परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर बाजार में एक युवती के साथ छेड़खानी के मामले में पीड़िता के बयान पर आठ लोगों को आरोपित किया गया है। थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रभाकर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
छेड़खानी के मामले में आठ आरोपित
रघुनाथपुर क्वारंटाइन सेंटर में 102 लोगों को ठहराया गया
परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के रघुनाथपुर प्रखंड के राजपुर मोड़ स्थित सूर्यमुखी गोविंद बालिक उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज व मध्य विद्यालय की भवन में क्वाण्टाइन सेंटर में आइसोलेशन के लिए अन्य राज्यो से आए 102 लोगो
ठहराया गया है। बीडीओ सन्तोष कुमार मिश्रा ने बताया दो केंद्र में पहले
बाहर से आए लोगो को रखा गया था।लोगो की संख्या बढ़ने पर हाई स्कूल सह
इन्टर काजेल की भवन में व्यवस्था कराई गई है। सूर्यमुखी गोबिन्द बालिका
में 28, मध्य विद्यालय में 70, हाई स्कूल में 4 लोगो को रखा गया है। जो
विभिन्न जिला से अपने घर लॉक डाउन के दौरान आए हुए थे। उन्हें सोशल
डिस्टेंसिंग के तहत रखा जा रहा है। जहां पर खाना ,पानी व स्वास्थ्य जाँच
कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी और लोगो की इस सेंटर में देर शाम
तक आने की संभावना है।
सिवान में मिले चार कोरोना संक्रमित मरीज – जानिए पूरा डिटेल्स
परवेज अख्तर/सिवान : जिले में मंगलवार की शाम एक साथ चार लोग कोरोना के संक्रमित पाए गए। ये सभी अलग अलग प्रखंडों के निवासी हैं। आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की पुष्टि की। इनमें एक मरीज दरौली, एक हसनपुरा और दो बड़हरिया प्रखंड के गांव के रहने वाला है। संक्रमितों के पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। देर शाम डीएम अमित कुमार पांडेय ने उपपविकास आयुक्त सुनील कुमार, एसडीओ संजीव कुमार सहित वरीय पदाधिकारियों संग बैठक की। बैठक देर रात तक चलती रही। इसके बाद जिलाधिकारी ने पांच प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों के कई गांवों को कंटेंनमेंट जोन यानी पूर्णत लॉकडाउन घोषित कर दिया। एक तरह से यह कर्फ्यू की तरह है। बुधवार को जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इन गांवों की बॉर्डर को सील किया गया। इन पंचायतों के तीन किलोमीटर की परिधि में किसी के आने जाने पर पूर्णत पाबंदी है। एक तरह से यह कर्फ्यू की तरह है। बता दें कि जिले में 27 मार्च को पहला कोरोना का संक्रमित मरीज मिला था।
कल होगी देवी के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा
परवेज अख्तर/सिवान : मंगलवार को मां के आठवें स्वरुप की पूजा की गई। इस दौरान घरों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक मां की आराधना की। जगत का पालन करने वाली मां अन्नपूर्णा की पूजा की गई। मां अन्नपूर्णा की पूजा दैहिक, दैविक, और भौतिक सुख प्रदान करता है। मान्यता है कि जगत शिव और शक्ति का स्वरूप है, जहां शिव विश्वेश्वर है और उनकी शक्ति मां पार्वती हैं। सृष्टि की रचनाकाल में मां पार्वती को माया कहा जाता है, वहीं पालन काल में मां अन्नपूर्णा के नाम से जानी जाती है। जबकि संहारकाल में कालरात्रि बन जाती हैं। देर रात मां कालरात्रि की पूजा की गई। घरों में माता के मंगल गीत सुनाई दे रहे थे। श्रद्धालुओं ने अपने घरों में कलश स्थापित कर नये अनाज से पुआ पकवान बनाकर मंदिरों व घरों में मां की पूजा की। इस दौरान देवी गीतों से समूचा क्षेत्र गुंजायमान हाे रहा था। पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि गुरुवार को चैत्र नवरात्र समाप्त हो जाएगी। इस दिन घरों में कन्या पूजन किया जाएगा। कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाया जाएगा। साथ हीं साथ उनको तोहफे देकर लाल चुनरी ओढ़ाने की मान्यता है। बताया कि नवरात्र के नौवे दिन समापन के अवसर पर देवी की विदाई की जाती है। इस दिन माता की विधिवत पूजा की जाती है। इस वक्त लॉकडाउन की स्थिति में घर पर उपलब्ध साधनों से देवी की पूजा कर सकते हैं। माता को इस दिन नौ दिनों तक पूजा करने के बाद अपनी बेटी की तरह विदा किया जाता है। माता को विदाई देते हुए उनको कुमकुम, अक्षत, मेहदी, हल्दी, अबीर, गुलाल, सुगंधित फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। माता को हलवा, पंचमेवा, पंचामृत, लाल फल आदि का भोग लगाया जाता है और माता को लाल चुनरी समर्पित की जाती है। माता के कलश के जल को घर में छिड़क दें और बाकी पूजा सामग्री को अभी अपने निवास पर रखें और लॉकडाउन खत्म होने के बाद इसको कहीं बहते हुए जल में विसर्जित कर दें।
