परवेज अख्तर/सिवान: जिले में बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत 60 दिनों के अंदर परिवाद का निष्पादन किया जा रहा है, हालांकि कई मामले विभिन्न कारणों से सुनवाई के क्रम में लंबित भी हैं। कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति व लॉकडाउन के कारण मामलों के निष्पादन में हुई देरी को दूर कर अब लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करने में तेजी लाई जा रही है। इस दौरान परिवाद व अपील के मामलों की तय समय सीमा के अंदर निष्पादन पर जोर दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारी लंबित मामलों की वजह कोरोना के साथ ही वैसे मामले को बताते हैं, जिनकी सरकार के स्तर पर स्वीकृति या कार्रवाई अपेक्षित है। जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय के अनुसार, जो मामले लंबित है उसकी जानकारी संबंधित परिवादी को भी दे दी जाती है। इधर, जिले में ऐसे 64 मामले हैं जिनका निष्पादन 60 दिन में नहीं हो सका है। इनमें जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय के 4, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय के 37 व महाराजगंज अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय से जुड़े 23 मामले हैं। विभाग का कहना है कि परिवादी की सहमति से आगे की सुनवाई जारी रखी गई है। वहीं जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में 60 दिनों के भीतर 137, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय में 233 वहीं महाराजगंज अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय से जुड़े 455 मामले के निष्पादन की कार्रवाई प्रक्रिया में है। बहरहाल, जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय के अनुसार प्रतिदिन परिवाद के आधार पर सुनवाई का प्रावधान है। परिवाद की संख्या के अनुसार सुनवाई होती है। एक परिवाद में अगर एक से अधिक विभाग शामिल होते हैं, तो उसी के अनुरुप उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है।
उपस्थित नहीं होने पर विधि सम्मत कार्रवाई का प्रावधान
जिले में लोक शिकायत निवारण कानून के घेरे में अधिकारी से लेकर कर्मी तक फंसे हैं। फिर चाहे मामला नगर परिषद सीवान, मैरवा नगर पंचायत से जुड़ा हो या बसंतपुर बीडीओ, आइसीडीएस की तत्कालीन डीपीओ व डीआरसी प्रबंधक का हो। शिक्षा विभाग व शिक्षकों से जुड़े कई मामले जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में निपटाए भी गए हैं और कुछ सरकार के स्तर से कार्रवाई के लिए प्रेषित किए गए हैं। बहरहाल, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय में अभी भी 390 मामले पेंडिंग हैं, हालांकि ऐसे मामले की सुनवाई प्रतिदिन होने की बात कही जा रही है। विभागीय अधिकारी का दावा है कि सुनवाई में उपस्थिति नहीं होने व निवारण प्रतिवेदन नहीं देने पर संबंधित अधिकारी व कर्मी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाती है।
क्या कहते अधिकारी
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन कुमार राय ने बताया कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम राज्य सरकार की अत्यंत ही महत्वपूर्ण अधिनियम है। इस अधिनियम का अनुश्रवण लगातार किया जा रहा है। वही मामले लंबित हैं, जिनकी सरकार के स्तर पर स्वीकृति या कार्रवाई अपेक्षित है। परिवादी को लंबित मामले की जानकारी दे दी जाती है।
क्या कहते अधिकारी
अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अभिषेक चंदन ने कहा कि अनुमंडल की जनता को नियत समय सीमा के अंदर उनकी शिकायत के निवारण का अधिकार देने के उद्देश्य से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू किया गया है। निश्चित समय सीमा के अंदर परिवाद के निष्पादन पर कार्य किया जा रहा है। कोरोना व लॉकडाउन के कारण निष्पादन में कुछ विलंब हुआ है।
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