परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में एसआइटी टीम तथा जीबी नगर पुलिस ने संयुक्त रूप से गुप्त सूचना तथा मोबाइल टॉवर लोकेशन के आधार पर छापेमारी करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अपराधियों में माधोपुर गांव निवासी वीरेश राम, ढेला राम एवं अरविंद कुमार बीन को पूछताछ करने के बाद मंगलवार को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से न्यायाधीश ने जेल भेज दिया। बता दें कि तरवारा बाजार के दुकानदार अनवर आलम से दो बाइक पर सवार अज्ञात चार अपराधियों ने हथियार के बल पर 25 हजार रुपये और एक मोबाइल की लूट उनके दरवाजे से कर ली थी और फायरिंग करते हुए भाग गए थे, जिसको लेकर दुकानदार अनवर आलम ने स्थानीय थाना में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी, इसी मामले में पुलिस ने लूट की गई मोबाइल के आधार पर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
बारात के विवाद का निपटारा करने गई पुलिस पर पथराव
परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में मंगलवार को बरात के दौरान दो पक्षों के बीच हुए विवाद का निपटारा करने गई पुलिस पर दोनों पक्षों ने जमकर पथराव कर दिया। पुलिस पर पथराव देखकर पदाधिकारी वहां से किसी तरह दलबल के साथ भाग कर अपनी जान बचाई। इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। मामले में थानाध्यक्ष राकेश मोहन ने बताया कि मंगलवार की रात शब-ए-बरात को शांति पूर्वक संपन्न कराने को ले एएसआई बैजनाथ राम को दलबल के साथ तैनात किया गया था। जहां बगल में बरात आई हुई थी, उसमें लाउडस्पीकर बज रहा था। लाउडस्पीकर की आवाज पर एक समुदाय के लोग विरोध पर उतारू हो गए। देखते देखते दोनों पक्ष के लोग लाठी डंडा, तलवार आदि हाथ में ले एक-दूसरे से उलझ गए, जिसकी सूचना पर बगल में ड्यूटी पर तैनात एएसआई विवाद सुलझाने के उद्देश्य से तनाव वाले स्थल पर पहुंचे, जहां पुलिस को देख दोनों पक्ष एक हो गया और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियों के उपद्रव की सूचना एएसआई ने थानाध्यक्ष को दी। सूचना मिलते ही त्वरित करवाई करते हुए थानाध्यक्ष ने दलबल के साथ स्थल पर पहुंचे। थानाध्यक्ष के पहुंचते ही पुलिस पर हमला करने वाले सभी लोग फरार हो गए। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों , पुलिस पर हमला करने के आरोप में दोनों पक्ष के 17 लोगों सरोज राय, शंकर राय, अवधेश राय, विजय राय, राजकुमार राय, सुरेंद्र राय, सुरेश राय, वीरेंद्र राय, उमा राय, सेराजुलद्दीन मियां, मुन्ना मियां, आफताब मियां, पप्पू मियां, सलाउद्दीन मियां, सोनी मियां, भुनर मियां एवं कुरबान मियां के अलावा 40 से 50 अन्य लोगों पर प्राथमिकी एएसआई बैजनाथ राम के बयान पर दर्ज की गई है।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
पत्नी की हत्या कराने को भतीजे से चलवाई गोली, पिता घायल
परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के चकिया गांव में बुधवार की सुबह दंपती के बीच वर्षों से चल रहे अंतर्कलह को लेकर पति ने अपनी पत्नी की हत्या कराने की नीयत से अपने भतीजे से ही पत्नी पर अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायरिंग करावा दी। फायरिंग के दौरान बीच बचाव को आए ससुर दुर्गा तिवारी ही पोते की गोली से घायल हो गए। शोर शराबा और फायरिंग की आवाज सुनकर वहां पहुंचे स्थानीय लोगों ने घायल को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल भेजा। जहां से घायल के पुत्र पृत्वी तिवारी और उनके पोता गोलू तिवारी ने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में इलाज को भर्ती कराया। घायल का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। वहीं चिकित्सकों ने बताया कि घायल को गोली दाहिने पैर के जांघ में लग कर बाहर निकल गई है। खबर प्रेषण तक घायल का इलाज सदर अस्पताल में ही चल रहा था। इधर घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस को आवेदन देकर अपने दामाद पृथ्वी नाथ तिवारी, भतीजा गोलू तिवारी सहित भतीजी को नामजद किया है। मामले में बताया जाता है कि चकिया गांव निवासी दुर्गा तिवारी के पुत्र पृथ्वी तिवारी और गुठनी थाना क्षेत्र के ही अखिलेश मिश्र की लड़की रीना देवी की शादी 2009 में हुई। पृथ्वीनाथ तिवारी आइटीबीपी में कार्यरत हैं। लोगों की माने तो शादी के बाद पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था। किसी कारण वश पति-पत्नी में मनमुटाव हो गया। इसके बाद बात पंचायती तक पहुंच गई। गांव वालों के अनुसार इसी कारण से अभी तक उनके बच्चे नहीं हुए हैं। बुधवार की सुबह पृथ्वी के ससुर अखिलेश मिश्र, साला मनोज मिश्रा, पतउवां गांव से इनके घर पंचायती के लिए आए थे। पंचायती के दौरान पृथ्वी तिवारी और उनके पिताजी के साथ रीना देवी के संबंध में बातचीत कर रहे थे तभी दोनों पक्ष अचानक आक्रोशित हो गए और एक पक्ष द्वारा पास में रखे रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी गई जिसमें गोली पृथ्वी के पिता दुर्गा तिवारी के दाहिने जांघ में जा लगी। गोली लगने के बाद दुर्गा तिवारी बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। इसके बाद दोनों पक्ष एक दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाते रहे। फायरिंग और हो हंगामे की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां एकत्रित हुए और घायल दुर्गा तिवारी को उनके पोता गोलू तिवारी ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनका इलाज चल रहा है। थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने बताया कि लड़की पक्ष से आवेदन मिला है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद से ही पृथ्वीनाथ तिवारी, उसका भतीजा गोलू तिवारी हथियार के साथ फरार हैं।
घायल ने मीडिया के समक्ष कई बार बदला बयान
सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में घायल दुर्गा तिवारी मीडिया के समक्ष कई तरह के बयान दे रहे थे। दुर्गा तिवारी ने इलाज के क्रम में कहाकि मुझे गोली किसने मारी मैंने नहीं देखा। इससे यह बात साफ हो रही थी कि घायल को यह पता ही नहीं है कि उसे किसने गोली मारी। जबकि घायल के साथ आए हुआ उसका पुत्र पृथ्वी नाथ तिवारी और उसका पोता गोलू बार बार दुर्गा तिवारी को समझाने में लगे हुए थे और मीडिया में कुछ भी बताने से मना कर रहे थे। इससे यह मामला विवादस्पद लग रहा था। बहरहाल पुलिस ने इस मामले में आवेदन मिलने के बाद अपनी जांच तेज कर दी है। [sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
मुरादें मांगने में गुजरी शब-ए-बरात की रात
