परवेज अख्तर/सिवान :- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर देश विभिन्न जगहों पर फँसे प्रवासियों और ग्रामीण मजदूरों को राशन एवं सहायता राशि मुहैया कराने को लेकर भाकपा माले का भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा । बता दें कि कोरोना को लेकर दूसरे प्रदेशों में फँसे गरीब मजदूरों को घर पहुंचाने तथा लॉकडाउन भत्ता देने के लिए माले का दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल शनिवार को शुरू हुआ तथा रविवार तक चलता रहा । इसकी जानकारी माले नेत्री व जिला पार्षदों सोहिला गुप्ता ने देते हुए कहा कि देश के सभी राज्यों में प्रवासी मजदूर लाखों की संख्या में फँसे हुए हैं । कल-कारखानों के बंद हो जाने से सभी मजदूर भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं । उनके भोजन, राशन की व्यवस्था केंद्र और राज्य सरकारें करें । वही मुखिया सभापति देवी ने अगौता गांव के 245 गरीबो की लिस्ट बना कर प्रखंड विकास पधादिकारी को सौंपा
कोरोना से लड़ने के लिए एक लाख दक्ष एवं कुशल युवाओं को तैयार करेगा एन वाई के
परवेज अख्तर/सिवान :- कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग लडने हेतु राज्य के एक लाख युवाओं को दी जाएगी। युवाओ को कोवीड-19 से उत्पन्न आपदा से लडने हेतु योद्धा के तरह कुशल व दक्ष बनाया जा रहा है। युवाओं को कोरोना के खिलाफ आम आदमी को जागरूक करने हेतु विभिन्न माँडलो के साथ आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वार जारी एडवाइजरी एव रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने हेतु भी ट्रेनीग दिया जा रहा है। इस सम्बंध मे नेहरू युवा केंद्र सिवान के राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रभाकर पांडेय स्पीड के सचिव डा के डी रंजन ने बताया की नेहरू युवा केन्द्र संगठन पटना के साथ स्पीड राज्य के सभी जिलो के नेहरू युवा केन्द्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक व युवामंडलो के प्रतिनिधिओ को आनलाइन प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा है।स्पीड की पुरी टीम सरकार द्वारा निर्धारित मानको के अनुरूप ट्रेनीग माँडल तैयार कर रही है एव दो से तीन स्विफ्ट में ट्रेनिंग देने का कार्य किया जा रहा है। जिसमे कोवीड से वचाव के उपाय, रोजमर्रा के जीवन मे आयुर्वेद के औषधि को शामिल कर रोगो से लडने की क्षमता को मजबूत करना, व्यक्तिगत सफाई, योग,प्रणायाम की जानकारी दि जा रही है । युवाओं को आपदा से निपटने हेतु विभिन्न कौशल से अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नेहरू युवा केंद्र संगठन पटना के निदेशक डॉ कुमारी ज्योत्सना के निर्देश में यह सब कार्य चल रहा है उन्होंने कहा सभी युवा आरोग्य सेतु एप का डाउनलोड निश्चित रूप से करे। यह आपकी सुरक्षा का बडा हथियार है। जिला समन्वयक नेहरू युवा केंद्र सिवान के कार्तिक सिंहला ने इसे सामाजिक स्तर पर इसे आन्दोलन का रुप देने का आह्वान किया है। छपरा के समन्वयक विकास भदौरिया, नालन्दा की पिकी कुमारी, नवादा की ईशा गुप्ता,बाका के श्रवण कुमार सिघल भी ऑनलाइन ट्रेनिंग में उपस्थित रहे।
सिवान के हसनपुरा में पैक्स गोदाम से 160 बोरे धान की चोरी
परवेज अख्तर/सिवान :- एमएचनगर थाना के छेरही में पैक्स गोदाम से बीती रात 160 बोरे धान की चोरी अज्ञात चोरों द्वारा कर ली गई है। इस मामले में पैक्स अध्यक्ष स्थानीय निवासी रत्नेश कुमार पिता स्वर्गीय केशव यादव ने स्थानीय थाना में आवेदन देकर अज्ञात चोरों द्वारा 160 धान के बोरे की चोरी का मामला दर्ज करवाया है। वहीं पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल कर रही है। साथ ही अज्ञात चोरों के लिए भी छापेमारी कर रही है।
तेलकथु में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में आधा दर्जन लोग घायल।