30 जून तक वैध माने जाएंगे डीएल व गाड़ी के कागजात
परवेज अख्तर/सिवान : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते वाहनों के कागज रिन्यूअल नहीं करा पाने वालों के लिए राहत की खबर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई है। जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक मोटर वाहन कानून अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन कानून 1989 के तहत मान्य गाड़ी के सभी कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन एवं अन्य दस्तावेज जिनकी वैधता पहली फरवरी से 30 जून के बीच खत्म हो रही है, उन सभी की वैधता को 30 जून 2020 तक माना जाए।
नहीं कटेगा चालान
जिला परिवहन पदाधिकारी कृष्णमोहन प्रसाद ने बताया कि डीएल और गाड़ी के कागज की वैधता खत्म होने के बाद भी फिलहाल उनका चालान नहीं काटा जाएगा। ऐसे लोग 30 जून तक अपने कागत रिन्यू कहा सकेंगे। बता दें कि लॉकडाउन के कारण सभी सरकारी ऑफिस बंद है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे ट्रांसपोर्ट वालों को दिक्कत हो रही है। इसको ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है। उधर बीमा नियामक कंपनी ने भी नॉटिफिकेशन जारी कर कहा है कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में मोटर थर्ड पार्टी लाॅयबिलिटी इंश्योरेंस कवर के लिए बीमा कीदरों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। अगले आदेश तक बीमाकर्ताओं को प्रीमियम दरों में बदलाव नहीं करने को कहा है।
सिवान शहर में दिखने लगा लॉकडाउन का प्रभाव
परवेज अख्तर/सिवान : देश में लॉक डाउन घोषित किए जाने के बाद लोगों ने अपने आप को पूरी तरह घरों में कैद कर लिया है। जनता सड़कों पर न आए इसलिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है। जिलेवासियों की समस्याओं के निदान के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तत्पर दिखा रहा है। लॉकडाउन के नौवें दिन भी जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्र के लोग घरों में रहे और बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। राशन की दुकानों, सब्जी मंडी और पूजन सामग्री की दुकानों पर लोग खरीदारी करते हुए नजर आए। जिले में कोरोना
वायरस संक्रमित लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव मिलने के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। इस दौरान प्रभावित प्रखंड क्षेत्रों में प्रशासनिक सतर्कता भी बढ़ा दी गई है। रोजाना की तरह लोग सब्जी मंडी में पहुंचे। इस दौरान बाजारों में मौजूद पुलिस लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का निर्देश देते रही। उधर, शहर के कई चौक-चौराहों पर आवाजाही पर सख्ती बरती जा रही है। बेवजह बाहर निकलने वालों पर सख्ती बरती जा रही है। पुलिस-प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि बिना जरुरत के घर से बाहर न निकलें। जरुरत की कई सामानों की होम डिलिवरी की जा रही है। ऐसे में बहुत ज्यादा जरुरत हो तभी लोग घरों से बाहर निकलें।
एनुअल क्लोजिंग को ले बैंकों में नहीं हुआ काम
एनुअल क्लोजिंग डे के कारण बुधवार को जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैंक में ग्राहकों के काम नहीं हुए। एलडीएम नरेंद्र
कुमार ने बताया कि गुरुवार को रामनवमी का अवकाश रहेगा। इस कारण लोगों को एटीएम का हीं सहारा लेना पड़ा। लॉकडाउन के कारण बाजारों में लोगों की भीड़ ना के बराबर रह रही है।
कोरोना वायरस के कारण चर्चा में आया तबलीग़ी जमात क्या है?