परवेज़ अख्तर/सिवान :- जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों में मंगलवार की रात मुस्लिम भाइयों में शब-ए-बरात को लेकर काफी उत्साह देखा गया। इस्लामी साल का आठवां महीना शाबान की 15वीं रात में खामोश बस्तियां गुलजार हो उठीं। बरसों से कब्र में दफन अपने पूर्वजों के लिए फातेहा पढ़ बख्शीश की दुआ अल्लाह से मांगी गई। इसके लिए रात भर कब्रिस्तान में लोगों का आना जाना लगा रहा। अगरबत्तियों की खुशबू से फिजा सराबोर हो उठी। सड़कों पर बच्चे अल्लाहो अकबर के नारे बुलंद कर रात इबादत में जागने का सबूत दिया। कब्रिस्तान और मस्जिदों में रोशनी का विशेष प्रबंध किया गया था। इसे आकर्षक तरीके से सजाया-संवारा गया था। पूरी रात मस्जिदें इबादत गुजारों से भरी रहीं। कुरान शरीफ की तिलावत, फर्ज, सुन्नत और नफील नमाजे अदाकर खैर एवं बरकत की दुआएं की गई। गुनाहों से तौबा कर इससे बचने और पूर्व की गलतियों की माफी मांगी गई। मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक में स्थान मिलने की ईश्वर से कामना की गई। शब-ए-बरात के महत्व को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के बच्चे, जवान, बूढ़े सभी सूर्यास्त होते ही मस्जिदों मे जाकर अल्लाह की इबादत मे मशगूल हो गए। कई मस्जिदों में उल्लमाओं ने अपनी नूरानी तकरीर से अल्लाह के हुक्म और रसूलुल्लाह के बताए रास्ते पर चलने की ताकीद की। मैरवा के मिस्करही मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद शमीम ने तकरीर करते हुए कहा कि शब-ए-बरात बख्शीश की रात है। इस रात को अल्लाह तआला अपने बंदों की हर नेक दुआ पूरी करते हैं। अगले एक साल की रिज्क इसी महीने तक्सीम की जाती है। अल्लाह अपने बंदों के लिए रहमत के तीन सौ दरवाजे खोल देते हैं। यह रात तमाम रातों से अफजल है। हदीस शरीफ में है कि इबादतगुजार बंदे की हर मुरादें अल्लाह शब-ए-बरात में पूरी करते हैं। इसलिए इस खास अवसर को गंवाने वाला बद किस्मत ही हो सकता है। जिला मुख्यालय के कागजी मोहल्ला, नवलपुर, नई किला, मखदुम सराय, एमएम कॉलोनी, महादेवा, हकाम, बिंदुसार-हामिद, रामपुर, ओरमा, चकिया, फतेहपुर, पकड़ी बंगाली समेत अन्य जगहों के कब्रिस्तानों एवं मजारों पर मुस्लिम भाइयों ने नमाज अदा कर दुआएं मांगी। इसके अलावा मैरवा प्रखंड के लालगंज, मिस्करही, मोतीछापर, बैकुंठछापर, बड़गांव, कैथवली, बभनौली, परसिया, नवादा, बड़गांव, करजनिया, इंग्लिश, कोल्हुआ, दरगाह, डोमडीह, हरपुर, बरासो, सेमरा, लेभरी खैरा समेत विभिन्न गांव में स्थित कब्रिस्तान में जाकर लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया और उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना की। अपने गांव में स्थित मस्जिदों में इबादत की। वहीं बड़हरिया, लौवान, कुड़वा, ईदगाह, लकड़ी दरगाहर, मुर्गिया टोला, गोरेयाकोठी, शेखपुरा, महम्मदपुर, दुधरा, नबीगंज, लखनौरा, मदारपुर,vबसंतपुर, खवासपुर, शेखपुरा, शहरकोला, भगवानपुर, चौरासी, ब्रह्मस्थान, मोरा मैरी, सरेयां, हसनपुरा, शेखपुरा, अरंडा, उसरी, गायघाट, लहेजी, रजनपुरा पियाउर, महाराजगंज, तक्कीपुर, दारौंदा, रुकुंदीपुर, हुसैनगंज, बड़रम, सुरापुर, फरीदपुर, सिसवन, तरवारा, डी के सारंग पुर, पचरुखी, चौकी हसन, फखरुद्दीनपुर, सिसवन, रघुनाथपुर, आंदर, दरौली, जीरादेई, जामापुर, चांदपाली आदि गांवों में कब्रिस्तान तथा मजारों पर मुस्लिम भाइयों ने पूरी रात दुआएं मांगी।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
