पटना: पूरे विश्व में हुए शोध से यह साबित हो चुका है कि कोरोना सीधे तौर पर इंसान के फेफड़ों पर हमला करता है। फेफड़ा जैसे जैसे कमजोर होता है वैसे वैसे इंसान में सांस लेने की शक्ति घटती जाती है और फिर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ऑक्सीजन का सहारा लेना पड़ता है। यहां तक कि कई लोगों को वेंटिलेटर के सपोर्ट देकर जान बचाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
इस भयावह महमारी के दौर में थर्मल इनएक्टीवेशन ऑफ सॉर्स कोविड वायरस पर किए गए शोध के बाए आए प्रमाण में लोगों के अंदर उम्मीद की किरण जगा दी है। इस शोध का निष्कर्ष यह है कि भाप कोरोना वायरस को खत्म करने का रामबाण उपाय है। बता दें कि वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए शोध से संबंधित रिपोर्ट जर्नल ऑफ लाइफ साइंस में भी प्रकाशित किया गया है।
बता दें कि पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) व संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान(एसजीपीजीआइ) के विशेषज्ञों ने भाप को फेफड़ों का सेनेटाइजर बताया है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध और अनुभव के आधार पर बताया है कि अगर प्रतिदिन तीन बार कम से कम पांच मिनट तक भाप लेने की प्रक्रिया की जाए तो कोरोना को हराया जा सकता है।
नाक के सहारे सीधे फेफड़े को कर रहा है प्रभावित
इस संबंध में केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष व आइएमए-एएमएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. सूर्यकांत त्रिपाठी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस पहले मुंह, नाक व गले में कई दिन रुकने के बाद फेफड़ों में पहुंचता था। इस दौरान गरम पानी व गॉर्गल से इसकी सक्रियता काफी कम हो जाती थी। मगर अब यह नाक के पैरानासल साइनस के आंतरिक लेयर से होकर सीधे फेफड़ों में पहुंच रहा है। जिसके कारण फेफड़े जल्द संक्रमित हो रहे हैं।
70 डिग्री पर वायरस पूरी तरह से खत्म
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि कई अध्ययन में यह माना गया है कि 50 डिग्री सेल्सियस पर भाप से वायरस पैरालाइज हो सकता है। जबकि 60 डिग्री पर वह इतना कमजोर हो सकता है कि अंदर की इम्युनिटी ही उसे मात दे सके। वहीं यदि यह 70 डिग्री सेल्सियस पर भाप लें तो वायरस पूरी तरह मर सकता है। वायरस के प्रसार की गति भी कम हो सकती है। उन्होंने बताया कि भाप में इतनी क्षमता है कि वह पैरानासल साइनस में छुपे वायरस को निष्क्रिय करने के साथ फेफड़ों में वायरस के जमाव को रोक सकती है।
कोविड मरीजों पर किया रिसर्च
शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड मरीजों पर यह शोध किया किया गया। जिसमें उन्हें पांच मिनट तक भाप दिया गया, जिसके बाद इन मरीजों में वायरस का प्रसार काफी हद तक कम हो गया। साथ ही गले के कफ को भी कम करने में यह बेहद कारगर रहा।
ऐसे ले सकते हैं भाप
रिसर्च के अनुसार भाप लेने के लिए सादे पानी के साथ या उसमें संतरे व नींबू के छिलके, लहसुन, टी ट्री आयल, अदरक, नीम की पत्तियां, विक्स इत्यादि में से कुछ भी मिलाकर, क्योंकि यह एंटीमाइक्रोबियल होते हैं जो वायरस को कमजोर करने में मदद करते हैं।
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