गोपालगंज: जब जिंदगी में सारे दरवाजे बंद मिलते हैं तब भी एक दरवाजा खुला होता है। हथुआ प्रखंड के कविलासां गांव निवासी अरूण सिंह व शांति देवी की 5 वर्षीय पुत्री शिवानी कुमारी के दिल में छेद था। इस बीमारी का जैसे ही उसके पिता को पता चला वह अपने बेटी की जिंदगी बचाने के लिए हार्ट सर्जरी में होने वाले खर्च को लेकर परेशान रहने लगे। इलाज का खर्च सुनकर वह को खुद असमर्थ मानने लगे। बच्ची की जिंदगी कैसे बचे इसके लिए उन्होंने हर प्रयास शुरू की। इसकी बात की जानकारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत टीम को मिली। टीम ने बच्ची का स्क्रिनिंग की तो पता चला दिल में छेद है। उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां बच्ची को पटना आईजीआईसी( इंदिरा गाँधी ह्रदय रोग संस्थान) में भेजा गया। जहां से बिहार सरकार ने रिंकू के बेहतर ईलाज के लिए वायुयान से अहमदाबाद भेजा. प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन की सहायता से अहमदाबाद में रिंकू का निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया गया। मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट2 के तहत बाल हृदय योजना के तहत यह संभव हो सका है। शिवानी अब अपना ऑपरेशन कराकर घर लौट आयी है। अब शांति देवी के आंगन में शिवानी की खुशिया व किलकारी चहक रही है। अहमदाबाद भेजने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति से पहले एंबुलेंस से घर से पटना भेजा गया। वहां से फ्लाइट से अहमदाबाद भेजा गया। अहदाबाद से ऑपरेशन कराकर लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर उतरे। सभी ईलाज कर वापस लौटे बच्चों का स्वास्थ्य विभाग की तरफ़ से स्वागत भी किया गया। फिर एंबुलेंस से उसके घर तक पहुंचाया गया। यह सभी सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क दी गयी.
अहमदाबाद में हुआ सफल ऑपरेशन
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ अमित रंजन ने बताया कि बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसी योजना के तहत बच्चों को निःशुल्क ईलाज मिला है। बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
3 से 4 लाख रूपये है ऑपरेशन का खर्च
शिवानी के पिता अरूण सिंह कहते हैं- ‘‘ मैं एक साधारण परिवार से हूं। इस ऑपरेशन का खर्च लगभग तीन से चार लाख रूपये था। जिसको चुकाना मेरे लिए संभव नहीं था। लेकिन मैं धन्यवाद देना चाहूंगा सरकार व स्वास्थ्य विभाग के पूरे टीम को जिनके अथक प्रयास से आज हमारी बिटिया का सफल ऑपरेशन हुआ है। मुझे इस ऑपरेशन एक रूपये भी नहीं देना पड़ा है। यह योजना गरीबों के लिए कल्याणकारी साबित हो रही है’’।
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