परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के हसनपुरा प्रखण्ड के जलालपुर स्थित सामुदायिक अस्पताल का सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण कराया है।लेकिन इस अस्पताल में सुविधायें नदारद है। हसनपुरा भाजपा मंडल का महामंत्री शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि विल्डिंग करोड़ों का लेकिन बिजली की सुविधा नहीं है।अभी भी जनरेटर के माध्यम से कार्य लिया जाता है।आश्चर्य की बात यह है कि बगल के गांव जलालपुर में बिजली की सुविधा है।लेकिन इस अस्पताल में नहीं है। बुधवार को दिन के करीब 10:30 बजे कोई डॉक्टर नहीं थे। अस्पताल में मैनेजमेंट भी सही नहीं है। महामंत्री श्री सिंह ने कहा कि जिस तरह का अस्पताल का विल्डिंग है सरकार को सभी सुविधायें मुहैया करानी चाहिये।ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को समुचित इलाज किया जा सके। इस बाबत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभय कुमार ने बताया कि ओपडी सेवा बंद है।इसलिये डॉक्टर अपने कक्ष में होगें।बिजली के लिये प्रयास जारी है।बहुत जल्द बिजली का कनेक्शन हो जायेगा।
गोपालगंज के बैकुंठपुर में मारपीट में पांच महिला सहित आठ लोग घायल
परवेज अख्तर/गोपालगंज :- जिले के बैकुण्ठपुर स्थानीय थाना क्षेत्र के अलग- अलग गांवो में आपसी विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में पांच महिला सहित आठ लोग घायल हो गए। घायलो में भगवानपुर गांव की लक्ष्मीना कुँअर, फूल कुमारी देवी, सुनील प्रसाद, रोहित कुमार, खैरा आजम गांव की कुसुम देवी, गोबिंदा, मंगलपुर गांव की आरती देवी ,एवम प्रभावती शामिल हैं। घायलो का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने घायलो का बयान दर्ज कर घटना की तहकीकात कर रही है।
सीवान में डी एल एस ए ने मजदूरों को कोरोना संक्रमण से किया जागरूक
परवेज अख्तर/सिवान :- जिला जज मनोज शंकर के नेतृत्व में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में लॉक डाउन प्रथम से ही जरूरतमंदों के बीच कच्चे अन्न का वितरण किया जा रहा है।साथ ही साथ राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में डी एल एस ए क्वारन्टीन केंद्रों का निरीक्षण कर रही है।इसी कड़ी में 20. मई को भगवानपुर प्रखंड के गोविंदापुर ,चकिया बाज़र स्थित डॉ भीम राव अम्बेडकर पुस्तकालय पर कोरोना महामारी के संदर्भ में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीजे 6 जीवन लाल ने किया और लोगो को सोशल डिस्टेंनसिंग के संबंध में बताया। श्री लाल ने लोगो को साबुन,मास्क ओर सैनिटाइजर के प्रयोग करने पर जोर दिया। न्यायायिक दंडाधिकारी आर एस पांडेय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एन के प्रियदर्शी ने भी लोगो को संबोधित किया। जागरूकता कार्यक्रम के उपरांत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में लगभग 45 अति जरूरतमंद परिवारों के बीच कच्चे अन्न का वितरण किया गया। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता डॉ विजय कुमार पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता एवं भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रभारी सचिव राजीव रंजन राजू ,गणेश राम,जय प्रकाश सिंह समेत प्राधिकार कर्मी रंजीत दुबे,बलवंत सिंह, मनीष जी, अतुल कुमार समेत सुदामाजी तथा समाजसेवी अशोक प्रियंबद उपस्थित थे।
गोपालगंज के कटेया में अपराधियों ने रसौती के नाथ मंदिर के महंत की हत्या
वर्ष 2013 से मठ के महंत थे
