परवेज अख्तर/गोपालगंज:- भूदानी जमीन जोतने देने के लिए 50 हजार रुपये रंगदारी की मांग पूरी नहीं होने पर थाने के बड़हरा गांव निवासी भाजपा नेता और संत शिरोमणि रविदास चेतना मंच के जिलाध्यक्ष विजय कुमार अमन को जाति सूचक शब्द कहकर प्रताड़ित करते हुए चाकू से हमला किया गया। लेकिन वे बाल-बाल बच गए।इस सम्बंध में थाने में आवेदन देने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब उन्होंने एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
गोपालगंज डीएम और एसपी ने उचकागांव क्वॉरेंटाइन सेंटर का किया निरीक्षण
परवेज अख्तर/गोपालगंज:- जिले के उचकागांव प्रखंड मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित उचकागांव हाई स्कूल के प्रांगण में बने प्रखंड स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर का गोपालगंज डीएम अरशद अजीज और एसपी मनोज कुमार तिवारी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बीडीओ संदीप सौरव से ग्रीन ऑरेंज और रेड जोन से आए मजदूरों की स्थिति का जायजा लिया और उनके खानपान, रहने आदि की बेहतर व्यवस्था का करने का निर्देश दिया।
इस दौरान उन्होंने प्रतिदिन रोकड़ पंजी संधारण, और केंद्र के साफ-सफाई का भी निर्देश दिया।इस दौरान एसपी मनोज कुमार तिवारी ने मौके पर तैनात होमगार्ड के जवानों के रहने, खाने-पीने आदि की व्यवस्था का भी हाल जाना। मौके पर सीओ रामबचन राम, स्वास्थ्य प्रभारी डॉ ओपी लाल, अंकुर पांडेय सहित काफी संख्या में कर्मी मौके पर उपस्थित थे।
कोरोना संकट में भी गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के पोषण का ख्याल रख रही सेविका दया देवी
- कोरोना के साथ पोषण के प्रति कर रही जागरूक
- घर-घर जाकर दे रही पोषण पर संदेश
- बच्चों के बीच सुधा दूध का वितरण
छपरा:- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है। कोरोना की जंग जितनी लंबी खींचती जा रही है, उतना ही कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ता जा रहा है। कोरोना योद्धाओं में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो परेशानियों का सामना करते हुए देश के प्रति अपना फर्ज निभा रहे हैं. एकमा प्रखंड के हँसराजपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 63 की सेविका दया देवी भी इस लिस्ट में शुमार हैं जो सुबह होते ही कोरोना संक्रमित इलाकों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर देती हैं और शाम में अपने घर की देखभाल भी करती हैं. वह कोरोना से बचाव की जानकारी देने के साथ लोगों को ऐसे दौर में बेहतर पोषण के गुर भी सीखा रही है.
घर-घर जाकर करती है गोदभराई
सेविका दया देवी ने बताया कोरोना वायरस को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। लेकिन गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ को देखते हुए उनके घरों पर जाकर गोद भराई की रस्म अदायगी की जा रही है। गोदभराई दौरान गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के रूप में फल का वितरण किया जाता है। साथ ही गर्भवस्था के दौरान बेहतर देखभाल करने के लिए उन्हें वह प्रेरित भी करती है।
बच्चों की पोषण का रख रही है ख्याल
सेविका दया देवी बताती हैं उनके क्षेत्र में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है। वे कोरोना काल मे भी बच्चों के पोषण के ख्याल रख रहीं है। घर घर जाकर बच्चों का अन्नप्राशन करा रही है । साथ ही 6 माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाने की जानकारी दे रही है।
6 माह से ऊपर के बच्चों का वे घर-घर पर जाकर अन्नाप्रशन करा रही है और माता-पिता को अनुपूरक आहार के विषय में जानकारी दे रही है.
