सिवान : मोहर्रम के दसवीं तारीख को आज आपसी सद्भाव देखने को बहुत मिला कहीं स्टॉल लगाकर लोगों ने आखड़ा में आए प्यासे को पानी पिलाया तो कहीं उनके साथ मिलजुलकर आखड़े में शामिल होकर उनको मुबारकबाद दी मोहर्रम में कर्बला में शहीद हसन और हुसैन को याद किया जाता है जिनकी मातम के तौर पर यह जुलूस निकालकर उस दिन को याद किया जाता है आज जुलूस में हजारों की तादाद में लोग उपस्थित रहे मुख्य रूप से जुलूस तिरबिरवां सादुल्लापुर मठिया जंगलिया छपिया चौराव हजियापुर दरगाह इन जगहों से काफी तादाद में या अली या हुसैन का नारा लगाते हुए शहर में हर गली हर कोने तक पहुंचे एक और चीज देखने को मिला लोगों में काफी उत्साह था
हरे रंग के कपड़े अपने बदन में टी-शर्ट बनाकर पहने हुए दिखे जिस टीशर्ट पर या अली या हुसैन हिंदुस्तान ज़िंदाबाद लिखा हुआ था या अली या हुसैन नारों को सैकड़ों लोगों नारे लगाते हुए जुलूस में शामिल हुए आपसी भाईचारा का यह त्यौहार मोहर्रम की दसवीं तारीख को खत्म हो गया हर गली हर मोहल्ले से ताजिया सीपर बनाकर निकाला गया था अपना अपना उपस्तिथि दर्ज कराया गया !
मुहर्रम के मौके पर स्टॉल लगाकर लोगों ने आखडा में आए प्यासे को पानी पिलाया
सत्य के बचाव में इमाम हुसैन हुए कर्बला में शहीद
परवेज अख्तर/सिवान :- पैगंबर -ए- इस्लाम हजरत मोहम्मद( सल) के नवासे और हजरत अली के एक पुत्र इमाम हसन को दुश्मनों ने जहर दे दिया। इसके बाद उमय्या वंश के अमीर मुआविया के पुत्र यजीद ने जबरन अपने को खलीफा घोषित कर दिया। वह नाम मात्र का मुसलमान था। उसने नबी हजरत मुहम्मद के नवासे हजरत इमाम हसन के भाई हजरत इमाम हुसैन को अधीनता स्वीकार करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि वह जो कहे इस्लाम में शामिल किया जाए। वह हजरत मोहम्मद के दीन इस्लाम में बदलाव करना चाहता था। इमाम हुसैन ने उसकी अधीनता स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। 4 मई 680 ईसवीं को इमाम हुसैन मदीना से अपना घर छोड़कर मक्का पहुंचे। वहां यजीद के लिए उन्होंने ना किसी से बैय्यत ली और न ही अपने पूर्व के निर्णय में कोई परिवर्तन लाया। कूफा के लोगों को जब मालूम हुआ कि वे मक्का आ चुके हैं तो उन्होंने एक-एक कर 52 पत्र इमाम हुसैन को लिखकर कूफा आने का बुलावा भेजा। पत्र के जवाब में इमाम हुसैन ने लिखा- आप लोगों के मोहब्बत एवं अकीदत का ख्याल करते हुए फिलहाल भाई मुस्लिम बिन अकील को कूफा भेज रहा हूं। अगर उन्होंने देखा कि कूफा के हालात सामान्य है तो मैं भी चला आऊंगा। हजरत मुस्लिम अपने दो छोटे बेटा मोहम्मद और इब्राहिम को साथ लेकर कूफा पहुंचे। वहां उनका लोगों ने मोहब्बत के साथ स्वागत किया। उन्होने बैय्यत शुरू की। एक हफ्ता के अंदर बारह हजारों लोगों ने मुस्लिम के हाथों इमाम हुसैन की बैय्तय (अधीनता) कबूल की। कूफा के हालात सामान्य देखकर मुस्लिम इमाम हुसैन को पत्र भेजा कि कूफा के लोग अपने वचन पर कायम हैं। इधर यजीद को जब यह मालूम हुआ तो उसने कूफा के गवर्नर को हटाकर सय्याद को गवर्नर नियुक्त कर दिया और मुस्लिम को गिरफ्तार कर खत्म करने तथा हुसैन के आने पर यजीद की बैय्यत तलब करने को कहा। इन्कार करने पर उन्हें भी कत्ल करने का आदेश दे दिया। मुस्लिम को कत्ल कर दिया गया। उधर मुस्लिम का पत्र पाकर इमाम हुसैन अपने परिवार और खानदान के साथ कूफा के लिए रवाना हो गए।