नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली की तैयारी को लेकर जिलाध्यक्ष इंद्रदेव सिंह पटेल की अध्यक्षता में बैठक की. इसमें सभी जिला कार्य समिति व प्रखंडों के अध्यक्षों ने हिस्सा लिया. बैठक में छह सितंबर को आयोजित सीएम के निश्चय संवाद कार्यक्रम सह वर्चुअल रैली में जिले के सभी बूथों पर लोगों को अधिक से अधिक जोड़ने पर विशेष चर्चा की गई. सांसद कविता सिंह ने सीएम की रैली का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया.
वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष मंसूर आलम ने कहा कि हर प्रखंड में अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम में हिस्सा लें. इसको लेकर सभी प्रखंड अध्यक्ष व पंचायत अध्यक्ष अभी से तैयारी शुरू कर दें. इसके अलावा पार्टी के सभी विधायकों ने अपनी राय दी. मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता मंजीत कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष संगीता देवी, सत्येंद्र सहनी, रमेश सिंह कुशवाहा, हेम नारायण साह, अजय सिंह, लालबाबू प्रसाद, निकेश चंद्र तिवारी, मुर्तुजा अली कैसर, टुनटुन प्रसाद, मुबारक अंसारी, जहांगीर खान, सोना खान, गुलाम हैदर के साथ सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे.
परवेज़ अख्तर/सिवान:- फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी ने रविवार को सिवान जिला के पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर घोषणा करते हुए बिहार में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ज़फर अहमद ने सीवान के सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐतिहासिक एलान किया है और कहा है बहुत जल्द सभी भावी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी और निश्चित तौर पर हमारी पार्टी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ही बिहार के राजनीति का तीसरा और बेहतर विकल्प होगा । प्रदेश महासचिव धर्मेन्द्र कुमार ने प्रेसवार्ता के माध्यम कहा की पार्टी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय बिहार के आवाम के सामने एक तीसरा विकल्प के तौर पर लिया है।
वर्तमान समय में बिहार में जो अवसरवादी गठबंधन एनडीए और महा गठबंधन के नाम पर जारी है विगत पिछले कई वर्षों से बिहार की जनता के समस्याओं का समाधान करने में विफल रहा है तथा समाधान के बजाय जात पात की राजनीति,धर्म की राजनीति करके एक इसी तरह से अनैतिक गठजोड़ कर बिहार के सत्ता पर आसीन होते रहे। फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी जाती धर्म की राजनीति नहीं करती है और बदहाली के खिलाफ बिहार में जनादेश प्राप्ति के लिए तीसरा विकल्प के तौर पर हम जनता के बीच में जा रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों के अनुरूप हम नए बिहार का निर्माण करेंगे जो वर्ग संघर्ष पर आधारित होगा।
जहां पर किसानों की बात सुनी जाएगी,किसी को जाती और धर्म के नाम पर आंखें नहीं दिखाई जाएगी और पूर्ण रूप से यहां के छात्र,नौजवान,किसान और मजदूर की आवाज के अनुरूप सरकार बनायेंगे।बिहार में एनडीए और महागठबंधन के नाम पर जो चुनाव लड़े जा रहे हैं यह गठबंधन अनैतिक गठबंधन है और सिर्फ और सिर्फ सत्ता के लिए है। प्रदेश सचिव रोहित सिंह ने मीडिया के माध्यम कहा की आज के इस युग में जहां सरकारों को रोज़गार,स्वास्थ्य,सुरक्षा,शिक्षा तथा किसानी समस्या जैसी अहम मुद्दे पर बात करनी चाहिए लेकिन मुख्य मुद्दा छोड़ युवाओं,नवजवानों,किसानों को भटकाने का काम कर रही है और ख़ास तौर पर बेरोज़गार युवाओं को आर्थिक मदद देने के लिए विचार करना चाहिए।
वैश्विक महामारी के चलते नहीं निकाली गई ताजिया, नजदीक के चौक पर ही लोगों ने की इमाम हसन- हुसैन के नाम पर नेयाज-फातेया
क्षेत्र के कई गांव में बनाए गए थे भव्य ताजिया