अब कर रही है टीकाकरण का कार्य
कोरोना वायरस को लेकर चल रहे डोर टू डोर सर्वे अभियान अब पूरा हो चुका है। अब सेविका दया देवी आरोग्य दिवस के दिन टीकाकरण कार्य मे अपनी सेवा दे रही है। यहां पर भी आनेवाली गर्भवती महिलाओं को पोषण व नियमित जांच तथा समय पर टिका लगाने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए माता पिता को जागरूक कर रही है।
अभी-अभी सीवान में एक और गोपालगंज में दो मिले कोरोना के मरीज
सिवान :- बिहार में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है अभी अभी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में कोरोना संकट बन के 34 नए मामले आए हैं नए मामलों में सीवान में एक, गोपालगंज में दो , मधुबनी से तीन, पटना से एक, सारण से एक, पूर्णिया से एक, खगड़िया से 11, रोहतास से 14 और भागलपुर से एक मामला सामने आया है।
यह सभी 34 मामले बिहार के नौ अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं. सिवान में जो मामला सामने आया है वो आंदर का रहने वाला 28 वर्षीय युवक है और सारण से जो नया मामला सामने आया है. वह जनता बाजार में एक 24 साल के शख्स को पॉजिटिव पाए जाने के बाद सामने आया है, जबकि पटना के बेलछी से 30 साल के एक अन्य शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
गड़िया के अलौली से सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अलौली से कोरोना के 9 मामले सामने आए हैं, जबकि रोहतास के चेनारी से 5 मामले सामने आए हैं. मधुबनी के खुटौना से 2 नए केस सामने आए हैं, जबकि रोहतास के कोचस से 3 संझौली से 2 मामले सामने आए हैं.
कोरोना के 34 नए केस में से 2 महिलाएं हैं, जबकि बाकी 32 पुरुष हैं.
जिला प्रशासन का प्रयास लाया रंग: कोरोना संक्रमण से मुक्त हुआ सारण, 10 मरीज हुए स्वस्थ
- संक्रमण चेन को तोड़ने में सफल रहा जिला प्रशासन
- डीएम बोले- सभी के सहयोग से जीतेंगे कोरोना से जंग
छपरा:- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरों के बीच सारण जिले के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। सारण में सभी 10 संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। सभी संक्रमित मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वे अपने-अपने घर को लौट चुके हैं। कोरोना को मात देकर घर लौटने वालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है। कोरोना से जंग जीतने वाले सभी व्यक्तियों के हौसला अफजाई के लिए तालियां बजाकर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि अब सारण जिले में एक भी कोरोना का संक्रमित मरीज नहीं है। यह सारण के लिए बहुत ही सुखद खबर है। जिला प्रशासन ने संक्रमण के चेन को तोड़ने में सफलता हासिल की है । अन्य जिलों के मुकाबले सारण में संक्रमण चेन को रोकने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल मिली है । जिलाधिकारी ने बताया कि गठित सभी कोषांग सतर्कता पूर्वक कार्य कर रहे हैं।
सभी के सहयोग से जीतेंगे कोरोना से जंग
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि कोरोना की इस जंग में सभी का सहयोग काफी महत्वपूर्ण है । सभी के सहयोग से ही कोरोना से जंग जीता जा सकता है। सारण वासियों से अपील है कि वे वजह घरों से बाहर ना निकले तथा लॉक डाउन के नियमों का पालन करें।
बाहर से आने वाले प्रवासियों की की जा रही है स्क्रीनिंग
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि आने राज्यों से ट्रेन के द्वारा आने वाले प्रवासियों का स्क्रीनिंग छपरा जंक्शन पर किया जा रहा है तथा सभी को 21 दिनों के लिए उनके गृह प्रखंड में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में समुचित स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन नाश्ता तथा आवासन की व्यवस्था की गई है।
सुबह-शाम कराया जा रहा योगाभ्यास
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सभी लोगों को उनके गृह जिला में भेजा जा रहा है। उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वेरेंटीन कैम्प में भेजा जा रहा है। इस कैम्प में उन्हें 21 दिन रखा जा रहा है। वहाँ सभी लोगों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें पहनने का कपड़ा, थाली-ग्लास, बाल्टी-मग, साबुन-सर्फ, ऐनक-कंघी, टूथपेस्ट-ब्रस आदि शामिल। इन कैंप में मनोरंजन के लिए टेलीविजन (एलसीडी) भी लगाया गया है तथा सुबह-शाम योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।
इन बातों को रखें विशेष ख्याल
- सामाजिक दूरियों के कारण संक्रमितों से मानसिक एवं भावनात्मक दूरी न बनाएं
- लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करें
- अफवाहों से रहें दूर
- कोरोना पर विस्तार से एवं सटीक जानकारी के लिए (www.indiafightscovid.com) वेबसाइट का करें प्रयोग
- घर से निकलने से पहले मास्क का जरुर इस्तेमाल करें
- हाथों की नियमित सफाई पर ध्यान दें. इसके लिए हाथों को साबुन एवं पानी से साफ़ करें
- कोरोना के किसी भी लक्षण को अनदेखा ना करें
घर वापसी पर बने जिम्मेदार, कोरोना को हराने का यही है कारगर हथिया
- यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त रूप से जारी की मार्गदर्शिका
- प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल की दी गयी जानकारी
- प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान सावधानियां बरतने की दी गयी सलाह
सिवान: कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोग अब अपने-अपने राज्य लौटने लगने लगे हैं. इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुँचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई स्तर पर व्यवस्थाएं की है. जिसमें इनके आवाजाही के लिए स्पेशल ट्रेन सहित अपने राज्य पहुँचने पर क्वारंटाइन की सुविधा शामिल है. लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है. इसे ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्गों के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है.
