परवेज अख्तर/सिवान: इन दिनों सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम सर चढ़कर बोल रहा है,इसके बावजूद जिला प्रशासन की नजर,सदर अस्पताल पर नहीं पड़ रही है,आलम यह है कि सदर अस्पताल में भर्ती अज्ञात पीड़ितों के दर्द का आंसू पोछने वाला शायद कोई नहीं है।जिस कारण इन दिनों अस्पताल में तड़प तड़प कर अज्ञात पीड़ित मरीज हॉस्पिटल के फर्श पर अपनी जान गवा रहे हैं,यहां सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि सही सलामत स्थिति में तो इलाज के अभाव में हॉस्पिटल के फर्श अज्ञात मरीज तड़प तो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इलाज के घोर अभाव में अज्ञात पीड़ित मरीज फर्श पर तड़प कर अपनी जान दे दे रहें हैं, इन दिनों सदर अस्पताल की स्थिति इतना बद से बदतर हो चुकी है की मृत्युलोक में जाने के बावजूद भी अस्पताल के फर्श पर पड़े शव को छूने से अस्पताल प्रशासन नजरअंदाज कर मानवता को शर्मसार कर रहा है।
बताते चलें की एक सप्ताह पूर्व सिवान के सदर अस्पताल में एक अज्ञात अधेड़ को किसी समाजसेवी के जरिए उसे इलाज हेतु भर्ती कराया गया था लेकिन भर्ती के पश्चात अस्पताल प्रशासन द्वारा उसका इलाज नहीं किया गया,जिसके चलते वह कहारते कहारते हॉस्पिटल के बेड से फर्श पर गिर पड़ा, लगभग 7 दिनों तक फर्श पर पड़ा रहा लेकिन उसकी सुधि अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं ली गई। अंतःहुआ यूं की अज्ञात पीड़ित मंगलवार की देर रात्रि में अपनी जान गवा बैठा,मंगलवार की देर रात से बुधवार की दोपहर बाद तक उसका शव सिवान के सदर अस्पताल के फर्श पर पड़ा रहा और पूरी रात तथा पूरे दिन सदर अस्पताल के कर्मी उसके शव को निहारते रहे लेकिन इसके बावजूद उसे दो गज कफन के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया।
आपको उक्त तस्वीर और वीडियो फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा होगा कि कहीं सदर अस्पताल के कर्मियों से लाख बेहतर, सदर अस्पताल के परिसर में घूम रहे आवारा कुत्ता बेहतर हैं, आसपास में मौजूद पीड़ितों ने बताया कि शव की रखवाली कुत्ता इसलिए कर रहे हैं कि पीड़ित को जो अस्पताल प्रशासन द्वारा खाने के लिए प्रत्येक दिन भोजन सौंपी जाती थी जिसे वह नहीं खा पाता था और उसी भोजन को सदर अस्पताल के आवारा कुत्ता खाते थे, जो आज उसके मरने के बाद अपनी वफादारी का परिचय शव की रखवाली कर दे रहे हैं, यहां बताते चले कि देर रात से बुधवार की दोपहर तक शव की रखवाली सदर अस्पताल के कुत्ते कर रहे थे,यहां बताते चले कि यह सिवान जिला का सदर अस्पताल सुशासन सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे का गृह जिला का अस्पताल है,जब उनके गृह जिला के सदर अस्पताल का यह हाल है तो आप इसे सहज अनुमान लगा सकते हैं कि अन्य जिलों का सदर अस्पताल क्या हाल होगा। बताते चलें कि जब सदर अस्पताल का कारनामा शहर में जंगल में लगी आग की तरफ फैली तो 15 घंटे बाद उक्त लावारिस शव को उठाकर पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया।
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