बाइक सवार ने खड़े ट्रक में मारी टक्कर, मौत
माता का पुर्जा लगवाने जा रहा था मृतक
मौके पर पहुंचे राजद नेता
परवेज़ अख्तर/सीवान:- बड़हरिया-सीवान मुख्य मार्ग पर तकिया रसूलपुर गांव के समीप मंगलवार की तड़के एक बाइक सवार व्यक्ति ने अनियंत्रित होकर रोड़ के किनारे खड़ी ट्रक में टक्कर मार दी टक्कर मार दी। जिससे उसकी दर्दनाक मौत मौके पर ही हो गई।यह घटना सीवान की तरफ से तेज रफ़्तार में आ रही चारपहिया वाहन की चपेट में बचने के कारण हुई। मृतक की पहचान जिले के बड़हरिया थाना के नवलपुर गांव निवासी डल्लू चौधरी के पुत्र मुन्ना यादव (35) के रूप में हुई है। प्राप्त विवरण के मुताबिक मृतक मुन्ना यादव मंगलवार की तड़के अपने घर से बाइक पर सवार होकर जिला मुख्यालय स्थित डॉ भानु प्रताप के पास अपने माता जी का पुर्जा लगाने के लिए आ रहे थे।तभी तकिया रसूलपुर गांव स्थित शिवजी शर्मा के घर के सामने ट्रक यूपी 53CT .2890 खड़ी थी उसी में जाकर टक्कर मार दी।घटना को देख आस-पास के ग्रामीण इकठ्ठा हो गए औए मृतक के मोबाइल से ही उक्त घटना की सुचना उसके परिजनों को दी। उधर सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजनों ने उसे सदर अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया इस घटना को लेकर मृतक मुन्ना यादव के सगे भाई मनोज कुमार यादव ने एक लिखित आवेदन मुफस्सिल थाना पुलिस को सुपुर्द किया है जिसके आधार पर पुलिस छानबीन शुरु कर दी है।उधर इस घटना को लेकर बड़हरिया के राजद के पुर्व प्रत्यासी सह राजद नेता मो.मोबिन ने खड़ी ट्रक के चालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है।तथा जिला प्रशासन से उचित मुआवजा की मांग की है।मांग पूरी नही होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
6 वर्षीय लापता बच्ची का लगा अपनों का हाथ
सीवान ऑनलाईन न्यूज पोर्टल को परिजनों ने दिया धन्यवाद
परवेज़ अख्तर/मीरगंज /गोपालगंज:- गोपालगंज जिले के मीरगंज थाना इलाका के पिपरा गांव निवासी रमेश साह की 6 वर्षीय बच्ची गाँव में खेलने के दौरान अचानक रविवार की देर शाम से लापता हो गयी थी। इस खबर को सीवान ऑनलाईन न्यूज पोर्टल ने बड़े ही प्राथमिकता से चलाया। इसी बीच किसी पाठक की नजर उक्त खबर पर पड़ी। बाद में हुआ यूँ की आखिकार लापता बच्ची का अपनों का हाथ लगा। सीवान ऑनलाईन न्यूज पोर्टल के पूरी टीम को जिले के महादेवा ओपी थाना इलाका के सलेमपुर मुहल्ला निवासी व लापता बच्ची के सगे मामा नवनीत कुमार साह ने बधाई दी। और कहा की मैं आजीवन पूरी टीम का आभारी रहूँगा। बता दें की 6 वर्षीय परिधि कुमारी अपने पैतृक गाँव पिपरा में छोटे -छोटे बच्चों के साथ रविवार को खेल रही थी की तभी वह अचानक लापता हो गयी थी। उसका बहुत खोजबीन किया गया था परंतु उसका कहीं सुराग नही लग रहा था। उधर लापता बच्ची का सुराग नही मिलने से उसके पिता रमेश साह, माता प्रमिला देवी समेत पूरा परिजन परेशान थे। इस खबर को सीवान ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ने बड़े ही प्राथमिकता से इस खबर को जैसे ही चलाया तो महज कुछ घण्टे बाद परिजनों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली और लापता बच्ची के मामा नवनीत कुमार साह ने सीवान ऑनलाईन न्यूज पोर्टल के पत्रकार के पास फोन कर खुशखबरी सुनाते हुए बधाई दी।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