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाये गए प्रबंधन प्रोटोकॉल
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है. जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल के अनुपालन करने होंगे. जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
1. कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर
- सरकार द्वारा ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा
- प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में कोविड-19 की जांच होगी
- जांच में संक्रमण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा
- जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर 7 दिन क्वारंटाइन में रख दोबारा जांच की जाएगी
- 7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा जहाँ खुद को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
2. कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर
- ऐसे में प्रवासी को घर भेज दिया जाएगा
- घर में खुद को 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
- होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देंम तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर ( 1800-180-5145) पर संपर्क करने की सलाह दी गयी है
बनें ज़िम्मेदार, होम क्वारंटाइन में प्रवासी बरतें सावधानियाँ
होम क्वारंटाइन में प्रवासी सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोका सकते हैं. इसके लिए मार्गदर्शिका में जरुरी जानकारी दी गयी है
- घर पहुंचते ही 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहें. इस दौरान अलग कमरे में ही रहें
- क्वारंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा / दुपट्टे से मुँह एवं नाक को ढँक कर रखें
- मास्क/गमछा / दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं
- सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें
- हाथों को साफ़ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें
- किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें
- घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का ग्लास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें
- संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से थाली रखें एवं इसे अलग से गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं
- अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग करें
- किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में नहीं होने दें
- आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें
- आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए
- घर से निकलते समय मास्क/गमछा/दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं
विश्व नर्स दिवस: कर्तव्यों के साथ-साथ मां का फर्ज निभा रही है नर्स खुशबू
- अपने 8 माह के बच्चे को साथ लेकर ड्यूटी कर रही है एएनएम
- कोरोना की इस लड़ाई में पति भी दे रहें साथ
- ‘नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज’ इस वर्ष की थीम
छपरा:- कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक , नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे हैं. इन दिनों जब कोरोना वायरस का संकट पूरे देश में फैला हुआ है तो एएनएम एवं नर्स लोगों की सेवा में दिन-रात जुटी हैं. एक तरफ वह अपने बच्चों की देख रेख तो कर ही रहीं हैं लेकिन उनके कन्धों पर जो जिम्मेदारी देश और समाज के प्रति है, उसे भी वह बखूबी निभा रही हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रत्येक वर्ष 12 मई को मनाये जाने वाले विश्व नर्स दिवस उन सभी नर्सों को समर्पित है, जो निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज की सेवा में समर्पित हैं. इस साल विश्व नर्स दिवस की थीम ‘‘‘नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज’’ रखी गयी है. आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है।