इस वर्ष उड़िया टोला, रौजा गौर ,चौकी हसन के अंधेरी बाग़ के इमामबाड़ा में पसरा रहा सन्नाटा
परवेज़ अख्तर/सिवान:- जिले के जी.बी नगर तरवारा थाना क्षेत्र के तरवारा बाजार, डी.के सारंगपुर, सकरा सारंगपुर, उड़ियान टोला, काजी टोला, सरैया, बाबू टोला, फखरुद्दीनपुर, चौकी हसन, भरतपुरा,शाहपुर, सोनवर्षा समेत अन्य गांव में इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते रविवार को इमाम- हसन हुसैन की याद में निकाले जाने वाली भब्य ताजिया व आकर्षित आखाड़ा नहीं निकाली गई। लोग अपने-अपने नजदीक के चौक पर ही कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर नेयाज-फातेया की।बतादें की तरवारा बाजार के अंसारी मोहल्ला व इराकी मोहल्ला में ताजिया के कलाकारों द्वारा एक भब्य ताजिया का निर्माण कराया गया था। दोनों मोहल्ला के ताजियादारो ने बताया कि वैश्विक महामारी के चलते इस वर्ष ताजिया को मेला स्थल पर नहीं ले जाया गया।
सिर्फ कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए नेयाज- फातेया अपने-अपने चौक पर बनी हुई ताजिया को रखकर की गई। वैश्विक महामारी को लेकर पर्व को सफल बनाने में शब्बीर आलम, सोना अंसारी, इफ़्तेख़ार उर्फ सोनू , मोजाहिद उर्फ रोमी सरकार, नेयाजुल बाबू , खुर्शीद अंसारी, अहमद राजा शाह, सोनू उर्फ ढुल ढुल बाबू , हारून रसीद, अहमद राजा, फ़ैयाज़ अली शाह, मुमताज़ शाह, मुचुन शाह, दिलशाद शाह, तबरेज़ आलम शाह, अय्याज़ शाह, नज़रे इमाम शाह, गोल्डेन सैफी, सोनू अली, मिस्टर अली,अरमान अली, जुनेद अंसारी,नाजिम अंसारी ,इमाम अली ,महमूद अंसारी ,नेमउल्लाह अंसारी, रहमत अंसारी ,मैनुद्दीन अली, सद्दाम अंसारी, शमशीर अंसारी, राजा अंसारी , मुस्ताक अंसारी, खुर्शीद अली, महफूज आलम, जमशेद अंसारी, मकसूद सैफी रेयाज सैफी, हफीज सैफी, नेयाज सैफी, लालू सैफी, अली इमाम हुसैन, रब्बे आलम, शकील अंसारी, बसरूद्दीन राय, समेत सभी मोहल्लावासियों का योगदान सराहनीय देखी गई।
सदर प्रखंड के जियाये गांव में बना आकर्षित ताजिया
वहीं इराकी मोहल्ला वासियों में जहांगीर आलम, आलमगीर आलम, इरफान उर्फ राजा बाबू शारिक आलम, जहीर आलम, तबरेज आलम, साहेब आलम, शहाबुद्दीन आलम उर्फ सब्बू , निसार आलम, मोहम्मद बुलेट, सद्दाम आलम, शाहरुख आलम, आमिर बाबू, इफ्तेखार आलम, समेत सभी मोहल्लावासियों का योगदान सराहनीय था। इराकी मोहल्ला के शाहरुख आलम ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भब्य ताजिया के साथ आकर्षित अखाड़ा क्षेत्र के उड़िया टोला गांव स्तिथ इमामबाड़ा में जाता था।लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते इमामबाड़ा में नहीं गया। उन्होंने बताया कि कई गांव के ताजियोंं का मिलान उक्त इमामबाड़ा में होता था और यहां एक भव्य मेले का मेला का आयोजन किया जाता था और लोग इस दौरान अपने -अपने कला का प्रदर्शन करते थे।
डी.के सारंगपुर गांव में हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा बनाई गई आकर्षक ताजिया
और मेले के दौरान ताजियादारों को पुरस्कृत भी किया जाता था। लेकिन वैश्विक महामारी के चलते हम सभी लोग सरकार के दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए गांव में ही पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से समापन कर लिए। वहीं थाना क्षेत्र के डी. के. सारंगपुर गांव के ग्रामीणों में गज़ब देखने को मिली गंगा- जमुनी तहजीब। इस गांव में हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा प्रत्येक वर्ष भव्य ताजिया का निर्माण कराया जाता है। जो इस वर्ष भी कराया गया था। उक्त भव्य ताजिया को गांव के ही राजकुमार साह द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी एक आकर्षित रूप देकर अपने हाथों तैयार किया गया था। यहां बताते चलें कि उक्त गांव का ताजिया को देखने के लिए आसपास के कई गांव के लोग आते हैं।