परवेज अख्तर/सिवान :- एमएचनगर थाना के तेलकथू में दो पक्षों के बीच मारपीट में आधा दर्जन लोग घायल हो गए। इस मामले में एक पक्ष राधेश्याम मिश्र ने थाने में आवेदन दिया है। उसने अपने आवेदन में बताया है कि मेरे घर का नाला पूर्व से मेरे ही जमीन में गिरता है। जिसको अमनलाल भगत, सोनू कुमार भगत के द्वारा मेरे नाले को बंद किया जारहा था इसी पर मन करने पर उक्त लोगों ने लाठी डंडे से मुझे पर हमला कर घायल कर दिया। इसको देख मेरे लड़के ने मुझे बचाने आया तो भूटी कुमार भगत, संजय कुमार भगत, टिंकू भगत, रमावती देवी, सुमन कुमारी ने मिलकर उसके साथ भी मारपीट किया गया और उसे भी मारपीट कर घायल कर दिया। दोनो घायलों का इलाज पीएचसी में करवाया गया। वही दूसरे पक्ष से भी घायल होने की सूचना मिल रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिवान के हसनपुरा करमासी में दो पक्षों के बीच मारपीट में प्राथमिकी
परवेज अख्तर/सिवान :- एमएचनगर थाना के करमासी में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक पक्ष से अफ़रोजी खातून ने आवेदन दिया गया है। जिसमें नाजू बेगम, गुड़िया खातून, जहाना बेगम, मोहम्मद हुसैन, हयाज अहमद को आरोपित किया है।वहीं इस मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
सिवान में शराब पीने से मना करने पर मारपीट व जान से मारने की धमकी
परवेज अख्तर/सिवान:- जिले के महराजगंज थाना क्षेत्र के महुआरी पूर्वी हरिजन टोली निवासी आंगनबाड़ी सहायिका उमरावती देवी ने हाल ही में ओमान से लौटे देवरिया गांव निवासी कयूम अंसारी के पुत्र असगर अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की आवेदन दिया हैं। आंगनबाड़ी सहायिका ने दिए हुए आवेदन में कहा है कि 11 अप्रैल को रात्रि करीब 8:00 बजे अपने परिवार के साथ दरवाजे पर थी तभी उनके पड़ोसी अमरनाथ राम उर्फ मुन्ना राम के घर पर देवरिया निवासी असगर अंसारी जो कि ओमान से हाल ही में लौटा हैं। वे सभी उनके यहां बैठकर शराब पी रहे थे। गांव में पड़ोसी के यहां प्रत्येक दिन उसके घर आकर शराब पीने के कारण कोरोना जैसे वैश्विक महामारी को देखते हुए आंगनबाड़ी सहायिका उमरावती देवी के द्वारा इसका विरोध किया । इस विरोध के कारण देवरिया गांव निवासी असगर अंसारी ने गाली-गलौज करते हुए उनके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। इसके बाद पिस्तौल निकालकर डराने धमकाने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर गांव के लोगों को आते देख आरोपी भाग निकला। पीड़िता ने कहा है कि प्रत्येक दिन आरोपी उनको फोन पर जान से मारने की धमकी दे रहा हैं साक्ष्य के तौर पर आवाज़ का रेकॉर्डडिंग उनके पास हैं। आवेदिका ने थानाध्यक्ष से आरोपी के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।महाराजगंज थानाध्यक्ष मनीष कुमार साहा ने बताया कि इस मामले में आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पुराना मामला हैं। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान दी जाने वाली सेवाओं को नियमित करने के निर्देश
- कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर दिए निर्देश
- अप्रैल से जून माह तक संभावित प्रसवों को चिन्हित कर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा
- आशा एवं आशा फैसिलिटेटर सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए गर्भवतियों के घरों का करेंगी दौरा
- जटिल प्रसव वाली महिलाओं को अस्पताल में मिलेगी समुचित देखभाल
सिवान: कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ आज पूरा विश्व जंग कर रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से राज्य भी अछूता नहीं है. संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने जहाँ सरकार के लिए चुनौतियाँ खड़ी की है, वहीँ इसके कारण मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुयी है. गर्भवती माताओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की नियमितता काफ़ी जरुरी है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सके. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान दी जाने वाली जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को नियमित करने के उद्देश्य से जरुरी दिशानिर्देश दिया है. पत्र के माध्यम से प्रसव पूर्व जाँच, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं, गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली जरुरी दवाएं एवं गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग जैसे अन्य जरुरी मातृव स्वास्थ्य सेवाओं को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पहले की तरह नियमित करने के निर्देश दिया गया है.