परवेज अख्तर/गोपालगंज :- जिले के कटेया थाना क्षेत्र के रसौती स्थित नाथ मंदिर मठ के महंत की अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी। वहीं घटना की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्र मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी। बताते चलें कि थाना क्षेत्र में हत्या की घटना का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की सुबह ग्रामीण मठ के आसपास टहल रहे थे। तभी उन्हें मठ के महंत बशिष्ठ दास महाराज का शव दिखा। आनन-फानन में घटना की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई।मठ के महंत की हत्या की खबर सुनते ही मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुट गए। वहीं घटना की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे एवं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा।
लेकिन ग्रामीणों ने मौके पर वरीय पदाधिकारियों एवं डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाने की मांग करने लगे। इसके बाद वरीय पदाधिकारियों को इस घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद मौके पर डीएसपी अशोक चौधरी, इंस्पेक्टर सतीश कुमार हिमांशु, अश्वनी कुमार तिवारी व अन्य पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराया एवं शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।वहीं घटनास्थल से बांस का टुकड़ा बरामद हुआ है जो खून खून से सना हुआ है। वर्ष 2013 में नाथ मंदिर परिसर में हुए सहस्त्र चंडी महायज्ञ के दौरान वशिष्ठ दास महाराज को मठ का महंत बनाया गया।
बशिष्ठ दास महाराज भोरे थाना क्षेत्र के सिसवा गांव के रहने वाले थे। उनकी एक पुत्री है जिसकी शादी वर्ष 2014 में हो चुकी हैं। वहीं उनकी पत्नी का भी पहले ही देहावसान हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि बशिष्ठ दास जी महाराज सम्मानित व्यक्ति थे एवं सभी गांववासी उनका सम्मान करते थे। महंथ बशिष्ठ दास जी महाराज की पुत्री प्रिया उपाध्याय ने थाने में आवेदन देते हुए अज्ञात व्यक्तियों पर हत्या का आरोप लगाया है एवं प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। वहीं खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर डॉग स्क्वायड की टीम पहुंच चुकी है।जिसके सहयोग से दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ शुरू कर दी है।
जनसंख्या आधारित ‘सीरो-सर्वेक्षण’ से कोरोना संक्रमण के व्यापकता की होगी निगरानी
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिशानिर्देश की जारी
- प्रत्येक जिले के 6 सरकारी एवं 4 निजी स्वास्थ्य संस्थान होंगे शामिल
- संक्रमण की निगरानी के लिए प्रति सप्ताह 200 से 800 सैंपल होंगे एकत्रित
सिवान: कोरोना संक्रमण के प्रसार के ट्रेंड को समझने एवं इसकी व्यापकता की निगरानी के मद्देनजर देश के चयनित जिलों में जनसंख्या आधारित ‘सीरो-सर्वेक्षण’ किया जाएगा. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है. दिशानिर्देश के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) एवं रष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र अन्य मुख्य हित-धारकों सहित राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर देश के चयनित जिलों में ‘सीरो-सर्वेक्षण’ करेगा.
निगरानी इकाई के लिए जिले के 10 स्वास्थ्य केन्द्रों का होगा चयन
निगरानी इकाई स्थापित करने के लिए प्रत्येक चयनित जिले के 10 स्वास्थ्य केन्द्रों का चयन होगा. जिसमें 6 सरकारी एवं 4 निजी स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया जाएगा.
प्रति सप्ताह 200 से 800 सैंपल होंगे एकत्रित
‘सीरो-सर्वेक्षण’ संपादित करने के लिए दो तरह की आबादी समूहों का चयन किया गया है. जिसमें कम जोखिम वाली आबादी में आउटडोर मरीज एवं गर्भवती महिला तथा अधिक जोखिम वाले आबादी में संक्रमितों की देखभाल एवं उपचार में जुटे स्वास्थ्य कर्मी को शामिल किया गया है. जिले के अधिक जोखिम वाली आबादी से प्रति सप्ताह 100 से 400 सैंपल एकत्रित किये जाएंगे. वहीं जिले के कम जोखिम वाली आबादी के आउटडोर मरीजों से प्रति सप्ताह 50 से 100 सैंपल एवं गर्भवती महिलाओं से भी 50 से 100 सैंपल एकत्रित किये जाएंगे. इस तरह जिले के संक्रमण की निगरानी के लिए प्रति सप्ताह में कुल 200 से 800 सैंपल एकत्रित किये जाएंगे.