बड़हरिया प्रखंड के बहुआरा कादिर गांव में बना आकर्षित ताजिया
ग्रामीण सह समाजसेवी आदिल हुसैन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष गांव में एक भव्य ताजिया का निर्माण करके आकर्षित आखाड़ा के साथ गांव के बगल में रौजा गौर स्थित इमामबाड़ा में जाता था लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते भव्य ताजिया के साथ आखाड़ा नहीं गया।उन्होंने बताया कि रौजा गौर गांव स्थित इमामबाड़ा में क्षेत्र के मिश्रौलिया, नौतन, शिवदह, बलियापट्टी समेत कई गांव के भव्य ताजिया गाजे- बाजे के साथ आता था। लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी को देखते हुए मेले का आयोजन नहीं किया गया।
तरवारा बाजार के इराकी मोहल्ला में बना आकर्षित ताजिया
पर्व को सफल बनाने में ग्रामीणों में क्रमशः शमशुलहक, किताबुद्दीन अंसारी, अंगूर बाबू , नयन कुमार साह, हृदया यादव , मो.अजहरुद्दीन, जफर अली, इमरान अली, अमीरुलहक , मोहम्मद मोईन, सेब बाबू , मोहम्मद लाडले , मोहम्मद राजा बाबू , गोल्डन अली, साबिर अली ,नेहाल अहमद , मोहम्मद राशिद, जाहिद बाबु ,नेसार आलम , इरफान सर, मासूम बाबू , रमीज आलम, अब्दुल रहमान, शाहिद अली ,निजामुद्दीन मियां , इब्राहिम अली, जियाउल हक, समेत सभी ग्रामीणों का योगदान सराहनीय था। यहां बताते चले कि डी.के सारंगपुर गांव में हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक हमेशा से देखी जा रही है।
तरवारा के काजीटोला गांव में बना आकर्षित ताजिया
यहां हिंदू समुदाय के लोग भव्य ताजिया का निर्माण कर रौजा गौर स्तिथ इमामबाड़ा में ले जाते हैं।लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते हिंदू समुदाय के लोगों ने भव्य ताजिया का निर्माण तो जरूर किया परंतु इमामबाड़ा में उक्त ताजिया को नहीं ले जाया जा सका। जिसके चलते भव्य ताजिया को आकर्षित रूप देने वाले हिंदू कलाकारों में मायूसी देखी गई।वहीं चौकी हसन के अंधेरी बाग़ स्थित इमामबाड़े में भी वीरानी छाई रही। इस इमामबाड़े में क्षेत्र के कई गांव का भव्य अखाड़ा ताजिया के साथ आता था लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते मेले के आयोजन न होने के कारण इमामबाड़े में वीरानी छाई इमामबाड़े में वीरानी छाई रही। उधर सुरक्षा की दृष्टि से पूरे शनिवार की रात्रि से रविवार को पूरे दिन स्थानीय थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह क्षेत्र के सभी इमामबाड़े पर पैनी नजर रखे हुए थे।स्थानीय पुलिस प्रशासन की गाड़ियां सुरक्षा के दृष्टिकोण से सड़कों पर सरपट दौड़ती रही।
तरवारा के अंसारी मोहल्ला में बना आकर्षित ताजिया
इसके अलावा बड़हरिया प्रखंड के मुर्गीयाटोला, कर्बला बाजार, लौआन, हाथीगाई, कुंडवा, छक्का टोला, तेतहली, बहुआरा कादिर ,बहादुरपुर, जोगापुरकोठी, हबीबपुर, तिलसण्डी, खानपुर, माधोपुर, सुरहियां सत्यनारायण मोड, पड़रौना, पकड़ी सुल्तान, तीनभेड़िया, लकड़ी दरगाह, समेत प्रखंड क्षेत्र के सभी गांव में इमाम – हसन हुसैन के की याद में मनाए जाने वाला पर्व मुहर्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।प्रखंड क्षेत्र के सभी जगहों पर ताजियादारों ने अपने -अपने घरों के पास बने चौक पर ताजिया को रखकर इमाम हसन हुसैन की याद में नेयाज-फातेया कर मिन्नतें मांगी।वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय थानाध्यक्ष मनोज कुमार पूरे दल-बल के साथ सम्पूर्ण इलाके में मुस्तैद रहे।
इसके अलावा पचरुखी प्रखंड के हरदियां, जसौली, वैशाखी, मोहम्मदपुर, महादेवा मिशन,ओरमा, बिंदुसार, बरहनी, दारोगा हाता, सुरवाल, बड़कागांव, बर्तवलिया, सिसवां, ओलिपुर, मठनपूरा, गोपालपुर, उखई, मधवापुर, सम्भोपुर, नरहट, समेत अन्य गांव में मुहर्रम पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया सुरक्षा के दृष्टिकोण से पचरुखी थानाध्यक्ष तथा महादेवा थानाध्यक्ष लगे हुए थे।वहीं जिले के सदर प्रखंड के जियाये गांव व आस-पास के इलाकों में मुहर्रम पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।संपन्न कराने वालों में गांव के नदीम सैफी, सलमान सैफी, आलियास सैफी, जमशेद सैफी, आजाद सैफी, अनवर सैफी, परवेज सैफी, समेत सभी ग्रामीण लगे हुए थे।
इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते श्रीनगर स्थित कर्बला के मैदान में लगने वाला मेला का आयोजन नहीं किया गया। बतादें कि श्रीनगर स्थित कर्बला के मैदान में शहर से लेकर कई गांव तक के भव्य ताजिया के साथ आकर्षित जुलूस अखाड़ा आता था। लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते नहीं आ सका। जिसके चलते श्रीनगर कर्बला के मैदान में वीरानी छाई रही।वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से मुफस्सिल थानध्यक्ष ददन सिंह दलबल के साथ मौजूद रहे।इसके अलावा जिले के बसंतपुर, भगवानपुर ,दरौंदा, मैरवा , गुठनी आंदर, दरौली, हुसैनगंज,आदि प्रखंडों में भी मुहर्रम पर्व शांतिपूर्ण संपन्न होने की खबर है।पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी स्थानीय पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगी हुई थी। इस संदर्भ में पुलिस कप्तान अभिनव कुमार ने बताया कि पूरे संपूर्ण जिले में शांतिपूर्ण ढंग से वैश्विक महामारी का ध्यान रखते हुए लोगों ने पर्व का समापन कर ली।इसके लिए उन्होंने संपूर्ण जिले के सभी ताजियादारी को बधाई दी है।
घरों में ही लोग करेंगे इमाम हसन- हुसैन के नाम पर फातेया
अंसारी मोहल्ला व इराकी मोहल्ला में बनी हैआकर्षित ताजिया, अंतिम रूप देने में जुटे है कालाकार
“कर्बला का मैदान हमे ज़ुल्म से नफरत और मज़लूम से मोहब्बत करने का पैग़ाम देती है “
परवेज़ अख्तर/सिवान: जिले के पचरुखी प्रखंड के तरवारा बाजार समेत आस-पास के इलाकों में तथा बड़हरिया प्रखंड के बड़हरिया बाजार समेत कई गांव में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते रविवार को इमाम हसन-हुसैन की याद में निकाले जाने वाली भव्य ताजिया व आकर्षित आखाड़ा इस वर्ष नही निकाली जाएगी। लोग अपने-अपने घरों में ही कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर फातेया करेंगे। हालांकि पचरुखी प्रखंड तथा बड़हरिया प्रखंड के विभिन्न कई गांव में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भव्य ताजिया का निर्माण किया है। वहीं कई गांव में लोगों द्वारा ढ़ोल-तासा बजाकर अपने-अपने कला का प्रदर्शन सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए कर रहे हैं। यहां बताते चलें कि तरवारा बाजार के अंसारी मोहल्ला में कलाकारों द्वारा एक भव्य ताजिया का निर्माण कराया जा रहा है।
अंसारी मोहल्ला का ताजिया
शनिवार की रात तक दोनों मोहल्ले में कलाकारों द्वारा भव्य ताजिया का अंतिम आकर्षित रूप देने में जुटे हुए थे। दोनों मोहल्ला के ताजियादारो ने बताया कि वैश्विक महामारी के चलते इस वर्ष ताजिया को मेला स्थल पर नहीं ले जाया जाएगा। सिर्फ कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए फातेया अपने-अपने चौक पर बनी हुई ताजिया को रखकर की जाएगी। भव्य ताजिया के अंतिम रूप देने में गोल्डेन सैफी, सोनू अली, मिस्टर अली, अरमान अली, जुनेद अंसारी, नाजिम अंसारी , इमाम अली ,महमूद अंसारी , नेमउल्लाह अंसारी, रहमत अंसारी , मैनुद्दीन अली, सद्दाम अंसारी, शमशीर अंसारी, राजा अंसारी , मुस्ताक अंसारी, खुर्शीद अली, महफूज आलम, जमशेद अंसारी, मकसूद सैफी, रेयाज सैफी, हफीज सैफी, नेयाज सैफी, लालू सैफी, अली इमाम हुसैन, रब्बे आलम, शकील अंसारी, बसरूद्दीन राय, समेत सभी मोहल्ला वासी लगे हुए हैं।
इराकी मोहल्ला का ताजिया