अप्रैल से जून माह तक संभावित प्रसवों को चिन्हित कर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा
पत्र के माध्यम से तीन माह( अप्रैल, मई एवं जून) में जिन गर्भवती महिलाओं की एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट(संभावित प्रसव दिन) हैं, उनके लिए स्वास्य्म संस्थानों को अनिवार्य रूप से चिन्हित कर लाइन लिस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के एक सप्ताह के पूर्व से लगातार प्रतिदिन सभी चिन्हित गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य समस्या की जानकारी एकत्रित करने एवं अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य संस्थानों पर लाकर प्रसव करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. पत्र में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाने एवं उन्हें वापस घर पहुँचाने के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस का उपयोग किया जाए. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं रेफ़रल अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसूति को सभी जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए.
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच के लिए एम्बुलेंस
पत्र में निर्देशित गया है कि उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्राप्त हो. साथ ही उनके लिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही गयी है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए अस्पताल में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को नियमित प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी गर्भवती माताओं को दूसरे तिमाही से 180 आयरन की गोली, 360 कैल्शियम की गोली एवं कृमि से बचाव के लिए 1 एल्बेन्डाजोल की गोली भी प्रदान करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है.
आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा गृह भ्रमण
आशा एवं आशा फैसिलिटेटर कोविड-19 में उत्पन्न विषम स्थितियों में भी गर्भवती महिलाओं के घरों का दौरा कर रही हैं. पत्र में कहा गया है कि जिन महिलाओं की संभावित प्रसव दिन नजदीक हैं, उनके घरों का दौरा करने के दौरान आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को सामाजिक दूरी एवं अन्य कोविड-19 बचाव प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. साथ ही आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को गृह भ्रमण कर चिन्हित गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के लिए योजना तैयार कर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं.
जटिल प्रसव वाली महिलाओं को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवा
जटिल प्रसव वाली महिलाओं को (जैसे सीवियर एनीमिया, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह) को एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के पूर्व से अस्पताल लाकर उनकी उचित देखभाल करने की बात कही गयी है. जबकि सामान्य गर्भवती महिलाओं को आशा की सहायता से एएनएम द्वाराफ़ोन पर संपर्क स्थापित कर उन्हें ससमय स्वास्थ्य संस्थान पर लाकर संस्थागत प्रसव कराने के निर्देश दिए गए हैं. कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुए संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल का अनुसरण करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों पर मातृत्व सेवाएं प्रदान करने के निर्दश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं की राज्य स्तरीय रैंकिंग में सारण जिला को मिला 5वां स्थान
- 6वें से 5वें स्थान पर पहुंचा
- राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी की रैंकिग
- 34 स्वास्थ्य सूचकांको पर तय की गयी रैंकिंग
छपरा :- जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुयी है. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति नियमित तौर पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा भी करती है. इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा कर जिलावार रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले ने निर्धारित सूचकांकों में प्रगति की है. यही वजह है कि राज्य भर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले जिलों की सूची में सारण को 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस साल जनवरी माह की रैंकिंग में जिले को 6वां स्थान प्राप्त हुआ था। फरवरी माह की रैंकिंग में 5 वां स्थान मिला है।
34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर हुयी रैंकिंग