व्यक्तिगत रोग की निदान की जगह संक्रमण की निगरानी पर होगा जोर
जारी गाइडलाइन्स में मंत्रालय ने बताया है कि नमूनों का परिक्षण एक बार में केवल 25 नमूनों के पूल में किया जाएगा. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन सभी नमूनों का परिणाम केवल निगरानी के उद्देश्य से किया जाएगा एवं इसका उपयोग किसी भी तरह से व्यक्तिगत रोग निदान की दृष्टि से नहीं होगा. गाइडलाइन्स में यह भी बताया गया है कि नाक एवं गले के स्वैब्स आरटी-पीसीआर(रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पोलीमीरेज चेन रिएक्शन) के लिए लिए जाएंगे. बताते चलें कि आरटी-पीसीआर टेस्ट मुख्यतः कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए की जाती है. नाक एवं गले के स्वैब्स के अलावा, एलिसा परिक्षण के लिए आईजीजी एंटीबाडी का पता लगाने के लिए, रक्त के नमूने भी एकत्रित जिए जाएंगे. निगरनी उद्देश्य के लिए अगले दौर में आईजीजी एलिसा आधारित सीरम नमूनों का परिक्षण आरटी-पीसीआर आधारित परिक्षण लेगा.
ऐसे होगा आंकड़ों का संग्रहण एवं विश्लेषण
ओपन डेटा किट(ओडीके) प्लेटफार्म की सहायता से जनसांख्यिकी विशेषताओं पर आधारित आंकडे विशेष रूप से डिजायन किये गए मानक डाटा कलेक्शन फॉर्म में एकत्रित किये जाएंगे. सीरो-सर्वेक्षण के तहत संग्रहित किये गये आंकड़ों के मानक संकेतक प्रारूपों का उपयोग करके कार्रवाई के लिए इसका स्थानीय रूप से विश्लेषण किया जाएगा. इसके बाद जगह, व्यक्ति एवं समय विश्लेषण के लिए संकेतक भी बनाए जाएंगे. साथ ही आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार विकास मंत्रालय द्वारा आंकड़ा संग्रहण सहित आंकड़ों को जारी करने संबंधी निर्णय लिए जाएंगे.
सीवान जेल में छापेमारी, दो कुख्यात अपराधियों के पास से मोबाइल बरामद
सिवान : सीवान से बड़ी खबर सामने आ रही है। सीवान मंडलकारा में छापेमारी हुई है। छापेमारी में जेल से मोबाइल बरामद किया है। जेल में बंद दो कुख्यात अपराधियों के पास से मोबाइल बरामद किया गया है। जेल में मोबाइल मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
सीवान मंडलकारा में छापेमारी में सीवान जेल में बंद कुख्यात चंदन सिंह और विशाल सिंह के पास से मोबाइल जब्त किया गया है। वार्ड नंबर 20 में बंद इन कैदियों के पास से मोबाइल बरामद किया गया है।
जेल के अंदर मोबाइल मिलने से जेल प्रशासन की कलई खुलती दिख रही है। सवाल ये पैदा होने लगे हैं कि जेल के अंदर क्या धडल्ले से मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है। अपराधियों के पास मिले मोबाइल के बाद प्रशासन कॉल डिटेल को खंगालने में जुट गया है। माना ये जा रहा है कि जेल के अंदर से धमकी मिलने की खबर पर ये सारी कार्रवाई की गयी है। हालांकि प्रशासन इस पूरे मामले पर फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
योगी आदित्यनाथ को मिली बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी एसटीएफ की टीम
न्यूज़ डेस्क : अभी-अभी बड़ी खबर उत्तर प्रदेश से आ रही है। जानकारी के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर से जान से मारने की धमकी मिली है। यूपी के हेल्पडेस्क के व्हाट्सएप नंबर पर धमकी से भरा ये मैसेज आया है।
पुलिस के व्हाट्सएप नंबर पर आए इस मैसेज में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से मारने की बात कही गई है। धमकी भरा मैसेज सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और एफआईआर दर्ज होते ही मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है।
खबक के मुताबिक इस 8828453350 मोबाइल नंबर से ये धमकी वाला मैसेज पुलिस के पास आया है. ये मैसेज 21 मई की रात 12:32 बजे आई है। इसमे लिखा गया है कि ‘CM योगी को बम्ब से मारने वाला हूं, मुसलमानों के जान के दुश्मन है वो’. जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (1)(b),506 और 507 के तेहत अज्ञात के खिसाफ केस दर्ज किया गया है और मामले की जांच में जुट गई है।