वहां पहुंचे तो देखा सब कुछ बदला हुआ था। दुश्मन फौज ने उन्हें घेर लिया और कर्बला ले गए। उस समय दुश्मन फौज प्यासी थी। इमाम हुसैन ने उन्हें पानी पिलाया। इमाम हुसैन कर्बला में फुर्रात नदी के किनारे खेमा (तंबू) डाला। इसके पहले उस जमीन को उन्होंने खरीदा। उधर यजीद अपने सरदारों से द्वारा इमाम हुसैन पर अधीनता स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन किसी भी तरह की शर्त मानने से इन्कार कर दिया। दबाव बढ़ाने के लिए यजीद ने फुर्रात नदी और नहरों पर फौज का पहरा बैठा दिया। ताकि हुसैनी लश्कर को पानी नहीं मिल सके। तीन दिन गुजर गए। इमाम के परिवार के छोटे और मासूम बच्चे प्यास से तड़पने लगे। फिर भी हजरत इमाम हुसैन अपने इरादे से नहीं डीगे। यह देख दुश्मन फौजियों ने खेमे पर हमला बोल दिया। इमाम हुसैन ने एक रात की मोहलत मांगी। रात में हुसैन इबादत की और अल्लाह से दुआ मांगी कि मेरे परिवार, मेरे बच्चे शहीद हो जाएं, लेकिन दीन इस्लाम बचा रहे। 10 अक्टूबर 630 ई मुहर्रम की 10 तारीख (यौम ए आशुरह) की सुबह होते ही जंग छिड़ गई। हालांकि इसे जंग कहना उचित नहीं होगा।
एक तरफ लाखों हथियारों से लैस फौज और दूसरी तरफ हुसैन के साथ 72 लोग थे। इनमें 6 महीने से लेकर 13 वर्ष तक के बच्चे भी शामिल थे। दुश्मनों ने 6 माह के प्यास से तड़पते बच्चे अली असगर को तीर मार दी। 13 साल के हजरत कासिम 32 साल के अब्बास और 18 साल के अली अकबर को दुश्मनों ने शहीद कर दिया गया। मुस्लिम इब्न अउबह शहीद हुए। सहाबी जौनतो ने शहादत का जाम पिया। एक-एक कर सभी चाहने वाले शहीद होते गए। हाशिम ने शहादत कबूल की।काशिम जुदा हुए। अली अकबर रुखसत हुए। एक-एक कर सबका शव खेमा में लाया गया। फिर इमाम हुसैन को भी दुश्मनी फौजियों ने शहीद कर डाला। उनके परिवार के खेमा मे आग लगा दी गई। हजरत इमाम हुसैन के नेतृत्व में मुट्ठी भर लोगों ने एक सर्व शक्तिशाली हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यह जंग दुनिया की सबसे बड़ी जंग मानी जाती है। इसमें हुसैनी लश्कर हार कर भी जीत गया और यजीदी फौज मोर्चा जीत कर भी हार कबूल कर लिया।
नल जल योजना में गड़बड़ी के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के शंभोपुर पंचायत के वार्ड संख्या 5 में नल जल योजना में मानक के विपरीत हो रहे कार्य के खिलाफ कार्य कराने वाली एजेंसी वार्ड समिति ही नाराज दिखी। वार्ड समिति के अध्यक्ष चंदा देवी ने बताया कि बीडीओ द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को यह कार्य सौंपा गया है। यहां पर सारे कार्य मानक के विपरीत हो रहे हैं। ना तो पाइप की गुणवत्ता ठीक है और ना ही तीन फीट नीचे पाइप लगाया जा रहा है। जब बुधवार को इस कार्य रोक दिया गया तो स्वयं बीडीओ ने आकर कार्य चालू करा दिया, जिससे गुरुवार को फिर एक बार लोग आक्रोशित हो गए है एवं प्रदर्शन करने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ कहा जाता है कि वार्ड समिति ही सबकुछ है, पीछे से इस समितियों को गौण कर दिया जाता है। स्थानीय मुखिया वीरबहादुर साह ने बताया कि सब कुछ ठीक है। कनीय अभियंता को बुलाया गया है, कार्य मानक के अनुसार हो रहा है। जब वार्ड सदस्य सह अध्यक्ष चंपा देवी, समिति सचिव सुरेंद्र महतो ग्रामीण गणेश महतो, माधो बैठा, केश्वर बैठा, सुनीता देवी,शैलेश कुमार, फुलथरा देवी इत्यादि लोग न केवल आक्रोशित थे, बल्कि बीडीओ के खिलाफ नारे भी लगाए। ग्रामीणों का कहना था कि हमलोग मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे।
विधान परिषद में उठेगा बड़हरिया कांड की आवाज : टुन्ना पांडेय