- मरकज़ का मतलब है केंद्र
- तबलीग़ का मतलब धर्म का प्रचार
- जमात का अर्थ समूह या झुंड
परवेज अख्तर/सिवान
बीते दो दिनों में ये तीन शब्द सबसे अधिक चर्चा मे
दिल्ली का निज़ामुद्दीन इलाक़ा कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के इस दौर में चर्चा में आ गया है. मार्च के महीने में इस इलाक़े में स्थित तबलीग़ जमात के मरकज़ में एक धार्मिक आयोजन हुआ था. जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे. देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही विदेश से भी लोग यहां पहुंचे थे.
यहां धार्मिक आयोजन होना नया नहीं है लेकिन ये आयोजन उस वक़्त हुआ जब देश में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ था.
ये एक पक्ष है. दूसरा पक्ष यानी तबलीग़ जमात का कहना है कि जनता कर्फ़्यू के एलान के साथ ही उन्होंने अपना धार्मिक कार्यक्रम रोक दिया था. लेकिन पूरी तरह लॉकडाउन की घोषणा के कारण बड़ी संख्या में लोग वापस नहीं जा सके.
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में जब लोगों के जमा होने का पता चला तब पुलिस ने कार्रवाई की और लोगों को यहां से बाहर निकाला. सभी को कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजा गया. जिसमें से 24 लोगों के टेस्ट पॉज़ीटिव मिले हैं.
इसके साथ ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एकाएक उछाल आ गया.
लेकिन क्या है तबलीग़ी जमात जो अचानक से चर्चा में आ गया…
तबलीग़ी जमात का जन्म भारत में 1926-27 के दौरान हुआ. एक इस्लामी स्कॉलर मौलाना मुहम्मद इलियास ने इस काम की बुनियाद रखी थी. परंपराओं के मुताबिक़, मौलाना मुहम्मद इलियास ने अपने काम की शुरुआत दिल्ली से सटे मेवात में लोगों को मज़हबी शिक्षा देने के ज़रिए की. बाद में यह सिलसिला आगे बढ़ता गया.
तबलीग़ी जमात की पहली मीटिंग भारत में 1941 में हुई थी. इसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे. 1940 के दशक तक जमात का कामकाज अविभाजित भारत तक ही सीमित था, लेकिन बाद में इसकी शाखाएं पाकिस्तान और बांग्लादेश तक फैल गईं. जमात का काम तेज़ी से फैला और यह आंदोलन पूरी दुनिया में फैल गया.
तबलीग़ी जमात का सबसे बड़ा जलसा हर साल बांग्लादेश में होता है. जबकि पाकिस्तान में भी एक सालाना कार्यक्रम रायविंड में होता है. इसमें दुनियाभर के लाखों मुसलमान शामिल होते हैं.
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे ज़फ़र सरेशवाला तबलीग़ी जमात से सालों से जुड़े हैं. उनके मुताबिक़ ये विश्व की सबसे बड़ी मुसलमानों की संस्था है. इसके सेंटर 140 देशों में हैं.
भारत में सभी बड़े शहरों में इसका मरकज़ है यानी केंद्र है. इन मरकज़ों में साल भर इज़्तेमा (धार्मिक शिक्षा के लिए लोगों का इकट्ठा होना) चलते रहते हैं. मतलब लोग आते जाते रहते हैं.
तबलीग़ी जमात का अगर शाब्दिक अर्थ निकालें तो इसका अर्थ होता है, आस्था और विश्वास को लोगों के बीच फैलाने वाला समूह. इन लोगों का मक़सद आम मुसलमानों तक पहुंचना और उनके विश्वास-आस्था को पुनर्जिवित करना है. ख़ासकर आयोजनों, पोशाक और व्यक्तिगत व्यवहार के मामले में.
कहां तक फैली हुई है तबलीग़ी जमात ?
स्थापना के बाद से तबलीग़ी जमात का प्रसार होता गया. इसका प्रसार मेवात से दूर के प्रांतों में भी हुआ.
फ़िलहाल भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा अमरीका और ब्रिटेन में भी इसका संचालित बेस है. जिससे भारतीय उपमहाद्वीप के हज़ारों लोग जुड़े हुए हैं.
इसके अलावा इसकी पहुंच इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर में भी है.
जमात कैसे करता है धर्म का प्रचार?
तबलीग़ी जमात छह आदर्शों पर टिका हुआ है.