पुत्र को विक्षिप्त बता पिता ने हथकड़ी डाल 15 दिनों से बनाया बंधक
परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के दरौली थानाक्षेत्र के रामपुर गांव में एक पिता द्वारा अपने युवा पुत्र को विगत 15 दिनों से हाथ में लोहे का पैकड़(हथकड़ी) डाल एक कमरे में बंधक बनाकर रखने का मामला प्रकाश में आया है। पिता द्वारा अपने पुत्र को लोहे के पैकड़ लगा बंधक बनाना मानवता को शर्मसार कर दिया है। जानकारी हो कि रामपुर सरेया गांव निवासी राम प्रसाद ने अपने पुत्र उपेंद्र ठाकुर को विक्षिप्त कह हाथ में लोहे का पैकड़ लगा एक कमरे में बंद कर दिया है। उपेंद्र 15 दिनों से कमरे में बंद पड़ा हुआ है। पिता राम प्रसाद अपने पुत्र उपेंद्र को थोड़ा-थोड़ा भोजन खाने को दे रहा है। राम प्रसाद से पूछने पर उसका कहना है कि पुत्र पागल हो चुका है। पागलपन का दौरा पड़ने पर बार-बार मुझे मारने दौड़ता था जिससे मैंने उसे लोहे का पैकड़ लगा दिया है। वहीं उपेंद्र की मां उषा देवी का कहना है कि मेरा पुत्र थोड़ा अर्द्धविक्षिप्त है लेकिन मेरे पति राम प्रसाद इलाज नहीं करा उसको मार देने की नीयत से लोहे का पैकड़ लगा पागल करार दिया है और वह चाहते हैं कि मेरा बेटा अर्द्धविक्षिप्तता से पूरा पागल हो जाए। हालांकि गांव वाले सहित अन्य परिजन जब खिड़की से उपेंद्र से बातचीत करते हैं तो उपेंद्र अपना नाम, गांव सही-सही बता रहा है। आस पास के लोगों की बात माने तो उपेंद्र बातचीत से बहुत पागल की तरह व्यवहार नहीं कर रहा है। मां उषा देवी को यह शंका बनी हुई है कि उसका पति मेरे पुत्र उपेंद्र को इसी तरह से बंधक बना कहीं मार न दे। वहीं उपेंद्र की मां ने स्थानीय थाने को इसकी सूचना दी है। इस संबंध में पूछने पर थानाध्यक्ष जयनारायण राम ने बताया कि उपेंद्र की मां ने मौखिक जानकारी दी है। जांच करने पर लड़का कुछ विक्षिप्त लग रहा है किंतु हाथ में हथकड़ी लगने से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि इसकी जांच की जा रही है। उपेंद्र को बंधक से मुक्त कराकर उसकी मां को सौंपा जाएगा ताकि वह उसका इलाज करा सके।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
अर्श से फर्श पर पूरी रात बरसेगी रहमत की बारिश, शब-ए-बरात कल
परवेज़ अख्तर/सिवान :- मुस्लिम कैलेंडर के मुताबिक शाबान माह की 15 तारीख को शब-ए-बरात मनाया जाएगा। इसको लेकर शहर से गांव तक के कब्रिस्तानों, मजारों में साफ सफाई करते हुए मुस्लिम भाइयों को देखा गया। वहीं मस्जिदों में भी इसकी तैयारी के साथ-साथ पूरी रात कुरान तथा नमाज पढ़ने की भी तैयारी कर ली गई है। दूसरी तरफ इस दिन अपनों को याद कर बख्शीश की दुआ करेंगे। बता दें कि शब-ए-बरात दो शब्दों, शब और बरात से मिलकर बना है। शब का अर्थ है रात। वहीं बारात का अर्थ बरी होना होता है। मुसलमानों के लिए यह रात बहुत फजीलत (महिमा) की रात होती है। इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की अबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। इबादत, तिलावत और सखावत (दान-पुण्य) के इस मौके के लिए मस्जिदों और कब्रिस्तानों में खास सजावट की गई है। रात में मनाए जाने वाले शब-ए-बरात के त्योहार पर कब्रिस्तानों में भीड़ का आलम रहेगा। पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम हैं। मालवा-निमाड़ में इस त्योहार पर तरह-तरह के स्वादिष्ट मिष्ठानों पर दिलाई जाने वाली फातेहा के साथ इसे मनाया जाता है। मुस्लिम धर्मावलंबियों के प्रमुख पर्व शब-ए-बरात के मौके पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शानदार सजावट हुई है तथा जल्से का एहतेमाम किया गया है। बता दें कि मुस्लिम धर्मावलंबी अपने उन परिजनों, जो दुनिया से रूख्श्त हो चुके हैं, उसकी मगफिरत की दुआएं करने के लिए कब्रिस्तान भी जाते हैं। हदीस में बयान किया गया है कि इस रात इस कायनात का मालिक पहले आसमान पर जलवागर होकर इंसानों को पुकारता है कि कोई मगफेरत तलब करे तो मैं उसको बख्श दूं, कोई रिज्क मांगे तो उसे रिज्क दूं, कोई बीमार दुआ करे तो मैं उसे शिफा बख्शूं। अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्ललाहोअलैहे वसल्लम फरमाया करते थे कि शाबान मेरा महीना है, रजब अल्लाह का महीना है और रमजान मेरी उम्मत का महीना है। शाबान गुनाहों को मिटाने वाला और रमजान पाक करने वाला है। लिहाजा इस रात जागकर घूमने-फिरने और पटाखे छोड़ने के बजाय जरूरत इसकी है कि पूरी रात मालिक से उसकी रहमत, उसके फजलो करम, उसकी बख्शीश और उसकी रजा तलब करें।
कहते हैं मौलाना
इस्लामी मान्यता के मुताबिक शब-ए-बरात की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है। साथ ही इस रात मुस्लिम धर्मावलंबी अपने उन परिजनों, जो दुनिया से रूख्श्त हो चुके हैं, की मगफिरत की दुआएं करने के लिए कब्रिस्तान भी जाते हैं। अरब में यह लयलातुल बराह या लयलातून निसफे मीन शाबान के नाम से जाना जाता है, जबकि, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, अफगानिस्तान और नेपाल में शब-ए-बारात के नाम से जाना जाता है।
बेलाल अशरफ, जामा मस्जिद, पचरुखी

पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात को अहम काम है।
अब्दुल करीम रिजवी, तरवारा

कब्रिस्तान में जाकर मांगेंगे पूर्वजों के लिए दुआएं
शब-ए-बरात कि रात कब्रिस्तान में जाकर पूर्वजों की बख्शीश की दुआ की जाएगी। इस बार पहली मई की रात को शब-ए- बरात है। इस संदर्भ में मिस्करही मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद शमीम ने कहा कि शाबान की पंद्रहवीं रात शब्दों ए बरसत में अल्लाह ताला भरपूर खैर एवं बरकत अता करते हैं। इस महीने की 15 मई रात शब-ए- बरात रहमत और बख्शीश की रात है। इसी रात को अल्लाह ताला अपने बंदों के लिए एक साल का रिज्क निर्धारित करते हैं। हदीस में है कि इस मुबारक रात में अल्लाह तआला अपने बंदों के लिए रहमत के तीन सौ दरवाजे खोल देते हैं और तमाम मुसलमानों को बख्श देते हैं, लेकिन बद मजहबों मुशरिकों जादूगरों शराबियों और बलात्कारियों की बख्शीश की कोई गुंजाइश नहीं होती। उन्होंने कहा कि इस रात में इबादत कर अपने और अपने पूर्वजों के लिए बख्शीश की दुआ की जाती है। अल्लाह ताला हर नेक दुआ को कबूल फरमाता है। यह रात मुकद्दस रात है। इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए। कुरान शरीफ की तिलावत करना, फर्ज नमाज और नफिल नमाज कसरत से पढ़ना, मस्जिद में जाना और अल्लाह की याद में मशहूर रहना, कब्रिस्तान में जाना और अपने पूर्वजों की बख्शीश के लिए दुआ मांगना इस रात के बड़ी इबादत है।