कोरोना संकट के बीच गोपालगंज पर मंडराने लगा है बाढ़-कटाव का खतरा
गोपालगंज : कोरोना के संकट का सामना कर रहे गोपालगंज के ऊपर अब बाढ़ और कटाव का संकट भी पैदा हो गया है.गंडक के जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटबंधों पर जहां दबाव बढ़ गया है. गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर के सलेमपुर में गंडक से कटाव शुरू हो गया है. कटाव की वजह से ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है. गौरतलब है कि अगले महीने करीब 15 जून मानसून के आने की संभावना जताई जा रही है. मानसून से पहले ही गोपालगंज में गंडक नदी से तटबंधो की मजबूती को कार्य संपन्न करा लेने का दावा किया गया है. अगर 15 जून तक कटाव निरोधी कार्य संपन्न नहीं कराये गए तो जिले को दोबारा बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ सकता है.
स्थानीय विधायक की पहल से जल संसाधन विभाग ने कटाव निरोधी कार्य शुरू करने के लिए डीपीआर तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. बैकुंठपुर के भाजपा विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार तिवारी के मुताबिक एक तरफ पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है. इन सबके बीच गोपालगंज का कहर देखने को मिल रहा है. यहाँ सलेमपुर में गंडक से भीषण कटाव शुरू हो गया है.
विधायक ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा से बात की थी. जल संसाधन मंत्री ने साढ़े तीन करोड़ रूपये का डीपीआर तैयार कर जल्द ही कटाव निरोधी कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है. भाजपा विधायक ने कहा की कोरोना काल में गोपालगंज में बाढ़ आता है. तो यहां के लोगो को कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है.
कचरा बीनने वालों एवं सफाई कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव की पहल
- पटना नगर निगम एवं यूएनडीपी द्वारा किया जा रहा सहयोग
- स्वच्छता किट एवं फ़ूड पैकेट का किया जा रहा वितरण
- पटना में 412 कचरा बीनने वालों को लाभ दिलाने की पहल
पटना: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम में सरकार के सामने कई चुनौतियाँ हैं. चाहे दूसरे राज्यों से प्रवासियों को सुरक्षित अपने घर पहुँचाना हो या राज्य के भीतर संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाना हो. इन सभी परिस्थितियों का सरकार मजबूती से सामना कर रही है. लेकिन इन सबके बीच अनौपचारिक रूप से कचरा बीनने वाले एवं सफाई कार्यकर्ताओं को भी कोरोना संक्रमण का सीधे तौर पर खतरा सर्वाधिक है. इस मुश्किल हालात में पटना नगर निगम एवं यूएनडीपी( यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) ने कचरा बीनने वालों एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव की दिशा में पहल की है. उन्हें स्वच्छता किट प्रदान कराने के साथ उनका उन्मुखीकरण किया जा रहा है ताकि कोरोना जैसी महामारी से उनका बचाव हो सके.
सफाई कार्यकर्ता एवं कचरा बीनने वालों को है अधिक खतरा
पटना के सफाई कार्यकर्ता एवं कचरा बीनने वाले कोविड-19 से जूझ रहे फ्रंटलाइन कार्यकर्ता हैं. कोरोना के इस संकटकाल में अस्पतालों एवं कोविड-19 रोगियों के घरों से कचरे के निस्तारण में सफाई कार्यकर्ता एवं कचरा बीनने वाले संलिप्त हैं. यहाँ तक कि रोगियों द्वारा फेंके गए ग्लोबस, मास्क, सीरिंज इत्यादि जैसे अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण में सफाई कार्यकर्ता एवं कचरा बीनने वाले शामिल हैं. जिससे कोरोना संक्रमण ले प्रसार का खतरा उनमें कहीं अधिक है. इसे ध्यान में रखते हुए पटना प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के तहत पटना नगर निगम और यूएनडीपी नियमित रूप से इन कचरा बीनने वालों एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही नियमित और व्यवस्थित रूप से उनके समर्थन करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं.
