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Tuesday, June 10, 2025
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पल्सर सवार अपराधियों ने एक लाख तीस हजार छीना

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परवेज अख्तर/सिवान:- जले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के बरवां खुर्द मोड़ के समीप मंगलवार की दोपहर बिना नंबर की पल्सर पर सवार अपराधियों ने एक बाइक सवार का पीछा कर एक लाख तीस हजार रुपये छीन लिए. पीड़ित लकड़ी नबीगंज ओपी के लकड़ी का मो. रउफ बताया जाता है. पैसे छीनने के बाद उसने अपराधियों का मलमालिया तक पीछा भी किया. बावजूद अपराधी भागने में सफल रहे.

उसके बाद पीड़ित मो. रउफ ने घटना की लिखित सूचना बसंतपुर थाने को दी. पीड़ित ने दिए आवेदन में कहा है की मंगलवार की दोपहर 2 बजे के आसपास बसंतपुर स्टेट बैंक की शाखा से एक लाख तीस हजार रूपये की निकासी कर बाइक से घर लौट रहा था. तभी मलमालिया-महमदपुर एनएच 331 पर बरवां खुर्द के समीप पल्सर सवार अपराधियों ने ओवरटेक कर पैसा छीन लिया. थानाध्यक्ष रणधीर कुमार ने बताया की मामले कि जांच कर उचित करवाई की जाएगी.

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दरौली में मंदिर पर बिजली गिरने से शिखर ध्वस्त

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परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के दरौली थाना क्षेत्र के दोन गांव स्थित जय तिवारी ब्रहम स्थान शिव मंदिर पर बुधवार शाम को आकाशीय बिजली गिरने से मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. मंदिर के किनारे का हिस्सा के ईंट टुकड़े टुकड़े हो गये. जय तिवारी ब्रहम स्थान शिव मंदिर पर बुधवार को काफी तेज आवाज के साथ शाम चार बजे आकाशीय बिजली गिरी थी. इससे मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.

घटना से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. शिखर के उपर लगा त्रिशुल क्षतिग्रस्त हो गया. ग्रमीणों ने बताया कि त्रिशुल नहीं होता तो बड़ी घटना हो सकती थी. मंदिर के अगल बगल कस्बा है. सूचना मिलने पर ग्रामीण बारिश में ही दौड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचे.

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दरौंदा में बाइक सवार अपराधियों ने जिला परिषद प्रत्याशी को मारी गोली, मौत

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परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के बालबंगरा पेट्रोल पंप के समीप बुधवार की शाम बाइक सवार बेख़ौफ़ अपराधियों ने एक युवक पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. इस घटना में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. पीड़ित युवक की पहचान गणेश यादव के पुत्र मुकेश यादव के रूप में हुई है. पीड़ित युवक के पेट में गोली लगी थी. आनन-फानन में उसे स्थानीय अस्पताल लाया गया. जहां से उसे सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल ला रहे थे कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया.

इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया.जानकारी के अनुसार बांलबंगरा निवासी मुकेश यादव गांव से बाहर स्थित पेट्रोल पंप के बगल में अपने फर्नीचर के दुकान पर बैठा था. इसी दौरान सवार दो की संख्या में हथियार लैस अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद पीड़ित को सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है. जहां उसकी मौत हो गई. हत्या के बाद परिजनों के चीत्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया. इधर परिजनों ने पुलिस प्रशासन से अपराधियों की गिरफ्तार करने की मांग की है. मृतक अपराधी प्रवृत्ति का था.

उसके विरुद्ध दरौंदा थाने में शराब व रंगदारी के मामले दर्ज है. पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इसी बीच गोलीबारी में उसके घायल होने की सूचना मिली तो पुलिस हरकत में आ गयी. घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी थानाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गए. पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. चर्चा है कि मृत जिला परिषद क्षेत्र संख्या 30 से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहा था.