परवेज अख्तर/सिवान : विधान पार्षद टुन्ना पांडेय अपने समर्थकों के साथ बड़हरिया थाना क्षेत्र के तेतहली गांव पहुंच मृतक मो. राज, मनु अली एवं बड़हरिया पश्चिम टोला के मो. शहजाद आलम के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की। पांडेय ने इस घटना पर दुख जताते हुए सिवान की पुलिस अधीक्षक से बड़हरिया थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करने तथा घटना की निष्पक्षता की जांच की मांग की। पांडेय ने कहा कि पुलिस के इस कार्रवाई से स्थानीय लोग मर्माहत हैं। पुलिस के जो भी पदाधिकारी इस घटना में दोषी हो उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना को वे विधान परिषद में जोरदार ढंग से उठाएंगे एवं सभापति से इसकी जांच की मांग भी करेंगे। विधान पार्षद ने इस संबंध में एसपी से मिलकर घटना पर चर्चा की। इस मौके पर जिला पार्षद जुल्फिकार अहमद उर्फ मीठू बाबू,सिवान नगर पार्षद सलीम सिद्दीकी उर्फ पिंकू, एहतेशामुल हक सिद्दीकी, प्रिंस बाबू, नसीम अख्तर, जुनैद बाबू, अकबर हुसैन, गुलाम सरवर, मो. सलमान, सकिल अहमद, मेराज अहमद आदि मौजूद थे।
उपायुक्त बनने के बाद गांव आने पर सांसद ने किया स्वागत
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के पचरुखी प्रखंड के मखनुपुर पंचायत इसी गांव अभिषेक आनंद आयकर उपायुक्त बनने के बाद पहली बार गुरुवार को गांव पहुंचे। जहां सांसद ओमप्रकाश यादव सहित ग्रामीणों ने माला पहना कर स्वागत किया। आयकर उपायुक्त के पद पर इनका सिलेक्शन होने के बाद दिल्ली में पो¨स्टग हुई थी। छुट्टी नहीं मिलने से वे गांव नहीं आ रहे थे। इनके परिजन सहित गांव के लोग गांव आने का इंतजार कर रहे थे। अभिषेक आनंद ने अपनी पढ़ाई-लिखाई पटना कंकड़बाग में रहकर पूरी की। इनके दो भाई है, इनसे छोटा भाई अजितेश आनंद अमेरिका में इंजीनियर है। जबकि उनके पिता अनुरुद्ध पांडेय रिजर्व बैंक के असिटेंट जोनल मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं। मौके पर सांसद से ग्रामीणों ने विकास पर जोर देने का आग्रह किया। सांसद ने सरकार की सारी योजनाओं को ग्रामीणों से अवगत कराया। मौके पर बीडीसी प्रकाश पांडेय, रंजीत पांडेय, गोपाल जी शर्मा, दुर्गा मांझी, देवानंद पांडेय, दरोगा प्रसाद, भरत प्रसाद, रामदेव ठाकुर, हरिचंद्र ठाकुर सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
महाराजगंज जिला नहीं बना तो होगा जेल भरो आंदोलन
परवेज अख्तर/सिवान : महाराजगंज शहर स्थित फुलेना शहीद समारक पर गुरुवार को महाराजगंज जिला बनाओ संघर्ष समिति द्वारा धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मुंशी सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से महाराजगंज को जिला बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि महाराजगंज अनुमंडल के साथ संसदीय क्षेत्र भी है जिसकी गरिमा को बरकरार रखना सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है। महाराजगंज की जनता पिछले कई वर्षों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आश्वासन के बाद जिला बनाने की मांग करती चली आ रही है, लेकिन आज तक महाराजगंज को जिला बनाने की कोई भी प्रक्रिया सरकार द्वारा प्रारंभ नहीं किया गया। महाराजगंज जिला बनने के काबिल है या नहीं इसकी सरकार द्वारा स्वयं विभिन्न बिंदुओं पर जांच करनी चाहिए। उन्होंने प्रदर्शन के माध्यम से अंतिम ज्ञापन सौंपने की बात करते हुए कहा कि आज से जिला बनाने के लिए अंतिम निर्णायक लड़ाई प्रारंभ हो गई है। संघर्ष समिति के अमरेंद्र कुमार गौतम में कहा कि नीतीश सरकार नई-नई योजनाएं लेकर आई है, उसी योजना के माध्यम से महाराजगंज को जिला बनाने का कार्य भी मुख्यमंत्री को करना चाहिए। जिला बनाओ संघर्ष समिति के नागमणि सिंह ने कहा कि महाराजगंज की जनता को जिला मुख्यालय की दूरी तय करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पूर्व जिला पार्षद इंदु देवी ने कहा कि महाराजगंज जिला बनाओ आंदोलन तक तक प्रारंभ रहेगा, जब तक सफलता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि अगर महाराजगंज को जिला नहीं बनाया जाता तो हजारों की संख्या में महिला-पुरुष जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। धरने के बाद समिति के सदस्यों ने अनुमंडल पदाधिकारी मंजीत कुमार को ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर राजकिशोर गुप्ता, दयाशंकर द्विवेदी, देवेंद्र कुमार अभय, रामराज प्रसाद, राहुल सिंह, मनीष कुमार पांडेय, मो. मुस्लिम, मार्कंडेय सिंह, बृजकिशोर सिंह, मो.