वही इराकी मोहल्ला में भी भव्य ताजिया के अंतिम रूप देने में जहांगीर आलम, इफ़्तेख़ार आलम , आलमगीर आलम, इरफान उर्फ राजा बाबू शारिक आलम, जहीर आलम, तबरेज आलम, साहेब आलम, शहाबुद्दीन आलम उर्फ सब्बू , नेसार आलम, मोहम्मद बुलेट, सद्दाम आलम, शाहरुख आलम,आमिर बाबू समेत सभी मोहल्ला वासी लगे हुए हैं। इराकी मोहल्ला के शाहरुख आलम ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भव्य ताजिया के साथ आकर्षित अखाड़ा उड़िया टोला गांव स्तिथ इमामबाड़ा में जाता था। लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते हम सभी लोग इमामबाड़ा में न जाकर अपने अपने मोहल्ला में बने चौक पर ताजिया को रखकर कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर फातेया कर इस पर्व का समापन कर लेंगे।
छपरा: कोरोना की रोकथाम में साफ़-सफ़ाई की उपयोगिता पहले ही साबित हो चुकी है. ऐसे में एक पूरा परिवार हाथों में झाडू थामकर कोरोना को हराने के लिए निकल पड़े यह संभव प्रतीत नहीं होता है. लेकिन जिले के शिवानदन बासफोड़ के साथ उनका पूरा परिवार इसे हकीकत में बदल रहे हैं. जिले के आईसोलेशन वार्ड के में सफाई में शिवानदन बासफोड़ के साथ उनका पूरा परिवार जुटा है. करीब छह माह से उनका पूरा परिवार आईसोलेशन सेंटर की साफ-सफाई करने में ईमानदारी से अपना फर्ज निभा रहा है। कोरोना के खिलाफ़ इस मुहिम में गंदगी को दूर करने वाले ये सफाई कर्मचारी किसी असली योद्धा से कम नहीं है. इनका यह प्रयास सिर्फ़ गंदगी दूर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि ये ऐसे कई लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं जो साफ़-सफाई की उपयोगिता को नजरंदाज करते हैं.
पूरा परिवार करता है सफाई का काम
जिले के सदर अस्पताल में बने आईसोलशेन सेंटर और कोविड केयर सेंटर में साफ सफाई के कार्य की जिम्मेदारी सारण जिले के गड़खा प्रखंड के मैकी गांव निवासी शिवानदन बासफोड़ के पूरे परिवार ने उठाया है। शिवानदन बासफोड़, उनकी पत्नी अकली देवी, बेटा चंदन बासफोड़, किशन बासफोड़, मुकेश बासफोड़, हीरो बासफोड़, बेटी रेखा देवी और दमाद अनिल मली मिलकर आईसोलेशन सेंटर की साफ-सफाई कर रहे हैं. हाउस कीपिंग मैनेजर संजय कुमार सिंह ने बताया शिवानदन एवं उनका पूरा परिवार उस परिस्थिति में इस आईसोलेशन सेंटर की सफाई का जिम्मा उठाया जब कोई भी व्यक्ति इसके आस-पास आने से डरता था। यहां तक की कोई दूसरे सफाईकर्मी यहां अपनी सेवा देने को तैयार नहीं थे। लेकिन शिवानदन के पूरे परिवार यहां पर कार्य करने को तैयार हुए जो पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से अपना कार्य कर रहें है।
बेहतर प्रदर्शन की है कोशिश
सफाई कर्मी शिवानदन बासफोड़ ने बताया अस्पताल के सबसे विशेष वार्ड की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी उन्हें मिली है, जिसे वह बखूबी अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने बताया अभी तक तो एक सफाई कर्मी के ही रूप में उन्होंने सेवा दी थी. लेकिन जब से उनके साथ उनका पूरा परिवार आईसोलेशन सेंटर एवं कोविड केयर सेंटर में साफ़-सफ़ाई करना शुरू किया, तबसे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आम लोग भी उनके कार्य की प्रशंसा करते हैं. एक सफाई कर्मी से एक कोरोना योद्धा का तमगा उनके साथ उनके परिवार में उत्साह भर देता है. वह कहते हैं कोरोना संक्रमण के प्रसार में भले ही वृद्धि हुयी हो, लेकिन समय के साथ लोगों के मन में स्वच्छता को लेकर सतर्कता भी बढ़ी है. यह एक सकारत्मक पहल है. उन्होंने बताया उनके साथ उनका पूरा परिवार अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से पूरा करने की कोशिश में जुटा है.
भय में फंसकर नहीं गवाएंगे मौका
आईसोलेशन वार्ड के सफाई कर्मी शिवानदन बासफोड़ की पत्नी अकली देवी ने बताया कोरोना के लेकर चल रहीं भ्रांतियों ने भय का माहौल बना दिया है, लेकिन वह इसे एक मौके के रूप में देखती हैं. यद्यपि, वह साफ़-सफाई के दौरान कोरोना रोकथाम के उपायों का अनुपालन जरुर करती हैं.