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर राज्य स्तरीय रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले की स्थिति पहले की तुलना में और बेहतर हुयी है. बेहतर कार्य के बदौलत 5 वां स्थान प्राप्त कर सका है. इससे जिले के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह वर्धन भी हुआ है. साथ ही इस रैंकिंग को बरक़रार रखने के साथ आगे बढ़ने की चुनौती भी अब बढ़ गयी है. इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन करने होंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जिला टॉप 3 की सूची में शामिल हो सकेगा. इसमे डीपीएम अरविंद कुमार, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा , डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग सराहनीय है।
इन सूचकांकों को किया गया शामिल
34 स्वास्थ्य सूचकांकों पर रैंकिंग तैयार की गयी है. जिसके लिए 800 अंक निर्धारित किये गए थे. जिसमें गर्भवती महिलाओं का निबंधन, प्रसव पूर्व पहली तिमाही में महिलाओं का निबंधन, संस्थागत प्रसव, आधुनिक परिवार कल्याण के उपायों की दर, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की संख्या एवं भर्ती रहे दिनों की संख्या , पूर्ण टीकाकरण, खून की कमी दूर करने में आयरन टैबलेट की आपूर्ति, एंबुलेंस का प्रतिदिन परिवहन की दर, पीएचसी स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या में हर माह ओपीडी की सेवा उठाने वाले मरीजों की संख्या, लेबोरेटरी में स्वास्थ्य जाँच कराने वाले लोगों की संख्या , अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता दर, खोजे गए नए टीबी मरीजों की संख्या, टीबी और कालाजार मरीजों के लिए दवा उपलब्धता की स्थिति , ओपीडी दवाओं की उपलब्धता, पैसे का खर्च, आशा का प्रशिक्षण, आशा का भुगतान, कन्या उत्थान योजना का भुगतान और चिकित्सकों का ओपीडी में प्रदर्शन शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी
क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रैंकिग जारी की गई है। जिसमें जिले को राज्य भर में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है. यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है. सभी स्वास्थ्य कर्यक्रमों का लाभ समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना जरुरी है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है. आने वाले समय में इससे भी बेहतर रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता का निधन, दिल्ली एम्स में थे भर्ती
नई दिल्ली : इस वक्त की बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता का निधन हो गया है. वह दिल्ली एम्स में भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव पर किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि कई माह से योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट दिल्ली एम्स में भर्ती थे. लेकिन आज उनका निधन हो गया. शव को दिल्ली से उत्तराखंड ले जाने की तैयारी है. फिर पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
लॉकडाउन लागू करने में भी स्थिति को यत्नपूर्वक नहीं संभाला जा रहा है: ललन कुमार
परवेज अख्तर/सीवान : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व सदस्य सह फिल्म सेंसर बोर्ड के परामर्श दात्री समिति भारत सरकार के पूर्व सदस्य ललन कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गैर-गंभीरता, गैर-जिम्मेवारी के कारण, देशवासियों को कोविड-19 की इस प्राकृतिक आपदा को भुगतने के लिए मजबूर किया गया है। अब इस चुनौती का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लॉकडाउन लागू करने में भी स्थिति को यत्नपूर्वक नहीं संभाला जा रहा है। सरकार ने मानव जीवन के ऊपर राजनीति को प्राथमिकता दी थी। प्रकृति ने हमें इस घातक वायरस से बचाने के लिए खुद को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय दिया था, जो पहले से ही दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका था, लेकिन उस बहुमूल्य समय को बिना किसी कार्रवाई मेादी सरकार ने खो दिया था। क्यों नहीं विदेश से उतरने वाले सभी लोगों की जांच की गई और उन्हें 14 दिन के लिए सरकार के नियंत्रण के तहत क्वारंटाइन में डाला गया। बीमारी को लेकर आए सभी सम्पन लोग और मुश्किलें पैदा कर दी गई आम आदमी, विद्यार्थियों और मजदूरों के लिए यह कहां का न्याय है।
मोदी सरकार अपनी भूल को स्वीकार करने के बजाय, देश के लोगों को बताएगी कि अन्य देशों की तुलना में यहां संक्रमित लोगों और मौतों की संख्या बहुत कम है। क्योंकि मोदी सरकार ने सही समय पर कदम नहीं उठाए हैं। वास्तविक कारण हैं, सरकार ने करोना के टेस्ट ही ऊंठ के मुंह में जीरे के बराबर किए, और इसलिए कोई पुष्टि नहीं कि जा सकती है कि कौन पीडि़त है और कौन नहीं है, और दूसरा यह है कि हमारे लोग विशेष रूप से हमारे मजदूर भाई और आम लोग जो कड़ी मेहनत करते हैं, उनमें अधिक इम्यूनिटी होती है। मैंने कई रिसर्चर्स से सुना कि अच्छी इम्यूनिटी वाले लोग इस वायरस से बच सकते हैं। इसलिए मैं आप सभी से प्रार्थना करता हूं कि झूठे और औचित्य तर्कों के चक्कर में मेरे प्यारे भारतवासी ना आए और इस एनडीए सरकार से सावधान रहें तथा इनसे सवाल करें की देशवासियों को इस बीमारी में क्यों फंसाया।