मास्क, स्वच्छता किट एवं फ़ूड पैकेट का किया गया वितरण
बिहार यूएनडीपी के प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया अभी तक यूएनडीपी के सहयोग से पटना के स्वच्छता कार्यकर्ताओं एवं कचरा बीनने वालों के बीच 5000 मास्क, 3573 स्वच्छता किट( जिसमें 4 साबुन, सेनेटरी पैड, सैनिटाइजर, दस्ताने हैं), 2687 फ़ूड पैकेट का वितरण किया गया है. इसके अलावा यूएनडीपी ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर पटना नगर निगम कमीशन द्वारा 10 कचरा बीनने वाले एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया है, जिन्होंने इस कोरोना संकट के दौरान प्रशंसनीय कार्य किया.
412 कचरा बीनने वालों को लाभ दिलाने की कोशिश
अरविंद कुमार ने बताया पटना नगर निगम, एचसीबीसी एवं यूएनडीपी के साथ साझेदारी में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम एक बेहतर पहल है, जो प्लास्टिक कचरे को निस्तारित कर पर्यावरण को होने वाले नुकसान और जोखिमों को कम करने के मकसद से बनाया गया है. फ़िलहाल देशभर में अनौपचारिक क्षेत्र में लगभग 40 लाख कचरा बीनने वाले हैं. जबकि हमारे पास भी 412 कचरा बीनने वाले हैं, जो पटना प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन कार्यक्रम के तहत अपशिष्ट एकत्रित करते हैं. उन्होंने बताया इनमें 252 कचरा बीनने वालों के बैंक खाते खुलवाए गए हैं. साथ ही सभी को जनधन योजना से 500 रूपये मिल रहे हैं, जिससे इस कोरोना संकटकाल में उन्हें राहत भी मिली है. अभी यूएनडीपी आजीविका, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन एवं कूड़ा प्रबंधन के बीच कार्य कर रहा है. साथ ही प्लास्टिक कचरे ए उचित प्रबंधन और हैंडलिंग के लिए संस्था और कार्यालयों को सहयोग भी कर रहा है
कचरा बीनने वालों एवं सफाई कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव के लिए सहयोग
पटना नगर निगन एवं यूएनडीपी द्वारा कचरा बीनने वालों एवं सफाई कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव में सहयोग किया जा रहा है.
- कचरा बीनने वाले और सफाई कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन
- स्वच्छता किट का वितरण(जिसमें 4 साबुन, सेनेटरी पैड, सैनिटाइजर, दस्ताने हैं)
स्वास्थ्य शिविर प्रदान करना - आईडी-कार्ड प्रदान कराना
- सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए बैंक खाता खुलाना
प्रसव संबंधी विशेष सुविधाएँ होंगी बहाल, कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए होगी अलग वार्ड की व्यवस्था
- प्रसव के आखिरी दिनों में गर्भवती महिला को मिलेगी विशेष सुविधा
- प्रसव संबंधी कार्य की संजीवनी व ई-जननी पोर्टल पर होगी एंट्री
सिवान: कोरोना संकटकाल के बीच मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवस्थित एवं सुदृढ करने के मकसद से राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा आंगनबाड़ी द्वारा कॉमन एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से संकलित डाटा जिलावार व प्रखंडवार एवं आंगनबाड़ी केंद्रवार बांट कर सभी जिलों को भेजा गया है। जिसमें हर जिले में अगले तीन माह के दौरान अपेक्षित प्रसव की जानकारी दी गयी है। साथ ही आरसीएच पंजी में भी गर्भवती महिलाओं के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गयी है। ऐसे में उनके लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करना है।
गर्भवती महिलाओं का लिया जाएगा मोबाइल नंबर
पत्र में कहा गया है आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका की मदद से सभी गर्भवती महिलाओं जिनका प्रसव का समय अगले तीन माह में अपेक्षित है उनका मोबाइल नंबर एवं पता की जानकारी गृह भ्रमण कर एकत्रित कराया जाये तथा इससे स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर संकलित किया जाये। दूरभाष के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नियमित रूप से प्राप्त की जाये।