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एईएस व जेई प्रभावित मरीजों को दी जा रही निशुल्क: एंबुलेंस सेवा

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  • निजी एंबुलेंस से आने पर स्वास्थ्य विभाग कर रहा राशि का भुगतान
  • सारण समेत 11 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में वर्तमान में 406 एंबुलेंस हैं मौजूद
  • सारण में वर्तमान में 37 एंबुलेंस उपलब्ध

छपरा: एईएस(एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) व जेई(जापानी इंसेफलाइटिस) की रोकथाम के मद्देनजर लोगों को निशुल्क: 102 एंबुलेंस की सुविधाएं दी जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने प्रभावित रोगियों को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने को लेकर सभी सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक को अपनी निगरानी में इस हालात पर नजर रखने के लिए भी कहा है।

सारण समेत 11 जिलों में कुल 406 एंबुलेंस कराये गये हैं उपलब्ध

राज्य के 11 सबसे अधिक एईएस व जेई से प्रभावित जिलों में रोगियों को कई सुविधाएं के साथ एंबुलेंस सेवा भी दी जा रही है। इन 11 जिलों में वर्तमान में कुल 406 एंबुलेंस मौजूद हैं। इनमें कुल 336 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस व 24 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। इसके अलावा मई माह में कुल 46 नये बीएलएस एंबुलेंस इन सभी जिलों को उपलब्ध कराया गया है। कुल 20 एंबुलेंस को बैकअप के तौर पर रखा गया है जो किसी भी आपात स्थिति में इस्तेमाल करने हैं।

सारण में वर्तमान में 37 एंबुलेंस उपलब्ध

सारण जिला में वर्तमान में 37 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। इसमें पूर्व से 2 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस व 33 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध है। वहीं मई माह में 2 नये बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस दिये गये है। साथ ही 2 बैकअप बीएलएस एंबुलेंस उपलब्ध हैं जो किसी आपात स्थिति में काम करेंगे।

निजी एंबुलेंस के दैनिक भाड़ा हैं निर्धारित

एईस मरीजों के परिवहन के लिए निजी एंबुलेंस का दैनिक भाड़ा निर्धारित कर आवश्यकतानुसार अतिरिक्त एंबुलेंस रखा गया है। एईएस पीड़ित मरीजों को निजी एंबुलेंस या प्राइवेट वाहन की व्यवस्था कर अस्पताल पहुंचने पर निर्धारित दर पर भाड़े के एवज में राशि का भुगतान करना है। इसके लिए 0 से 20 किलोमीटर पर 400 सौ रूपये, 21 से 40 किलोमीटर के लिए 600 रुपये व 41 से 60 किलोमीटर पर 800 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। 61 किलोमीटर से अधिक होने पर अधिकतम 1000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। मरीजों के परिजनों को राशि का भुगतान नकद किया जा रहा है।

केयर इंडिया द्वारा 861 इएमटी को मिला प्रशिक्षण

इन सभी 11 जिलों में 102 एंबुलेंस के लिए प्रतिनियुक्त किये गये इमरजेंसी मेडिकल टेक्निीशियन के प्रशिक्षण के लिए 102 एंबुलेंस पर कार्यरत इएमटी की सूची सेवा प्रदाता से प्राप्त कर स्टेट रिसोर्स यूनिट केयर पटना को उपलब्ध करायी गयी है। कुल 861 इएमटी को प्रशिक्षण दिया गया है।

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सदर अस्पताल के परिवार नियोजन परामर्श केंद्र में स्थाई व अस्थाई साधनों पर काउंसलिंग शुरू

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  • परिवार नियोजन के बारे में जानकारी लेने पहुंच रही हैं महिलाएं
  • पुरूषों को भी दी जा रही जरूरी काउंसलिंग
  • महिलाओं को इच्छानुसार अस्थाई साधन भी नि:शुल्क उपलब्ध