कैफ, सुबोध सिंह, सुमित सिंह उर्फ दादा, रमेश उपाध्याय, श्रीराम प्रसाद, नागमणि सिंह, अमरेश कुमार, मनु कुमार, अभिषेक तिवारी, धर्मनाथ राय, कमला प्रसाद, जगदीश सिंह, सांसद प्रतिनिधि मोहन कुमार पदमाकर, सत्येंद्र यादव, भरत ठाकुर, अमरेंद्र कुमार गौतम, परशुराम सिंह, रामबाबू प्रसाद, सत्यदेव मांझी, वार्ड पार्षद सोहन चौधरी, जदयू व्यवसायी संघ के जिलाध्यक्ष लालबाबू प्रसाद, जिलाध्यक्ष जदयू पिछड़ा प्रकोष्ठ के सत्येंद्र ठाकुर,पूर्व जिप उपाध्यक्ष अजय मांझी समेत काफी संख्या में संघर्ष समिति के सदस्य मौजूद थे।
छोटी चौकी में घुसी अनियंत्रित कार ने तीन को रौंदा, एक की मौत
परवेज अख्तर/सिवान : जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के कोड़र गांव में बुधवार की रात मुहर्रम को ले निकली छोटी चौकी में शामिल लोगों को एक तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया। इस घटना में एक इंटर के छात्र की मौत घटनास्थल पर हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। घटना के बाद कार चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया। वहीं चौकी में शामिल लोगों में अफरा तफरी मच गई। लोग इधर उधर गिरते-पड़ते भाग कर अपनी जान बचाए। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए बसंतपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया, जहां इलाज के बाद तीनों घायलों को सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। लेकिन सदर अस्पताल में स्थिति गंभीर देख उन्हें पटना रेफर कर दिया गया। वहीं रात में ही पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। मृतक की शिनाख्त कोड़र के रियाजुद्दीन अंसारी का पुत्र शोएब अख्तर (17) के रूप में हुई। जबकि घायलों में कोड़र के अजमुद्दीन अंसारी का पुत्र शमीर (8), शमशाद आलम का पुत्र शाहिद (7) तथा जलालुद्दीन अंसारी की पुत्री शमा परवीन (12) घायल हो गई। इधर घटना के बाद से आक्रोशितों ने गुरुवार को बसंतपुर-मलमलिया हाइवे को जाम कर दिया और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया। मुआवजा मिलने के आश्वासन बाद आक्रोशित शांत हुए और सड़क से जाम को हटाया गया। घटना के बारे में बताया जाता है कि बुधवार की रात करीब 10.30 में कोड़र गांव से मुहर्रम के जुलूस के पूर्व निकली छोटी चौकी स्टेट हाई वे 73 पर पश्चिम की तरफ मुड़ा गांव की ओर जा रहा था। जब जुलूस कोड़र चौमुखी के पास पहुंचा, तभी पश्चिम की तरफ से एक तेज रफ्तार कार ने जुलूस में शामिल लोगों को रौंद दिया,जिससे एक युवक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। घटना के बाद गाड़ी का चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया। घटना के बाद जुलूस में हाहाकर मच गया। लोगों इधर उधर भागने लगे। तीनों घायलों को बसंतपुर पीएचसी में पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सिवान से शाहिद और शमा परवीन की स्थिति गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष उदय कुमार दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए और लोगों को समझा बुझाकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिवान भेज दिया। वहीं पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने को ले मृतक के दरवाजे पर पूरी रात कैंप करती रही।