- कलमा – कलमा पढ़ना
- सलात – पांचों वक़्त की नमाज़ को पढ़ना
- इल्म – इस्लामी शिक्षा
- इक़राम ए मुस्लिम – मुस्लिम भाइयों का सम्मान करना
- इख़्लास ए निय्यत – इरादों में ईमानदारी
- दावत ओ तबलीग़ – प्रचार करना
जमात के आयोजन में क्या होता है?
जमात का काम सुबह से ही शुरू हो जाता है.
सुबह होने के साथ ही जमात को कुछ और छोटे-छोटे समूहों में बांट दिया जाता है. प्रत्येक समूह में आठ से दस लोग होते हैं. इन लोगों का चुनाव जमात के सबसे बड़े शख़्स द्वारा किया जाता है.
इसके बाद प्रत्येक ग्रुप को एक मुकम्मल जगह जाने का आदेश दिया जाता है. इस जगह का निर्धारण इस बात पर होता है कि उस ग्रुप के प्रत्येक सदस्य ने इस काम के लिए कितने पैसे रख रखे हैं.
इसके बाद शाम के वक़्त जो नए लोग जमात में शामिल होते हैं उनके लिए इस्लाम पर चर्चा होती है.
अंत में सूरज छिप जाने के बाद क़ुरान का पाठ किया जाता है और मोहम्मद साहब के आदर्शों को बताया जाता है.
किसी भी दूसरी संस्था की तरह यहां कोई लिखित ढांचा नहीं है लेकिन एक सिस्टम का पालन ज़रूर किया जाता है.
करोना के खिलाफ जंग में डब्ल्यूएचओ, केयर व यूनिसेफ की टीम कर रही है सहयोग
- दूसरे देशों या राज्यों से आए व्यक्तियों का डाटाबेस तैयार करेगी टीम
- प्रत्येक सहयोगी संस्था को दिए गए अलग-अलग प्रखंडों की ज़िम्मेदारी
- चलेगा जागरूकता अभियान
गोपालगंज:- नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक और अहम कदम उठाया गया है। अब नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ जंग में केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ का सहयोग लिया जाएगा। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने केयर इंडिया के डीआरयू-टीएल, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ एवं यूनिसेफ के एसएमसी को निर्देश दिया है कि दूसरे देशों या राज्यों से अपने गांव आए व्यक्तियों का डाटाबेस तैयार करें।
सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने बताया केयर इंडिया के बीएम, यूनिसेफ के बीएमसी तथा डब्ल्यूएचओ के एफ़एम प्रखंड स्तर पर इस अभियान में सहयोग करेंगे तथा दूसरे देशों या राज्यों से आए व्यक्तियों का डाटाबेस तैयार करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रत्येक यात्रियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कोविड-19 के लक्षण के संबंध में जागरूक करना सुनिश्चित करेंगे। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विशेषकर बाहर से आए लोगों को अधिक जागरूक करने की जरूरत है. जिले में यह निरंतर कोशिश की जा रही है कि जो भी लोग दूसरे राज्यों से जिला लौट रहे हैं उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखा जाए. लेकिन इसके लिए आम लोगों की भी सहयोग की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने आम लोगों से लॉकडाउन की स्थिति में कम से कम घर से बाहर निकलने की अपील की.