छपरा: जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना संकट को लेकर सदर अस्पताल स्थित परिवार नियोजन परामर्श केंद्र को बंद कर दिया गया था। अब फिर से परिवार नियोजन परामर्श केंद्र संचालित कर दिया गया है। काउंसलर के द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी जा रही है व उन्हें जरूरी साधन उपलब्ध भी कराए जाते हैं। इस परामर्श केंद्र का मुख्य उदेश्य यह है कि लोगों को परिवार नियोजन के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके। ताकि छोटा परिवार, सुखी परिवार की परिकल्पना को साकार किया जा सके। इस केन्द्र पर सभी दिवस मे परिवार नियोजन के सभी साधनों की उपलब्धता के साथ-साथ परामर्शी भी मौजूद रहती हैं। परामर्शी आने वाले सभी इच्छुक लोगों को उनके लिए जरूरी परिवार नियोजन के साधन चुनने मे सहायता कर रही हैं। केन्द्र को आकर्षक बनाने हेतु आवश्यक चित्रण और लेखन भी किया गया हैं।

स्थायी व अस्थायी साधन है उपलब्ध

फैमिली प्लानिंग कॉर्नर की काउंसलर बबिता कुमार ने बताया परिवार नियोजन कॉर्नर पर जरूरत के सभी स्थायी व अस्थायी दोनों ही साधन उपलब्ध होते हैं। जो परिवार स्थायी साधन का इस्तेमाल करना चाहते हैं जैसे कि पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण इत्यादि उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है, जबकि अस्थायी साधन के रूप में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम आदि फैमिली प्लानिंग कॉर्नर में दिया जाता है। उसके इस्तेमाल और सावधानियों की जानकारी भी परिवार नियोजन कॉर्नर में दी जाती है।

परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं व पुरूषों में बढ़ रही रूचि

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा फैमिली प्लानिंग कॉर्नर की वजह से जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में बहुत जागरूकता आ रही है। यहां लोगों को आसानी से परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी मिल जाती है व जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध हो जाती है। देखा गया है कि यहां से लाभ लेने वाले आम लोग भी अपने क्षेत्र में इसकी जानकारी देते हैं जिससे आसपास के लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। परिवार नियोजन परामर्श केंद्र सार्थक सिद्ध हो रहा है। यहां पर महिलाएं साधनों के बारे में जानकारी लेने पहुँच रही है और इसे अपना भी रही है। पहले की तुलना में परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं के साथ-साथ पुरूष भी अधिक जागरूक हो रहे है।

परिवार नियोजन के लिए ये तरीके हैं कारगर

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण में परिवार नियोजन की बहुत अधिक भूमिका है। सभी अस्पतालों में ‘अंतरा’ इंजेक्शन और ‘छाया’ गोली निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए यह इंजेक्शन तीन माह में एक बार लगाया जाता है, वहीं जो महिलाएं इंजेक्शन लगवाने से डरती हैं उनके लिए छाया गोली है। ये हफ्ते में 2 बार दी जाती है। उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक इंजेक्शन का स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्भाशय के कैंसर से बचाव होता है। साथ ही हीमोग्लोबिन भी अच्छा हो जाता है। सही जानकारी नहीं होने के कारण बहुत साड़ी महिलाएं चाह कर भी परिवार नियोजन के साधन का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इस दिशा में परामर्श केंद्र में महिलाओं को परिवार नियोजन साधनों की जानकारी देना काफ़ी कारगर साबित हो रहा है।

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कोविड-19 से मौत होने पर सम्मानजनक तरीके से करें अंतिम संस्कार

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  • कोविड-19 को लेकर लोगों के बीच बनी धारणा को बदलने की जरूरत
  • माँ-बाप बच्चे व जीवनसाथी भी नहीं हो रहे अंतिम संस्कार में शामिल
  • “कोविड-19 संक्रमित मृतक के शरीर की व्यवस्था और अंतिम संस्कार” विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

