परवेज अख्तर/सिवान: सूडान में संकट के दौरान फंसे जिले के 14 लोगों में आधा दर्जन से अधिक शुक्रवार को अपने घर पहुंच गए। इससे उनके स्वजनों में काफी खुशी का माहौल देखा गया। स्वजन उन्हें मिठाई खिला तथा ऊपर वाले का शुक्र अदा करते नजर आए। वहीं कुछ लोग सूडान से भारत पहुंचने पर अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के यहां शरण लिए हैं जहां शीघ्र ही अपने घर लौटेंगे। वहीं आपदा प्रबंधन द्वारा जिले के 14 लोों की सूची जारी कर संबंधित अंचलाधिकारी को उनके घर पहुंच स्वजनों से हाल जानने व सूचित करने का निर्देश दिया गया था। जानकारी के अनुसार फ्रीकी देश सूडान में गृहयुद्ध में फंसे भारतीयों को ”आपरेशन कावेरी के तहत सुरक्षित स्वदेश लाया जा रहा है। इस क्रम में सिवान के दारौंदा प्रखंड के बेलागोविंदापुर निवासी जगलाल महतो शुक्रवार को गांव पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने माला पहनाकर सभी का स्वागत किया।
स्वजनों में काफी खुशी देखी गई। इस संबंध में जगलाल महतो ने बताया कि केंद्र सरकार अथक प्रयास से हमलोगों को सुरक्षित घर आने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि सूडान में पिछले सात वर्षों से रह रहा था। पिछले महीने बेटी की शादी में आए हुए थे। गांव से तीन अप्रैल 2023 को दिल्ली गए। पांच अप्रैल को सूडान के लिए रवाना हो गए थे। वहां पहुंचा तो स्थिति काफी खराब हो गई थी। जगह-जगह बमबारी, गोली मारने की घटनाएं, लूटपाट की घटनाएं हो रही थी। हमलोगों को उमेगा स्टील कंपनी ने सुरक्षा को लेकर अधिकारी ने एक कमरे में रख दिया। वहां खाना पीने के लिए काफी परेशानी बढ़ गई थी। हमलोगों से लूटपाट कर मोबाइल एवं रुपए छीन लिया गया था। यहां आने के लिए किसी तरह मोबाइल के माध्यम से घर से रुपये भेजा गया था। इस कंपनी में करीब दो सौ भारतीय थे। इसमें बिहार के साठ से अधिक लोग थे।
सभी राज्यों के लोगों के लिए बस एयरपोर्ट पर पहुंची थी, बिहार सरकार द्वारा यहां लाने के लिए बस नहीं भेजा गया। राज्य सरकार के प्रति रोष व्याप्त था। उन्होंने केंद्र सरकार एवं मोदी सरकार की जमकर तारीफ किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के ”आपरेशन कावेरी के तहत जो दूसरा जत्था स्वदेश पहुंचे हैं। वहीं मैरवा के बभनौली निवासी उमेश राम ने बताया कि वह चार साल से सूडान की राजधानी में काम करते थे। वहां विकट स्थिति उत्पन्न होने पर भारत सरकार के सहयोग से हमलोग कुशल पूर्वक घर लौट आए। हुसैनगंज थाना क्षेत्र के बघौनी निवासी वीरेंद्र यादव ने बताया कि 11 महीने पूर्व सूडान गया था। वहां की पुलिस द्वारा विदेशी नागरिकों को काफी प्रताड़ित किया जाता था। कमरे में घुसकर मारपीट, पैसा एवं मोबाइल भी छीन लिया जाता था। सरकार सिवान के दर्जनों व्यक्तियों को समुद्री जहाज से सऊदी अरब लाई,वहां से विमान द्वारा भारत भेजा गया। लोगों को देख स्वजनों के आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े। उन्होंने बताया कि उनके साथ दर्जनों लोग घर आए हैं।
वहीं लकड़ी नबीगंज के डुमरा गांव निवासी सुरेश सिंह का पुत्र धीरज कुमार सिंह सूडान में प्राइवेट नौकरी करने गए थे, जहां बुरी तरह से फंस गए थे, लेकिन कंपनी के सहयोग से सही सलामत दिल्ली हवाई अड्डा पर शुक्रवार को पहुंच गए हैं। धीरज कुमार सिंह ने बताया कि उनके परिजन छत्तीसगढ़ के रायपुर में वर्तमान में रहते हैं जहां वहां के लिए हुए ट्रेन से रवाना हो गए हैंद्ध उनके भाई विकास कुमार सिंह ने अपने बड़े भाई के सही सलामत भारत वापस होने पर मोदी सरकार एवं विदेश मंत्री जयशंकर के प्रति भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए आभार जताया है। लकड़ी नबीगंज के डुमरा गांव में इस बात की सूचना मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गई है। इसके अलावा सिवान के रघुनाथपुर, गुठनी और अन्य प्रखंडों के भी प्रवासी भारतीय सूडान में नौकरी करने के लिए गए थे।
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