गूगल शीट में अपडेट होगा डाटा
दूसरे देशों या अन्य राज्यों से गांव आए व्यक्तियों का डेटाबेस गूगल सीट में तैयार किया जाएगा प्रत्येक दिन गूगल सीट को अपडेट किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ.सिंह ने बताया इस कार्य को अधिक सरल बनाने के उद्देश्य से इन तीनों संस्थाओं के बीच प्रखंडों का बंटवारा किया गया है। जिसमें केयर इंडिया के डीआरयू- टीएल मुकेश कुमार सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह प्रतिदिन संध्या 6:00 बजे डेवलपमेंट पार्टनर द्वारा तैयार किए गए डेटाबेस की अद्यतन स्थिति से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।
प्रखंडों का बंटवारा
- केयर इंडिया के लिए: कुचायकोट, बरौली, फुलवरिया, उचकागांव, हथुआ, सदर प्रखंड, गोपालगंज शहरी क्षेत्र, पंचदेवरी।
- यूनिसेफ के लिए: यूनिसेफ के एसएमसी रूबी कुमारी ने बताया बैकुंठपुर, सदर प्रखंड, गोपालगंज ग्रामीण क्षेत्र, विजयीपुर, मांझा प्रखंड की जिम्मेदारी यूनिसेफ की टीम को दी गई है।
- डब्ल्यूएचओ के लिए: डब्ल्यूएचओ के टीम के लिए सिधवलिया, थावे, भोरे, कटेया प्रखंड आवंटित किया गया है। जिसमें डब्ल्यूएचओ के टीम के द्वारा सहयोग लिया जाएगा।
यूपीएससी की परीक्षा में अभिषेक ने सफलता हासिल कर जिले का गौरव बढ़ाया
परवेज अख्तर/सिवान:- यूपीएससी की पहली प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर अभिषेक ने जिले का ही नहीं बिहार का गौरव बढ़ाया है।अभिषेक के इस सफलता पर गांव ही नही इलाके में खुशी का माहौल है।जो अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है। अभिषेक उपाध्याय जीबीनगर थाना क्षेत्र के सकरा गांव निवासी रंजन उपाध्याय के पुत्र हैं। उनके पिता एलआईसी एजेंट है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता तथा बड़े भाई ई. मंटू उपाध्याय को दिया है। अभिषेक ने बताया कि महाराजगंज अनुमंडल के केशव नगर स्थित विद्या मंदिर से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई छपरा एमएस मेमोरियल कॉलेज से पूरी की। इसके बाद बीटेक की पढ़ाई करने के लिए एंट्रेंस देकर गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी गांधीनगर से बीटेक के लिए अपना दाखिला कराया।फर्स्ट ईयर की पढ़ाई के दौरान उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार के प्रयास में सफलता हासिल कर लिया। उन्होंने बताया कि करोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन समाप्त होने के बाद प्रशिक्षण के लिए देहरादून भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीटेक करने के दौरान सिविल सर्विस की तैयारी भी कर रहा था पहले ही प्रयास में सफलता मिल गयी। बचपन से ही मेरे मन में देश सेवा की भावना थी। इस सफलता से मेरे माता पिता का सपना पूरा हुआ है। एलआईसी का काम कर मेरे पिताजी ने इस मुकाम तक पहुंचाने का काम किया है।उसकी मां कुशल गृहणी है।अभिषेक तीन बहनों का इकलौता भाई है। जिसमें दो बहनों की शादी हो गयी है।
जवाहर नवोदय विद्यालय में 25 मई तक गर्मी की छुट्टी घोषित
सिवान : जवाहर नवोदय विद्यालय समिति ने इस बार गर्मी की छुट्टी पहले ही
करने की घोषणा कर दी है। जिला मुख्यालय स्थित नवोदय विद्यालय में एक
अप्रैल से 25 मई तक गर्मी की छुट्टी रहेगी। इसके बाद अगर कोरोना को लेकर
लॉकडाउन खत्म होगा तो स्कूल 26 मई से खुलेगा। नहीं तो फिर आगे भी यह बढ़
सकता है। ज्ञात हो कि हर साल नवोदय विद्यालय में मई में गर्मी की छुट्टी
शुरू होती थी। लेकिन चूंकि कोरोना को लेकर विद्यालयों को बंद कर दिया गया
है।
लॉकडाउन को देखते हुए विद्यालय समिति ने लिया निर्णय
अभी लॉकडाउन 14 अप्रैल तक बढ़ाया गया है। इसको देखते हुए नवोदय विद्यालय
ने फिलहाल गर्मी की छुट्टी की घोषणा एक अप्रैल से कर दी है। इस बार नवोदय
विद्यालय में नामांकन लेने वाले छात्रों को इंतजार करना पड़ सकता हैं।
छठीं क्लास के लिए प्रवेश परीक्षा 11 जनवरी को ले ली गयी थी। उसका रिजल्ट
मार्च के अंतिम सप्ताह में आना था। अप्रैल और मई में नामांकन प्रक्रिया
होती। इसके बाद जून के अंतिम सप्ताह से नया सत्र शुरू होता है लेकिन इस
बार नामांकन प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी। हो चुकी थी नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा
नवोदय विद्यालय में नौवीं और 11वीं के अलावा सारी कक्षाओं की वार्षिक
परीक्षा ली जा चुकी थी। स्कूल प्रशासन से रिजल्ट तैयार कर लिया है। अब जब
स्कूल खुलेगा तो छात्रों को रिजल्ट दे दी जायेगी। सारे बच्चों को अगली
कक्षा में पढ़ाई शुरू का निर्देश जारी किया गया है।
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