छपरा: कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में हमारे सामने ऐसी कई घटनाएं आ रही हैं जिनमें लोग अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई भी नहीं दे पा रहे हैं। इस विषय को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के विशेषज्ञों की ओर से राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमे सारण, सिवान, गोपालगंज समेत बिहार के हर जिले पत्रकारों को भी शामिल किया गया था। इस वेबिनार का विषय “कोविड-19 संक्रमित मृतक के शरीर की व्यवस्था और अंतिम संस्कार” रखा गया था। जिसमें विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना संक्रमण और उससे हुई मौत को झेल रहे परिवारों पर यह दोहरा और अनावश्यक आघात है।किसी प्रियजन की मौत के बाद सबसे पहली जिम्मेदारी उन्हें अंतिम विदाई सम्मानजनक तरीके से देने की होती है। शोक की प्रक्रिया इस अंतिम संस्कार वाले क्षण से ही शुरू होती है। इस वेबिनार में मुख्यरूप से प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, पीपुल्स हेल्थ रिसोर्स नेटवर्क की संस्थापक और पूर्व सदस्य राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग डॉ वंदना प्रसाद, लोकप्रिय विज्ञान और जनता के लिए एक प्रमुख आवाज़, स्वास्थ्य, पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र, छत्तीसगढ़ राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र के निदेशक, और डीन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई डॉ टी सुंदररमन, प्रमुख वैज्ञानिक, आईआईटी, दिल्ली में मानद प्रोफेसर और परिवहन के विशेषज्ञ डॉ दिनेश मोहन, मानवाधिकार कार्यकर्ता जॉन दयाल शामिल थे।वेबिनार का संचालन मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर और नताशा बधवार ने की।

मां-बाप, बच्चे और जीवन साथी भी नहीं दे रहें साथ

वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले तीन महीने में कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं जिनमें कोरोना संक्रमित लोग अपने अंतिम समय में अपने मां-बाप, बच्चे या जीवनसाथी का साथ नहीं पा सके। कोरोना संक्रमण के भय के कारण परिवार के लोगों को इनसे दूरी बनानी पड़ी। कोरोना के संक्रामक प्रवृत्ति और अस्पतालों की निर्देश के कारण बहुत सारे लोग चाहकर भी अपने प्रियजनों के अंतिम समय में उनके साथ नहीं रह सके।

फैली है भ्रामक जानकारियां

वैज्ञानिकों के विस्तृत निर्देश के बावजूद कि कोरोना के मरीजों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया जा सकता है, इस बारे में कई भ्रामक जानकारियां फैली हुई हैं। यह दुखद है कि इन्हीं भ्रामक जानकारियों के कारण परिवार के लोग कोरोना के शिकार लोगों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं। कई रिपोर्टों में बताया गया कि कोरोना संक्रमण के भय से परिवार के लोग मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं जिस कारण सरकारी अधिकारी या अन्य बाहरी लोगों के द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

लोगों के बीच बनी धारणा को बदलने की भी जरूरत

आज जब हम महामारी के दौर से गुजर रहे हैं तब विज्ञान और वैज्ञानिक समझ निश्चित रूप से हमसे अपील करेगी कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें और अपने बीमार परिजनों के पास मास्क आदि सुरक्षा प्रबंधों के बिना न जाएं। लेकिन, इसके साथ-साथ हमें इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच बनी धारणा को बदलने की भी जरूरत है। हमें एक वृहत अभियान के तहत इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलानी होगी। आज हमें भय, गलतफहमी और भ्रामक जानकारियों के बीच बारीक अंतर पहचानने के लिए विज्ञान की ओर देखना ही होगा।

सम्मानजनक तरीके से विदा लेने का हर व्यक्ति का अधिकार

हर एक व्यक्ति को अधिकार है कि सम्मानजनक तरीके से अपने परिजनों से विदा ले। हमारे लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि मृतकों का अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा किए जाने में कोई ख़तरा नहीं है। उन्हें दफ़नाने या उनका दाह संस्कार करने से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलता है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मृतकों को दफनाने के संबंध में 15 मार्च को एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया था. इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि मृतक के परिजन अंतिम बार अपने प्रियजन का दर्शन कर सकते हैं। इसमें वैसे सभी धार्मिक कार्यों की भी अनुमति दी गई थी, जिन्हें बिना शारीरिक संपर्क के पूरा किया जा सकता है।

सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कर सकते हैं अंतिम संस्कार

वास्तव में ऐसा कोई वैज्ञानिक या तार्किक कारण नहीं है जो सामाजिक दूरी और सुरक्षा निर्देशों का पालन कर रहे लोगों को अपने प्रियजनों को अंतिम संस्कार करने से रोकता हो। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लोग अपनी मान्यता के अनुसार अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार खुद से कर सकते हैं, इसके लिए कोई रोक नहीं है। बस हमें यहां ध्यान रखना होगा कि अंतिम संस्कार के इस कार्यक्रम में ज्यादा लोग उपस्थित नहीं हों और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन हो। सिर्फ और सिर्फ बहुत करीबी लोग ही इसमें शरीक हों और सभी लोग उचित तरीके से मास्क लगाए हों। वृद्ध लोगों और बच्चों को ऐसे कार्यक्रम से दूर रखा जाए और अगर धार्मिक मान्यता के अनुसार खाने-पीने का इंतजाम करना है तो सबके लिए अलग बर्तन रखे जाएं और ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किसी खुली जगह पर कराया जाए।

ख़िलाफ़ जंग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सहारा लें

विशेषज्ञों ने इस भ्रम को दूर करने के लिए एक खुला पत्र देश के नागरिकों के नाम लिखा है। जिसमें कहा गया है कि हम यह खुला पत्र अपने देश के नागरिकों के नाम लिख रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में हमारे भाई-बहन वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सहारा लें। इस पत्र के माध्यम से हम उन सभी परिवारों के साथ संवेदना भी जताना चाहते हैं जिन्होंने किसी अपने को खोया है। शोक के इस समय में हम उन परिवारों के साथ कदम से कदम से मिलाकर खड़े हैं और हम उन्हें यह बताना च

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अभी-अभी:- पचरुखी में अपराधियों ने व्यवसायी को मारी गोली, दहशत

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परवेज अख्तर/सिवान:-बुधवार को दिन चढ़ने के साथ ही भवानी मोड़ गोलियों की आवाज से गूंज उठा. जहां अपराधियों ने एक हार्डवेयर व्यवसायी को गोली मारकर घायल कर दिया. हाथ में गोली मारने के बाद अपराधी बाइक से सीवान की तरफ असहला लहराते हुए भाग निकले. आनन फानन में व्यवसायी को लोग स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया. गोली व्यवसायी के दाहिये हाथ में लगी है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जसौली चीनी मिल व मोहम्मदपुर मोड़ पर सघन वाहन जांच अभियान शुरू कर दिया. इस दौरान दर्जनों गाड़ियों को पकड़ा गया. थानाध्यक्ष रीतेश कुमार मंडल ने बताया कि एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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विदित हो कि प्रतिदिन की भांति बुधवार को थाना क्षेत्र के भवानी मोड़ पर सिंह इंटरप्राइजेज के मालिक हाईवेयर दुकानदार 55 वर्षीय नागेंद्र सिंह दुकान खोलकर बैठे थे. बताया जाता है कि तकरीबन 11 बजे बाइक पर सवार दो अपराधी आये. बाइक दूर खड़ी कर एक अपराधी दुकान में गया और नागेंद्र सिंह से चापाकल के खरीदारी की बात कही. इसके बाद जैसे ही नागेंद्र सिंह चापाकल दिखाने के लिये झुके, अपराधी ने उनपर पिस्टल तान दी. बताया जाता है कि बचाव में दुकानदार कुछ बोलना चाहे अपराधी ने फायर कर दिया. शुक्र रहा कि गोली नागेंद्र सिंह के दाहिने हाथ में लगी. गोली मारने के बाद अपराधी अपने साथी के साथ दूर खड़ी अपाची बाइक से सीवान की तरफ भाग निकले.