24 घंटे में तीन बार होती है साफ-सफाई
सदर अस्पताल के आईसोलेशन सेंटर में विशेष रूप से साफ-सफाई का ख्याल रखा जा रहा है। छह सफाईकर्मियों को रखा गया है। 24 घंटे में तीन बार आईसोलेशन सेंटर साफ-सफाई की जाती है। हाईपोक्लोराइट से पूरा फर्श को पोछा लगाया जाता है। ताकि किसी तरह के संक्रमण का प्रसार नहीं हो सके।
पीपीई कीट पहनकर योद्धा का होता है एहसास
आईसोलेशन सेंटर में सफाईकर्मी अपनी सुरक्षा के प्रति काफी सर्तकता बरत रहें हैं। सफाई के दौरान सभी को पीपीई कीट, मास्क, गल्ब्स, सेनिटाईजर एवं साबुन आदि दिया जाता है। सफाईकर्मी अनिल मली ने बताया वह जब पीपीई किट्स पहनते हैं तब एक चिकित्सक की तरह उन्हें भी योद्धा का एहसास होता है. पीपीई कीट पहनने की आदत नहीं होने से उन्हें कुछ तकलीफ भी होती है. लेकिन इसे पहनने से उन्हें जिम्मेदारी का भी एहसास होता है. उन्होंने बताया उनकी तरह अन्य सफाई कर्मियों का डॉक्टर हौसला भी बढ़ाते है, जिससे उनकी अपने कार्य के प्रति और जिम्मेदारियां बढ़ जाती है.
कोरोना संकट के बीच आरोग्य दिवस के सभी सेवाओं को किया गया नियमित
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में वीएचएसएनसी निभा सकती है महत्वपूर्ण भूमिका
छपरा: कोविड-19 संक्रमण के दौरान आरोग्य दिवस के आयोजन एवं संक्रमण के प्रसार और रोकथाम के लिए पंचायत प्रतिनिधियों वीएचएसएनसी( विलेज हेल्थ, न्यूट्रिशन एंड सैनिटेशन कमिटी) के सदस्यों की भूमिकाएं एवं जिम्मेदारियां विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में बताया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एडवाइजरी ग्रुप ऑन कम्युनिटी एक्शन के द्वारा कोविड-19 संक्रमण के दौरान आरोग्य दिवस के आयोजन एवं वीएचएसएनसी की बदलती भूमिका पर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण के अंतर्गत कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति में योग दिवस के आयोजन एवं भी एचएसएनसी की भूमिका के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के प्रथम चरण में जिला स्तर पर कार्यरत जिला समुदायिक उत्प्रेरक एवं द्वितीय चरण में प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोविड-19 महामारी के दौरान रोग दिवस पर सभी सेवाओं को नियमित किया गया है। अतः इस महामारी को देखते हुए आरोग्य दिवस सत्र स्थल पर बेहतर प्रबंधन एवं सेवा प्रदाता और लाभार्थियों को संपूर्ण सुरक्षा देते हुए आरोग्य दिवस संचालित किए जाने की आवश्यकता है। यह दिशानिर्देश समुदाय और स्तर पर कोविड-19 प्रसार के जोखिम को कम करने में मदद करेगा।
पंचायत प्रतिनिधियों और वीएचएसएनसी के सदस्यों की भूमिका एवं जिम्मेदारियां
ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने में वीएचएसएनसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके लिए भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों एवं वीएचएसएनसी के सदस्यों के द्वारा समुदाय को कोविड-19 के संक्रमण की वर्तमान स्थिति और उसके रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा। यह सुनिश्चित करना कि समुदाय एवं सेवा प्रदाता के द्वारा कोविड-19 के रोकथाम से संबंधित उपायों को पालन किया जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण से संबंधित भ्रांतियों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा तथा उसके विरुद्ध आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। निगरानी पत्र के माध्यम से समुदाय अस्तर की स्थिति से प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर वीएचएसएनसी सदस्यों द्वारा भरा जाना चाहिए। जिससे स्थानीय स्तर पर योजना के निर्माण और समस्याओं के निवारण में सहायता मिलेगी। समिति को अपने कार्य का विस्तार करते हुए स्थानीय स्तर पर कोविड-19 से संबंधित भ्रांतियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। होम क्वॉरेंटाइन सरकारी आइसोलेशन में रहने वाले लोगों की मदद करना होगा। कोविड-19 के दौरान क्या करें, क्या नहीं करें के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार में सहयोग करना होगा।