जिले की मांझी प्रखंड के ताजपुर एचएससी में कार्यरत खुशबू कुमारी विश्व नर्स दिवस को अपने कर्तव्यों से सार्थक कर रही है. वह कोरोना संक्रमण काल में एक ज़िम्मेदार स्वास्थ्य कर्मी के साथ एक माँ का भी फर्ज निभा रही है। वह अपने 8 माह के बच्ची को अपने साथ रखकर अपने कर्तव्यों का भी पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन कर रही है।
कोरोना संक्रमण प्रभावित क्षेत्र में किया सर्वे
एएनएम खुशबू बताती हैं उनकी बच्ची अभी मात्र 8 माह की और जिससे उन्हें अपने बच्चे को नियमित अंतराल पर स्तनपान कराना होता है. ऐसे में उसे दूर भी नहीं किया जा सकता. इसलिए वह अपनी बच्ची को साथ में रखकर भी इस कोरोनाकाल में अपनी कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है. खुशबू देवी कहती है, मांझी प्रखंड के सरयूपार गांव में एक कोरोना संक्रमित पॉजिटिव मरीज मिला था । जहां पर उनकी ड्यूटी लगाई गई थी, उस गांव का उन्होंने डोर टू डोर सर्वे का कार्य किया। इस दौरान उनकी बच्ची भी उनके ही साथ थी। खुशबू ने बताया सर्वे के दौरान उनके मन में यह डर सता रहा था कि कहीं उनकी बच्ची को संक्रमण ना हो जाए। क्योंकि इस गांव में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिल चुका था इसलिए उनके मन में यह डर था। लेकिन फिर भी वह मजबूत हौसलों के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रही और डोर टू डोर सर्वे कार्य को पूरा किया।
कोरोना के इस लड़ाई में पति ने दिया साथ
एएनएम खुशबू कुमारी बताती हैं कि उनकी बच्ची अभी बहुत छोटी है। इसलिए फील्ड ड्यूटी में जाते समय बच्ची को घर पर छोड़ कर नहीं जा सकती थी बच्ची भी उनके साथ ही रहती है। इस दौरान उनके कार्यो में कोई बाधा ना हो इसके लिए उनके पति भी उनका साथ देते है। वह बच्ची को संभालने के लिए फिल्में भी जाते हैं। खुशबू के इस कार्य को हर किसी ने सराहना की है।
दो माह से नहीं गयी घर
एएनएम खुशबू का घर पटना में है और वह सारण जिले के मांझी प्रखंड के ताजपुर एचएससी में पदस्थापित है। कोरोना संक्रमण के इस जंग में लड़ाई लड़ रही है। खुशबू करीब 2 महीनों से अपने घर नहीं गई हैं । जब घर की याद आती है तो व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो कॉल करके बात कर लेती हैं।
अब कर रही है टीकाकरण व प्रसव का कार्य
कोरोना संक्रमण को लेकर चल रहे डोर टू डोर सर्वे का अभियान अब पूरा हो चुका है। उसके बाद एएनएम खुशबू का ड्यूटी नियमित टीकाकरण कार्य व ताजपुर एचएससी में प्रसव कक्ष में लगाई गई है। जहां पर वह अपनी सेवा दे रही हैं। यहां भी उनकी बच्ची साथ में रहती है। टीकाकरण सत्र पर आने वाले लाभार्थियों व उनके परिजनों को कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक करती हैं । साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण अभियान परिवार नियोजन को भी धरातल पर उतारने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
विश्व नर्स दिवस: यूपी-बिहार के बॉर्डर पर कोरोना से जंग लड़ रही है एएनएम नीतू
- 2 माह से अपने बच्चे से नहीं मिल सकी हैं नीतू
- अपने दादी के साथ घर पर रह रहा है 2 साल का मासूम
- एएनएम नीतू देवी मजबूत हौसलों से लड़ रही है कोरोना से जंग