आवाज सुनकर आसपास के लोग उस भागे. घायल व्यवसायी नागेंद्र सिंह को परिजन सहित अन्य लोग पचरुखी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये. जहां घायल व्यवसायी का प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई. वहीं घायल व्यवसायी ने अपराधियों को पहचानने से इंकार कर दिया. घायल व्यवसायी मूल रूप से जसौली रदल गांव के रहने वाले है. वे तकरीबन 25 वर्षों से भवानी मोड़ पर अपना मकान बनाकर रहते है. उसी मकान में उन्होंने सिंह इंटरप्राइजेज के नाम से बालू, छड़, गिट्टी व सीमेंट सहित हार्डवेयर की दुकान खोल रखी है. इधर जदयू के प्रखंड युवाध्यक्ष महावीर प्रसाद ने पुलिस से व्यवसायियों की सुरक्षा सहित अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है.

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प्रतिबंध के बाद टिक टॉक को ऐप स्टोर और प्ले स्टोर से हटाया गया।

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परवेज अख्तर/सिवान :- सरकार की ओर से गूगल प्ले स्टोर को इन 59 ऐप को अपने यहां से हटाने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं यानी अब ये सभी ऐप इन प्लेटफॉर्म पर नहीं मिलेंगे और कोई नया यूजर इन्हें डाउनलोड नहीं कर पाएगा।इन दो कंपनियों के अलावा सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से भी इन ऐप को ब्लॉक करने को कहा है।

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सरकार के सूत्रों का ये भी कहना है कि ये अंतिम लिस्ट नहीं है।सरकार की ओर से कुछ और नई ऐप का नाम इनमें जोड़ा जा सकता है यानी सुरक्षा के लिहाज से जो ऐप्लिकेशन खतरा होंगी,उन्हें भी बैन किया जा सकता है।

आपको बता दें कि सोमवार देर शाम को ही सरकार ने टिकटॉक,वीचैट समेत कुल 59 चाइनीज मोबाइल ऐप को देश में बैन कर दिया था।इसके बाद रात 12 बजे के बाद से ही गूगल प्ले स्टोर से ये ऐप हटते हुए नज़र आए।अब मंगलवार को टिकटॉक इंडिया की ओर से बयान जारी किया गया है।

टिकटॉक ने अपने बयान में दावा किया है कि ये अंतरिम आदेश है और सरकार की ओर से उन्हें सफाई देने के लिए बुलाया गया है‌।आपको बता दें कि सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि ये ऐप देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और ये डाटा चोरी का काम करती थीं।

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एचआईवी-एड्स पॉजिटिव व कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों को मिलेगा परवरिश योजना का लाभ

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  • आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर दिया निर्देश
  • आंगनबाड़ी सेविका करेंगी मरीजों की पहचान
  • 18 साल तक बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
  • बच्चों को मिलेगी 1000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि

छपरा: वैश्विक महामारी कोविड-19 परिदृश्य में उच्च जोखिम समूहों एवं एचआईवी-एड्स संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों को विभागीय योजनाओं एवं सेवाओं से लभान्वित किया जायेगा। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र लिखकर सभी डीपीओ को दिशा-निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया है कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, भारत सरकार के निर्देशानुसार विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के साथ हस्ताक्षरित समझौता के अनुरूप संबंधित विभागों द्वारा संचालित योजनाओं व सेवाओं से वैश्विक महामारी कोविड-19 परिदृश्य में एचआईवी का जोखिम एंव उसके प्रभाव को कम करने के लिए लक्षित लाभार्थियों को चिन्हित कर लाभान्वित किया जाना है। वर्तमान परिदृश्य में रज्य के उच्च जोखिम समूहों यथा महिला यौन कर्मी, पुरूष-पुरूष के साथ यौन संबंध रखने वाले, सुई से नशा करने वाले, ट्रांसजेंडर की जीविका पोषण को प्रभावित किया है। पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि ऐसे परिवार को चिन्हित कर लाभान्वित किया जाये। आंगनबाड़ी सेविकाओं को अपने-अपने पोषक क्षेत्र में ऐसे परिवारों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।