गंभीर गर्भावस्था में विशेष निगरानी
गंभीर गर्भावस्था वाली महिलाओं की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं एवं संबंधित आशा व एएनएम को प्रसव की तारीख से एक सप्ताह पूर्व से लगातार हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के घर प्रतिदिन भ्रमण करने एवं उनको ईडीडी(एस्टीमेटेड डिलीवरी डेट) के कम से कम तीन दिन पूर्व अस्पताल में लाकर प्रसव के लिए आवश्यक व्यवस्था कराने में सहयोग करने के विषय में निर्देशित किया गया है। इसकी पूरी जानकारी पूर्व में ही अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को देने की बात बताई गयी है।
कोरोना संक्रमित गर्भवती के लिए अलग वार्ड
पत्र में बताया गया है कि अगर किसी गर्भवती महिला को कोविड 19 संक्रमण के लक्षण हो, ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर लक्षण दिखते हों या कोविड पॉजिटिव के साथ कॉनटैक्ट हिस्ट्री हो एवं स्क्रीनिंग के दौरान इनकी जांच नहीं हो पायी है तो प्रसव के दौरान सभी संलग्न स्वास्थ्य कर्मी भारत सरकार द्वार बताये गये इंफेक्शन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल गाइडलाइन में निहित प्रावधान का अनुसरण करना है। उक्त गर्भवती माताओं के प्रसव के लिए अस्पताल के अलग कमरे को चिन्हित कर एक लेबर टेबल और एक बेड तैयार रखा जाये। इन गर्भवती माताओं के प्रसव कार्य में कम से कम चिकित्सा कर्मियों का उपयोग किया जाये और जब तक उक्त मरीज का कोविड जांच निगेटिव नहीं आ जाये तब तक संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रसव कक्ष का उपयोग अन्य चिकित्सीय कार्य में नहीं किया जाये। चिकित्साकर्मी भी मरीज के निगेटिव रिजल्ट आने तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। प्रसव के बाद संस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से प्रसव गृह , ऑपरेशन थियेटर एवं वार्ड को अच्छी तरह सैनिटाइज कराना सुनिश्चित करेंगे।
पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश
प्रसव संबंधी कार्य को संजीवनी व ई जननी पोर्टल पर प्रविष्टि की जाये ताकि किये गये कार्रवाई एवं प्रगति से मुख्यालय को अवगत कराया जा सके। इस पत्र के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एडवाइजरी भी भेजी गयी है। एडवाइजरी को प्रमुखता से अस्पताल के दीवारों पर लगाया जाना है और इसमें दी गयी जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार भी करना है।
दिये गए ये निर्देश
- किसी गर्भवती महिला में कोविड 19 के लक्षण पाये जाने पर जाँच के बाद सरकारी स्वास्थ्य संस्थान के आइसोलेशन वार्ड या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल के रूप में चिन्हित चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में उपचार एवं प्रसव के लिए भेजा जाये.
- एक्सपेक्टेड डिलेवरी डेट के एक सप्ताह पूर्व से ही सभी गर्भवती महिलाओं का निरंतर अनुश्रवण दूरभाष के माध्यम से किया जाये ताकि ससमय उनको प्रखंड स्तर पर उपलब्ध एंबुलेंस अथवा अन्य वाहनों से स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रसव हेतु लाया जा सके।
- एंबुलेंस व स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध वाहन गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में पूर्व में ही प्राइवेट वाहन को टैग कराया जाये। निजी वाहन से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थानों में लाने की स्थिति में गर्भवती महिलाओं को जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि के साथ परिवहन के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जाये।
- लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच व संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल जाने के समय में आवागमन में परेशानी नहीं हो इसके लिए अस्पताल भ्रमण के दौरान एमसीपी कार्ड रखने का निर्देश दिया जाये।