गुरुवार की सुबह आक्रोशित ग्रामीणों ने बसंतपुर-सिवान स्टेट हाई वे 73 जाम कर नारेबाजी की तथा आगजनी किया। थानाध्यक्ष उदय कुमार, बीडीओ मो. आसिफ, सीओ मालती कुमारी, भगवानपुर के बीडीओ डॉ. अभय कुमार, सीओ युगेश दास मौके पर पहुंच सबको समझा-बुझाकर जाम हटाया तथा परिजन को हर संभव मुआवजा देने की बात कही। वहीं मुखिया रमावती देवी के प्रतिनिधि पवन सिंह ने अपने निजी कोषसे पीड़ित परिवार को रुपये प्रदान करने को कहा।
छह सूत्री मांगों को ले आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन का धरना
परवेज अख्तर/सिवान : बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में छह सूत्री मांगों को ले बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने गुरुवार को समाहरणालय पर धरना दिया। धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष निर्मला देवी कुशवाहा ने की। धरने के बाद छह सूत्री मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी एवं जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को दिया गया। उनकी मांगों में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्लास थ्री एवं फोर्थ का दर्जा देने, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता सेविका को 18 हजार तथा सेविका को 12 हजार मानदेय राशि देने, सेविकाओं को पर्यवेक्षिका एवं सहायिकाओं को सेविका के पद पर शत प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति दी जाए एवं उम्र सीमा समाप्त किया जाए, सेवानिवृत्ति के पश्चात पांच हजार मासिक वेतन पेंशन या एक मुश्त पांच लाख रुपये सहायता राशि एवं बीमा का लाभ सुनिश्चित किया जाए, चार घंटा से अधिक काम जैसे पल्स पोलियो, बीएलओ आदि कार्य के लिए मजबूर न किया जाए, अन्यथा आठ घंटा काम का समय निर्धारित किया जाए तथा आंगनबाड़ी केंद्र को किसी भी तरह का निजीकरण नहीं किया जाए आदि मांगें शामिल थी। धरने में जिला सचिव प्रमिला देवी, शीला देवी, कमला देवी, संध्या देवी, चिंता देवी, गुलफेसा तरन्नुम, वीणा देवी,कमलावती देवी, पूनम देवी, अर्चना कुमारी, मनोरमा सिंह, रीता देवी, संगीता देवी, मंजू देवी, रंजू देवी, अरुणा कुमारी, प्रतिमा सिंह,मीरा देवी, बचन देवी, इंदु देवी, नीतू सिंह, संध्या देवी, सुमन देवी, विद्यावती देवी, अनीता देवी, सोना कुंवर, गिरजा देवी,, चंद्रमा सिंह, कानूनी सलाहकार अजय सिन्हा, अधिवक्ता इरफान अहमद आदि उपस्थित थे।
राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के दस मामलों की हुई सुनवाई
परवेज अख्तर/सिवान : मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में गुरुवार को मो. शहाबुद्दीन से जुडे कुल दस मामलों की सुनवाई की गई। विशेष अदालत के विशेष सत्र न्यायाधीश वीके शुक्ला की अदालत में चार सेशन मामलों की सुनवाई की गई, जबकि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार मिश्र की अदालत में छह मामलों की सुनवाई की गई। विशेष सेशन न्यायाधीश वीके शुक्ला की अदालत में राजीव रोशन हत्याकांड से जुड़े मामले में प्रलेखों को प्रदर्श चिह्नित करने के संबंध में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक जय प्रकाश सिंह ने प्रोटेस्ट पिटीशन को प्रदर्श चिह्नित करने के लिए अदालत से निवेदन किया। बचाव पक्ष की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने प्रोटेस्ट पिटीशन का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात अदालत ने उक्त आवेदन पर आदेश पारित कर दिया। इसी अदालत में राजीव रोशन हत्याकांड से ही जुड़े दूसरे पूरक मामले अखलाक एवं चंदन के मामले में आंशिक सुनवाई की गई। बहुचर्चित प्रतापपुर गोली कांड से जुड़े मामले में कांड के सूचक एवं गवाह शिवजी सिंह के अस्वस्थ रहने के कारण न्यायालय नहीं पहुंच पाने की वजह से मामले में गवाही नहीं हो सकी।