पीआरआई और वीएचएसएनसी सदस्य कोविड-19 के रोकथाम में करेंगे सहयोग
कोविड19 पर सभी सदस्यों की समाज को बढ़ावा बढ़ाना और उन्हें जागरूक करना जिसमें लोगों को कोई 19 के संक्रमण के दौरान क्या करें क्या नहीं करें रोग के लक्षण बिना लक्षण वाले लोगों का प्रबंधन, कोविड 19 पॉजीटिव केस, प्रवासी मजदूर, क्वॉरेंटाइन एवं आइसोलेशन केंद्र से संबंधित भ्रांतियों को दूर करना
प्रत्येक लाभार्थी नामित एवं विशिष्ट आमंत्रित सदस्य महिला समूह के सदस्य और मनरेगा समन्वयक आदि की भूमिका एवं उनसे अपेक्षित सहयोग का निर्धारण करना। ताकि प्रत्येक लाभार्थी कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए योगदान दे।
आरोग्य दिवस सत्र का प्रबंधन और रखरखाव जैसे सैनिटाइजेशन धुलाई और सत्र में भाग लेने वाले लोगों का प्रबंधन करना
गरीब परिवारों के लिए सैनिटाइजर और फेस मास्क उपलब्ध कराना
शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए सत्र स्थल और सार्वजनिक स्थानों पर गोला बनाकर सीमा का निर्धारण करना
आर्थिक रुप से कमजोर परिवार जो घर पर क्वारेंटिंन में है उनको सरकारी एवं सामुदायिक सहभागिता से सहायता प्रदान करना ताकि वे अपना देखभाल अच्छे से कर सके
बुजुर्ग और क्षयरोग, मधुमेह, डायलिसिस, कैंसर आदि जैसे गंभीर मरीजों का विशेष ध्यान देना
आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने को बढ़ावा देना
जो व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित थे लेकिन अब ठीक हो गए हैं उनकी देखभाल और लोगों के भ्रांतियों को दूर करने में मदद करना उनके प्रति सकारात्मक छवि बनाना
आरोग्य दिवस का आयोजन
रोग दिवस सत्र स्थल पर अधिकतम 4 से अधिक लाभार्थियों को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखने आरोग्य दिवस सत्र स्थल पर अधिकतम चार से अधिक लाभार्थियों को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनका कम से काम दो मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। लाभार्थी और उनके सहयोगी को कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने के बाद ही आरोग्य दिवस सत्र स्थल में प्रवेश करना चाहिए। लाभार्थी और उनके सहयोगी को चेहरे पर मास्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा । एएनएम आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरे आरोग्यव सत्र के दौरान चेहरे पर मास्क लगाकर रहना होगा। आरोग्य दिवस पर आने वाले लाभार्थियों को कोविड-19 से बचने के बारे में जानकारी दी जाएगी। जैसे- शारीरिक दूरी ,नियमित रूप से हाथ धोना, चेहरे पर मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
एएनएम के लिए निर्देश
प्रत्येक प्रसव पूर्व जांच से पहले नए सर्जिकल दस्ताने का उपयोग करें
तीव्र परीक्षणों -रक्त और मूत्र परीक्षण के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें
प्रत्येक लाभार्थी के बाद बीपी मशीन,फिटोस्कोप , स्टेथोस्कोप, वजन मशीन तथा अन्य उपयोग किए गए सामग्रियों सहित अपने हाथों को भी कीटाणु रहित करें
वैक्सीन कैरियर बॉक्स को कीटाणु रहित और जैव चिकित्सा अपशिष्ट ओ का निपटान अच्छी तरीके से किया जाना चाहिए
परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के बसंतपुर प्रखंड के खोड़ीपाकड़ धरीक्षणा बाबा के स्थान पर शिविर लगाकर 103 लोगों की जांच की गई। जिसमें सभी लोग निगेटिव पाए गए। उक्त जानकारी हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार सिंह ने दी।
परवेज़ अख्तर/सिवान:- जनता प्रतिनिधियों को चुनकर सदन में भेजती है, जिससे लोगों की समस्या को उठाकर निदान कराएं। लेकिन जब प्रतिनिधि अपने फायदे के लिए ही अधिकारियों से मारपीट पर उतारू हो जाएं तो यह गलत होगा। इससे अधिकारी व पदाधिकारी के बीच दूरी बढ़ेगी। जिससे विकास बाधित होगा। ऐसी घटना शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नल जल योजना के वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान नगर पंचायत कार्यालय में देखने को मिली।