गोपालगंज:- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी के साथ साथ हर कोई लड़ाई लड़ रहा है। कुछ ऐसे भी कोरोना योद्धा है जो अपने परिवार की चिंता-फिक्र छोड़ देश व समाज की सेवा में दिन रात लगी हुई है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर एक ऐसे ही समर्पित एनएनएम को याद करने की बारी है जो विगत 2 महीनों से अपने 2 वर्षीय बच्चे से दूर होकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। गोपालगंज जिले के यूपी बिहार के सीमा पर स्थित बलथरी चेक पोस्ट पर तैनात एएनएम नीतू देवी करीब 2 महीनों से अपने घर नहीं गई हैं। दिन रात मेहनत कर देश व समाज के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। बलथरी चेक पोस्ट पर दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का वे स्क्रीनिंग का कार्य कर रही है तथा स्क्रीनिंग करने के बाद प्रवासियों के हाथ पर मुहर लगाती है। एएनएम नीतू देवी का एक 2 वर्ष का छोटा बच्चा भी है जो अपने दादी के साथ अकेले घर पर रहता है। एक तरफ गर्मी बढ़ती जा रही है, ऊपर से इन महिलाओं को पीपीई किट पहननना पड़ता है। सिर से पांव तक ढकने वाला यह किट घुटन पैदा करता है। लेकिन फिर भी वे अपनी ड्यूटी पूरी शिद्दत के साथ किये जा रही है। इस साल विश्व नर्स दिवस की थीम ‘‘‘नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज’’ रखी गयी है। आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है।
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर करती है बात
एएनएम नीतू देवी कहती है, करोना वायरस की वजह से 2 माह से अपने घर नहीं गई हैं और वे अपने 2 वर्षीय जिगर के टुकड़े को गले लगाने को तरस रही हैं। हालांकि टेक्नोलॉजी के इस दुनिया में वह अपने बच्चे को चेहरे देख पा रही हैं । व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो कॉल करके अपने बच्चे से बात कर अपने दिल को दिलासा देती हैं। हालांकि वो मासूम बच्चा बार-बार अपनी मां से मिलने का जिद करता है तब उसकी दादी मां उसे कहानी सुना कर उसे मना लेती हैं।
बेटा कहता है- मां आप जानबूझकर नहीं आतीं, क्या करूं- सबको बचाना है
राजधानी पटना की रहने वाली है एएनएम नीतू देवी कहती है अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनसे दूर रह रही हैं। बेटा अभी छोटा है लेकिन उसे संक्रमण जैसा कोई खतरा न हो, इसलिए दो महीने से उसके पास नहीं गई। कई बार वह कहता है, ‘मां आप जानबूझ कर एेसा कर रही हैं।’ यह सुनकर मन तो बहुत करता है लेकिन समाज के साथ-साथ उसे भी संक्रमण से बचाना मेरी जिम्मेदारी है। बच्चे से बात करते समय उनके आंखों से आंसू भी आने लगते हैं फिर अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण भाव से इस जंग में फिर से जुट जाती हैं।
14 घंटे करती है ड्यूटी
एएनएम नीतू देवी का कहना है कि वह सप्ताह में 3 दिन नाइट ड्यूटी भी करती है और अन्य दिन डे ड्यूटी करती है। डे ड्यूटी तो आसानी से हो जाती है लेकिन नाइट ड्यूटी करना बहुत मुश्किल होता है। जिस दिन नाइट में ड्यूटी होता है। उस दिन करीब 14 घंटे काम करना पड़ता है। वह कहती हैं 2 माह में कई बार उनकी तबीयत भी खराब हुई है, लेकिन फिर भी करोना वायरस के लड़ाई में जंग को जारी रखा और पूरे समाज व देश को इस खतरनाक वायरस से बचाने के लिए अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रही है।
टिकट बुकिंग में फंस गया पेच, IRCTC वेबसाइट फेल होने के बाद रेलवे ने जारी किया नया शेड्यूल
पटना : लॉकडाउन के बीच सरकार ने ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का निर्णय लिया है. कल यानि मंगलवार से शर्तों के साथ देश के 15 बड़े शहरों के लिए एसी ट्रेनें चलने लगेंगी. लेकिन ख़ास बात ये है कि ट्रेनों की बुकिंग पर संकट गहरा रहा है. IRCTC की वेबसाइट फेल होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई थी. जिसके बाद रेलवे ने नया शेड्यूल जारी किया है. शाम 6 बजे से टिकट की बुकिंग शुरू होगी.
पटना में 8 BMP जवान कोरोना पॉजिटिव, बिहार में आंकड़ा पहुंचा 724
पटना : स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पटना के बीएमपी में कुल 8 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यह सभी बीएमपी 14 से जुड़े हुए हैं. इसके अलावे नवादा के हिसुआ से एक और नवादा के सिरदला से एक अन्य करना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है.