परवेज अख्तर/सिवान : जिले के दरौली थाना क्षेत्र के नेपुरा गांव में शुक्रवार को एक अधेड़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह कहीं से अपने घर लौट रहे थे। हत्यारे घटना को अंजाम देकर भाग गए। गोली लगने के बाद घायल को मैरवा रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार विवाद पहले से चला रहा था। महज दस धूर भूमि पर कब्जा करने का विरोध करने पर मुरली मनोहर पांडेय को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्हें जान से मार देने की धमकी पहले ही मिल चुकी थी। बताया जाता है कि दरौली थाना क्षेत्र के नेपुरा में मुरली मनोहर पांडेय के पट्टीदार सरल पांडेय एवं उनके पुत्रों द्वारा मकान निर्माण कराया जा रहा था। मुरली मनोहर पांडेय ने उनकी दस धूर जमीन पर कब्जा कर पट्टीदार द्वारा निर्माण किए जाने का विरोध किया। इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता चला गया। विरोध के बावजूद निर्माण कार्य चलता रहा। दोनों पक्षों में कई बार नोक-झोंक एवं मारपीट भी हुई थी। विवाद बढ़ता देख मुरली मनोहर पांडेय और उनके पुत्रों ने दरौली पुलिस से गुहार लगाई। कोई कार्रवाई नहीं होने पर वे एसपी और डीआइजी के शरण में गए। एसपी ने थानेदार को इस मामले को गंभीरता से देखने को कहा। उधार एक दिन पहले गुरुवार को भी दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। मुरली मनोहर पांडेय ने दूसरे पक्ष पर रोड़ेबाजी करने का आरोप भी लगाया। इसकी सूचना पुलिस की दी। इस दौरान जान से मार डालने की धमकी भी दी गई। किसी तरह आसपास के लोगों ने दोनों पक्षों के बीच बचाव किया और मामला शांत हुआ। अगले दिन एक किराने की दुकान से सामान खरीद कर मुरली मनोहर पांडेय घर लौट रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे चार लोग ने मुरली मनोहर पांडेय को देखते ही गोली चलानी शुरू कर दी। गोली सीने पर लगते ही वे गिर पड़े। चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़े। वहीं गोली मारने वाले भाग गए। घटना की सूचना ग्रामीणों ने घायल के परिजनों को दी। घायल मुरली मनोहर पांडेय को रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मैरवा पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। मृतक मुरली मनोहर पांडेय के पुत्र अजय पांडेय ने इस घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव को अंत्य परीक्षण के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
दरौली थाना क्षेत्र के नेपुरा में भूमि विवाद में गोली मारकर हुई हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही को मृतक के परिजन जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी भूमि पर जबरन कब्जा कर पट्टीदारों द्वारा निर्माण किया जा रहा था। इसका विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसकी सूचना दिल्ली पुलिस से लेकर वरीय अधिकारी तक को दी गई थी। जान माल की रक्षा की गुहार भी लगाई गई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कुछ नहीं किया। इससे विपक्षी के हौसले और बढ़ गए। शुक्रवार को मुरली मनोहर पांडेय को गोली मार दी गई।
मृतक के परिजनों ने रेफरल अस्पताल में पहुंची पुलिस पर जमकर भड़ांस निकाली। उन्होंने कहा कि मुरली मनोहर पांडेय की मौत के लिए पुलिस प्रशासन ही जिम्मेवार है। गोली मार देने की मिली धमकी के बारे में उन्होंने पुलिस को पहले ही बताया था। इसके बावजूद पुलिस उनकी रक्षा नहीं कर सकी।
मृतक मुरली मनोहर पांडेय के पुत्र अजय पांडेय ने मैरवा पुलिस को रेफरल अस्पताल में घटना की पूरी जानकारी देते हुए पट्टीदार सरल पांडेय, उनके पुत्र सनोज पांडेय समेत पांच लोगों को आरोपित किया है। सनोज पांडेय एक राजनीतिक दल से सक्रिय रूप से जुड़ा बताया जाता है।
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