जब नपं के अध्यक्ष एवं उनके स्वजनों ने कार्यपालक पदाधिकारी अरविद कुमार सिंह एवं प्रधान सहायक मन्नू कुमार सिंह के साथ मारपीट पर उतारू हो गए। इस घटना की चहुंओर से भर्त्सना हो रही है। इस घटना के बाद अब नगर पंचायत में विकास अवरुद्ध होने की चिता लोगों को सताने लगी है।
परवेज़ अख्तर/सिवान:- जिले के भगवानपुर प्रखंड प्रमुख लखन मांझी की अनुमति से बीडीओ डॉ. अभय कुमार के कार्यालय से निर्गत पत्र के आलोक में शनिवार को पंचायत समिति की बैठक आहूत की गई थी। सभी पंचायत समिति सदस्य बैठक में भाग लेने पहुंचे हुए थे। बैठक शुरू होने के पहले 28 में 18 सदस्य प्रखंड प्रमुख की कार्यशैली तथा अधिकार का दुरुपयोग का हवाला देते हुए बैठक का बहिष्कार कर प्रखंड कार्यालय के बाहर निकल गए। सभी सदस्य बैठक स्थगित करने का निर्णय अभी ले ही रहे थे कि अचानक बैठक स्थगित करने की सूचना कार्यालय से निकल गई। मौके पर विरोध का नेतृत्व पूर्व प्रमुख रामजी चौधरी तथा सुनील ठाकुर कर रहे थे।
उन्होंने ने कहा कि प्रमुख बहुमत से अमान्य हैं। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रखंड प्रमुख प्रखंड के विकास में बाधक है। सभी सदस्य बैठक का बहिष्कार करते हैं। बैठक का बहिष्कार करने वालों में पूर्व प्रखंड प्रमुख रामजी चौधरी, डॉ. सुगेन सिंह, सुनील ठाकुर, जयमाला देवी, हरिकिशोर चौधरी, तारकेश्वर कुमार, कृष्ण कुमार प्रसाद, रंभा देवी, रजिया बीबी, जान महम्मद, नूरजहां खातून, इंदु देवी, सुमन देवी, विकास कुमार तिवारी, फूलकुमारी देवी आदि शामिल थीं। वहीं बीडीओ ने बताया कि तकनीकी कारणों से बैठक स्थगित करना पड़ी है।
परवेज़ अख्तर/सिवान :- वैश्विक महामारी कोरोना के चलते रविवार को इमाम हुसैन की इबादत में मुहर्रम पर ताजिया के साथ किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकलेगा। मुहर्रम के दिन हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा भी कहा जाता है। मुहर्रम मातम मनाने व धर्म की रक्षा करने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग शोक मनाते हैं और अपनी खुशी का त्याग करते हैं। इमाम महफुर्जरहमान काशमी ने बताया कि इस्लाम धर्म के नए साल की शुरुआत मुहर्रम महीने से होती है, यानी कि मुहर्रम का महीना इस्लामी साल का पहला महीना होता है, इसे हिजरी भी कहा जाता है।
इस दिन मुहर्रम अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक होता है।क्यों मनाया जाता है मुहर्रम इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह इंसानियत का दुश्मन था, यजीज खुद को खलीफा मानता था। हालांकि उसको अल्लाह पर भरोसा नहीं था औऱ वो चाहत रखता था कि हजरत इमाम हुसैन उसके खेमे में शामि हो जाएं। लेकिन हुसैन को यह मंजूर नहीं था औऱ उन्होंने यजीद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला में परिवार औऱ दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था। जिस महीने हुसैन औऱ उनके परिवार को शहीद किया गया था, वह मुहर्रम का ही महीना था।
नहीं निकलेगा अखाड़े का जुलूस कोविड- 19 को लेकर जिला प्रशासन द्वारा मुहर्रम के मौके पर स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक अवसरों पर लोगों का सार्वजनिक स्थलों या धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होना प्रतिबंधित किया गया है। इस संबंध में डीएम अमित कुमार पांडेय ने बताया कि मुहर्रम के अवसर पर अलम, ताजिया, सिपर अथवा आखाड़े का कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा। शस्त्र प्रदर्शन भी नहीं होगा और लाउडस्पीकर और डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ताजिया नही रखा जायेगा और अखाड़े का आयोजन भी नहीं किया जाएगा। कहा कि इमामबाड़ा/अजाखाना/जरीखाना की साफ सफाई, रौशनी व सजावट आदि की जाएगी परंतु उसमें भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा। घरों में ही केवल परिवार के सदस्यों के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मजलिस का आयोजन करने की अनुमति रहेगी।