1000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि

सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने बताया कुष्ठ रोग तथा एचआईवी पॉजिटिव अनाथ व बेसहारा बच्चों की परवरिश योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा जो बेसहारा हैं तथा अपने निकटतम संबंधी अथवा किसी रिश्तेदार के साथ रहते हैं। एचआईवी पॉजिटीव व कुष्ठ रोग से ग्रसित अथवा वैसे माता पिता के बच्चे जो एचआईवी पॉजेटिव या एड्स से पीड़ित है । इस योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाएगी. साथ हीं एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों का नाम गोपनीय रखा जायेगा।

अनाथ बच्चों की चयन प्रक्रिया

आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया अनाथ बच्चों को योजना से लाभान्वित कराने के लिए चयन का दायित्व वार्ड स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका को अधिकृत किया गया है। सेविका अनाथ बच्चों के पालन करने वाले अभिभावक से आवेदन विहित प्रपत्रों में प्राप्त कर अपनी अनुशंसा के साथ सीडीपीओ कार्यालय में समर्पित करेगी। सीडीपीओ सेविका के अनुशंसा के आधार पर अपनी अनुशंसा कर संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। स्वीकृति के बाद अनाथ बच्चे एवं पालनहार के नाम संयुक्त बैंक खाता में सीधे सहायता राशि भेज दी जाती है।

नि:शुल्क आवेदन की सुविधा

छपरा सदर शहरी क्षेत्र के सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने बताया कि योजना के लाभ के लिए आवेदन पत्र नि:शुल्क जमा करना होगा। अनाथ बच्चे की स्थिति में माता-पिता का सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र जिसमें मुखिया, वार्ड, पार्षद द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र भी मान्य है। इसके अलावे लाभुक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत (ग्रेड 2) प्रमाण पत्र, एचआईवी या एड्स पीड़ित होने का प्रमाणपत्र देना होगा। पीड़ित लाभुक बच्चे व एचआईवी पॉजेटिव या एड्स पीड़ित माता अथवा पिता की संतान की स्थिति में एआरटी केन्द्र द्वारा जारी कार्ड मान्य होगा। साथ हीं बच्चों का सरकारी स्कूल में नामांकन होना अनिवार्य है। योजना के लाभ के लिए आवेदन पत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र, सीडीपीओ कार्यालय व जिला बाल संरक्षण इकाई से निःशुल्क लेकर उसे भर कर जमा करना होगा।

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नप में व्याप्त भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता को ले जन चेतना मंच ने दिया धरना

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परवेज अख्तर/सिवान:- नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, राजस्व की क्षति, पद का दुरूपयोग तथा हुए घोटाले के विरोध में जन चेतना मंच के सदस्यों ने मंगलवार को जिला समाहरणालय गेट पर एक दिवसीय धरना दिया. धरना का नेतृत्व राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने की. अपने संबोधन में पूर्व मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन व नगर प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचारियों, वित्तीय अनियमितता, राजस्व की क्षति, व पद का दुरूपयोग करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है. बताया कि वर्तमान सभापति द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुए करोड़ों रूपये की राशि की अनियमितता की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई की गई है.

उन्होंने मांग की कि उनपर प्राथमिकी दर्ज कर राशि की वसूली की जाए. जिले की जीवनदायिनी नदी दाहा नदी को भी अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की. साथ हीं सड़क व नाला निर्माण की जांच, डीजल घोटाला, एनजीओ को डोर-टू-डोर के लिए भुगतान, स्टील व प्लास्टिक की डस्टबिन का घोटाला, सफाई उपकरण की खरीद में हुए घोटाले की जांच की मांग की. मौके पर पूर्व पार्षद इंतखाब अहमद, पार्षद इमरान खान, अमित कुमार सिंह सोनू समेत अन्य लोग मौजूद थे.

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