परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ: बिहार विधानसभा से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। विधानसभा के मॉनसूत्र सत्र शुरू होने से पहले अध्यक्ष ने बड़ी कार्रवाई की है। अब तक की मिली जानकारी के अनुसार विपक्षी विधायकों की पिटाई करने वाले दो अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जिन अधिकारियों का पिटाई करते वीडियो सामने आया था उन पर कार्रवाई की गई है। विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बताया कि दो सिपाहियों को विधायकों से दुर्व्यवहार मामले में सस्पेंड किया गया है। क्या ऐसा संभव है कि एक दर्ज से अधिका विधायकों को केवल दो सिपाही इतनी बुरी तरीके से पीट सकते हैं।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि जिसने जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया वैसे अफसरों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है। दो सिपाहियों को चिन्हित किया गया। इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सिपाहियों में सिपाही संख्या 4756 शेष नाथ प्रसाद और 5204- रंजीत कुमार. अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर दोनों को चिन्हित किया गया और तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
बजट सत्र के दौरान सरकार को बिहार सशस्त्र पुलिस बल विधेयक 2021 पास कराना था. इस विधेयक को लेकर विपक्ष को कुछ आशंकाएं थी और इसीलिए सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू किया था. हंगामे के कारण कई बार सदन की कार्यवाही उस दिन स्थगित करनी पड़ी थी. उसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके कमरे में बंधक बना लिया था. बाद में प्रशासन की मदद ली गई थी और बाहर से आए पुलिस के जवानों अधिकारियों और प्रशासनिक लोगों ने विधायकों को जबरन सदन से बाहर निकाला था।
बता दें कि पिछले बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच अध्यक्ष ने पटना डीएम-एसपी को बुला लिया था। इस दौरान सदन में पुलिस की इंट्री हुई थी। बाहर से आये अधिकारियों ने अध्यक्ष का घेराव कर रहे विपक्षी विधायकों की पिटाई की थी। वीडियो सामने आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने जांच के आदेश दिये थे।
लात और जूते से विधायक को पीटते गए थे हर विधायक को पीटते हुए पुलिस के जवान और अधिकारी नजर आ रहे थे. लगभग दो दर्जन विधायकों को मारपीट कर बाहर निकाला गया था. लेकिन अब इस मामले में महीनों बाद जब कार्यवाही हुई. तो केवल दो सिपाहियों पर गाज गिरी है. सरकार ने इस मामले में दो सिपाहियों शेषनाथ और रंजीत कुमार को निलंबित किया है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह कार्यवाही बताई जा रही है।
तीन महीने बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर विस अध्यक्ष से सवाल पूछा था। उन्होंने कहा था कि इतने दिन बाद भी विधायकों की पिटाई करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई। ऐसे में मॉनसून सत्र में सदन में जाने से विपक्षी विधायक डर रहे हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने तेजस्वी के पत्र का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि किसी विधायक को सदन में आने से डरने की जरूरत नहीं है, गलत वाले डरेंगे।
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