✍️परवेज अख्तर/सिवान:
सीवान के दरौली में शुक्रवार को अग्निवीर प्रदीप कुमार यादव का पार्थिव शरीर पटना से सड़क मार्ग से पैतृक गांव दोंन लाया गया.जहां अंतिम दर्शन के लिये दोपहर तक रखा रहा.जिसके बाद दरौली के सरयू घाट के लिये अंतिम यात्रा निकली.इस दौरान अंतिम दर्शन के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा.प्रदीप की तीन दिन पूर्व ड्यूटी के दौरान अखनूर के टांडा क्षेत्र में 10 आर्टिलरी ब्रिगेड के अन्तर्गत 24 फील्ड रेजिमेंट की सेंट्रल पोस्ट पर गोली लगने से मौत हो गयी थी.जिसके बाद से ही लोगों को अपने वीरगति प्राप्त किये जवान के खाेने का गम था, वहीं अंतिम दर्शन की बेताबी भी बनी हुयी थी.अखनूर के टांडा के सेना के विमान से सुबह पटना के दानापुर स्थित एयरपोर्ट तक लाया गया. जहां से दानापुर रेजिमेंट के सैनिकों के साथ वाहन से सड़क मार्ग से जिला मुख्यालय लाया गया.यहां से एसडीओ सदर सुनील कुमार व एसडीपीओ सदर फिरोज आलम के अगुवाई में पार्थिव शरीर दरौली थाने के दोंन गांव पहुंचा.इसके पहले जिला मुख्यालय से अग्निवीर जवान का फुलों से सजा वाहन ज्यों ज्यों बढ़ता गया, साथ ही लोगों का हुजूम भी कारवां में बदलता गया.शव यात्रा बड़ी संख्या में वाहनों के काफिले के साथ पैतृक गांव दोंन पहुंचा. इसके पहले सड़क के दोनों तरफ हर कोई कतार में खड़े होकर अभिवादन करते दिख रहा था.
शहीद जवान को उनके रेजीमेंट ने दी सलामी
अग्निवीर प्रदीप कुमार यादव का शव कर्नल रामचंद्र की अगुवाई व एसडीओ सुनील कुमार,एसडीपीओ फिरोज आलम के देखरेख में पैतृक गांव दोंन पहुंचे. जहां स्थानीय थाना प्रभारी रितेश मंडल, अंचलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह,प्रखण्ड विकास पदाधिकारी अभिषेक चन्दन सहित अन्य अधिकारियों ने सलामी दी. इस दौरान सेना के जवान सतीश,सुबेदार नजामी पूंज, हवलदार वीके सिंह, नायब सुबेदार एसके सिंह, शशिपाल,हवलदार संदीप चौधरी, नायब सुबेदार उमेश उपाध्याय,सिपाही राकेश कुमार शामिल रहे. जवान के देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने के दौरान अपनी जान की बाजी लगाने पर रेजिमेंट सहित अन्य अधिकारियों ने उनके बलिदान को देश हित में तथा उनकी इस गाथा को अमर गाथा बताया जिसे हमेशा याद किया जायेगा.जवान के सम्मान में भारत माता के लगते रहे जयकारेअग्नि वीर जवान का पार्थिव शरीर आने के बाद दोन गांव के सभी विद्यालयों में उनके सम्मान में शोक मनाया गया. विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा सड़क किनारे हाथ में तिरंगा लिये एक साथ खड़े होकर उनकी सम्मान में भारत माता की जयकारा लगाया. हर कोई जवान प्रदीप कुमार यादव के देश के प्रति बलिदान को याद कर भावुक हो जा रहा था. इस दौरान वीर प्रदीप यादव अमर रहे का नारा लगता रहा.
अग्नि वीर में ज्वाइन के उपरांत पहली मुलाकात की यादों ने माता पिता के हृदय को झकझोरा
एक वक्त था जब 21 फरवरी 2023 को प्रदीप कुमार यादव अग्नि वीर के लिए चयन हुआ था तब गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी थी. हर कोई उसके मेहनत और देश सेवा की जज्बा पर गर्व महसूस कर रहे थे. ज्वाइन के उपरांत जब अपने गांव पहली बार प्रदीप वर्दी में पहुंचे तो सबसे पहले अपने माता पिता से गले लगाया और अपने सेना कैप को निकालकर अपने माता पिता को पहना कर सैलूट किया तो उस वक्त सभी के आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े थे.लेकिन आज का मंजर बिल्कुल अलग है. वो मंज़र खुशी का था और आज भी लोग उस जवान से मिलने वालों की भीड़ लगी थी लेकिन शहीद के रूप में. उसी दिनों को याद कर माता पिता सहित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. वही जनप्रतिनिधि में रघुनाथपुर विधायक हरिशंकर यादव, पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव, जिरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, परमात्मा राम ,सांसद प्रतिनिधि अजय सिह,जीवन यादव, यादव,लालबहादुर,बच्चा प्रसाद,श्यामा यादव, योगुल ठाकुर,मनोज राम नवीन सिंह सहित क्षेत्र के लोगों ने शहीद जवान को नमन किया. अंत में दरौली के सरयु नदी के शिवला घाट पर शहीद जवान के पिता शम्भु यादव ने मुखाग्ननि दी. अंतिम संस्कार के दौरान भी लोगों का आने का क्रम जारी रहा.
12 दिसम्बर को गोली लगने से प्रदीप की हुयी थी मौत
अखनूर के टांडा क्षेत्र में 10 आर्टिलरी ब्रिगेड के अन्तर्गत 24 फील्ड रेजिमेंट की सेंट्रल पोस्ट पर तैनात दोन गांव निवासी शंभु यादव का 21 वर्षीय पुत्र अग्निवीर जवान प्रदीप यादव नंबर ए 3452888 का 12 दिसंबर संध्या 7 बजे गोली लगने से मौत हो गयी थी. घटना के दिन जैसे ही पैतृक गांव में अग्निवीर जवान के शहीद होने की खबर पहुंची वैसे ही पुरे क्षेत्र में महौल गमगीन हो गया. जवान के बड़े भाई रवि यादव ने बताया कि मेरा छोटा भाई प्रदीप कुमार यादव का अग्निवीर में 21 फरवरी 2023 को ज्वाइन किया था.प्रदीप के दोस्त बताते हैं कि इतने कम उम्र में देश के लिए सेवा करने का बहुत जज्बा था. मैदान में प्रैक्टिस करने के दौरान अपने दोस्तों से कहता था कि मौका मिलेगा तो देश के लिए जान दे देंगे. दुसरी ओर नवयुवकों के लिए एक संदेश था कि प्रयास करते रहने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है.
दोन की बंद रही सभी दुकानें
दोन गांव का रहने वाला अग्नि वीर जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुचने से पहले से ही दोन बाजार के सैकड़ों दुकानदारों ने दोन के लाल को खोने के गम में अपने अपने दुकानों को बंद रखा. इस दृश्य को देख कर हर राहगीर रुक कर एक बार इस गमगीन माहौल के बारे में जानने की कोशिश करते दिखे. सभी लोग कम उम्र में देश सेवा के दौरान अपनी प्राण न्यौछावर करने के लिए उनकी वीरता की सराहना कर रहे थे.
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